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बगहा में मछली खाना पड़ गया महंगा.. बच्चों समेत एक ही परिवार के आधा दर्जन लोग बीमार

बगहा में कैलाशनगर के वार्ड संख्या चार चिरान टोला में डायरिया ने पांव पसार दिया है. शहरी पीएचसी में कार्यरत आशा गायत्री देवी के घर पर उसके परिवार के ही एक बुजूर्ग व बच्चों सहित छह सदस्य बीमार हो गए हैं. तो वहीं एक एम्बुलेंस कर्मी के परिवार में भी डायरिया पीड़ित महिला मिली है.

Many People Ill In Bagha
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Published : Aug 17, 2022, 6:40 PM IST

पश्चिम चंपारण (बगहा) : कैलाशनगर के चिरान टोला में एक ही परिवार के आधा दर्जन लोग डायरिया से पीड़ित (Many People Ill In Bagha) मिले हैं. कहा जा रहा है कि मछली खाने की वजह से सभी बीमार पड़े (Sick After Eating Fish) हैं. मिली जानकारी के मुताबिक आशा कर्मी स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करा रही थी. वहीं दूसरी तरफ पीएचसी अस्पताल के एंबुलेंस चालक की पत्नी भी डायरिया जैसी बीमारी से जूझ रही है. हैरत की बात है कि अब 3 दिन के बाद चिकित्सकों की टीम जांच करने गए और फिर उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज किया गया.

ये भी पढ़ें - नालंदा में डायरिया का प्रकोप, दो बच्ची की मौत.. कई अस्पताल में भर्ती


डॉक्टरों की टीम गठन कर भेजा गया : आशा गायत्री देवी ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर एक झोलाछाप को बुलाकर पानी चढ़ाया गया. उससे पहले दवा व इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. डायरिया के बढ़ते प्रकोप व स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मोहल्लेवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोग डरे सहमे हुए हैं कि कही इसका संक्रमण न फैल जाए. प्रभारी डॉक्टर संदीप कुमार राय ने बताया कि जानकारी मिलते ही टीम गठन कर डॉ. एके ठाकुर के नेतृत्व में मौके पर भेजा गया. ताकि जल्द ही स्थिति पर काबू पाया जा सके.

मछली खाने के बाद सबकी स्थिति बिगड़ी : सभी पीड़ितों का अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर तारिक नदीम की देखरेख में इलाज किया गया. उन्होंने बताया कि दो बच्चों समेत आधा दर्जन पीड़ित आए थे जो इलाज के बाद खुद को बेहतर महसूस कर रहे थे. उन्होंने बताया कि मछली खाने के बाद सबकी स्थिति बिगड़ गई थी और लूज मोशन समेत उल्टी होने लगी थी.

पश्चिम चंपारण (बगहा) : कैलाशनगर के चिरान टोला में एक ही परिवार के आधा दर्जन लोग डायरिया से पीड़ित (Many People Ill In Bagha) मिले हैं. कहा जा रहा है कि मछली खाने की वजह से सभी बीमार पड़े (Sick After Eating Fish) हैं. मिली जानकारी के मुताबिक आशा कर्मी स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करा रही थी. वहीं दूसरी तरफ पीएचसी अस्पताल के एंबुलेंस चालक की पत्नी भी डायरिया जैसी बीमारी से जूझ रही है. हैरत की बात है कि अब 3 दिन के बाद चिकित्सकों की टीम जांच करने गए और फिर उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज किया गया.

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डॉक्टरों की टीम गठन कर भेजा गया : आशा गायत्री देवी ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर एक झोलाछाप को बुलाकर पानी चढ़ाया गया. उससे पहले दवा व इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. डायरिया के बढ़ते प्रकोप व स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मोहल्लेवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोग डरे सहमे हुए हैं कि कही इसका संक्रमण न फैल जाए. प्रभारी डॉक्टर संदीप कुमार राय ने बताया कि जानकारी मिलते ही टीम गठन कर डॉ. एके ठाकुर के नेतृत्व में मौके पर भेजा गया. ताकि जल्द ही स्थिति पर काबू पाया जा सके.

मछली खाने के बाद सबकी स्थिति बिगड़ी : सभी पीड़ितों का अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर तारिक नदीम की देखरेख में इलाज किया गया. उन्होंने बताया कि दो बच्चों समेत आधा दर्जन पीड़ित आए थे जो इलाज के बाद खुद को बेहतर महसूस कर रहे थे. उन्होंने बताया कि मछली खाने के बाद सबकी स्थिति बिगड़ गई थी और लूज मोशन समेत उल्टी होने लगी थी.

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