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बेतिया: 7 दिनों से रिहायशी इलाके में तेंदुआ का था आतंक, वन विभाग की टीम ने पकड़ा

पिछले 1 सप्ताह के अंदर तेंदुआ ने कुत्ता, बकरी और एक नील गाय को अपना शिकार बना चुका है. वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक तेंदुआ लॉकडाउन के दौरान भटक कर उदयपुर के जंगल में आ गया था. इससे आस-पास के गांव में लगातार हमला कर रहा था.

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Published : Jul 5, 2020, 8:20 PM IST

बेतिया: पश्चिम चंपारण के बैरिया प्रखंड में आतंक मचा रहे एक तेंदुए को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है. उदयपुर के जंगल में काफी दिनों से एक तेंदुए ने जंगल के किनारे बसे गांव में आतंक मचा रखा था. जिसे रविवार को वन अधिकारियों ने रेस्क्यु कर पिंजड़े में कैद कर लिया गया. वन अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ लॉकडाउन में वाल्मीकिनगर के जंगल से भटक कर आया है. इसे फिर से वाल्मीकिनगर के घने जंगलों में छोड़ा जाएगा.

वन विभाग की टीम ने ऑपरेशन रेसक्यू चलाकर उदयपुर जंगल में करीब 1 सप्ताह से डेरा डाले तेंदुआ को भागड़ यादव मंदिर के पास कैद कर लिया. इससे जंगल किनारे बसे पतरखा के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. बता दें कि तेंदुआ पिछले 1 सप्ताह के अंदर तीन कुत्ते, दो बकरी और एक नील गाय को मार चुका है. पतरखा गांव के लोग इससे काफी दहशत में थे. तेंदुए के डर से लोग रात में जागने के लिए मजबूर थे.

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तेंदुए को पड़ने पहुंची स्पेशल टीम

भीड़ पर किया पुलिस ने किया लाठी चार्ज

बेतिया डिवीजन के डीफओ संजीव रंजन ने बताया कि तेंदुआ को रेस्क्यू टीम वाल्मीकि नगर व्याघ्र परियोजना के रखिया जंगल में छोड़गी. लॉकडाउन में यह तेंदुआ वीटीआर क्षेत्र से भटक कर गण्डक नदी के किनारे किनारे उदयपुर के जंगल में चला आया था. हालांकि, ग्रामीणों ने दो तेंदुआ होने की बात कही है. एक पकड़ा जा चुका है. हालांकि, वन विभाग के अधिकारी दूसरे तेंदुआ की पुष्टि नहीं कर रहे है. वहीं, पिजड़े में कैद तेंदुआ को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लगी रही. भीड़ को हटाने के लिए बैरिया पुलिस और वन कर्मियों को बल प्रयोग करना पड़ा.

बेतिया: पश्चिम चंपारण के बैरिया प्रखंड में आतंक मचा रहे एक तेंदुए को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है. उदयपुर के जंगल में काफी दिनों से एक तेंदुए ने जंगल के किनारे बसे गांव में आतंक मचा रखा था. जिसे रविवार को वन अधिकारियों ने रेस्क्यु कर पिंजड़े में कैद कर लिया गया. वन अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ लॉकडाउन में वाल्मीकिनगर के जंगल से भटक कर आया है. इसे फिर से वाल्मीकिनगर के घने जंगलों में छोड़ा जाएगा.

वन विभाग की टीम ने ऑपरेशन रेसक्यू चलाकर उदयपुर जंगल में करीब 1 सप्ताह से डेरा डाले तेंदुआ को भागड़ यादव मंदिर के पास कैद कर लिया. इससे जंगल किनारे बसे पतरखा के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. बता दें कि तेंदुआ पिछले 1 सप्ताह के अंदर तीन कुत्ते, दो बकरी और एक नील गाय को मार चुका है. पतरखा गांव के लोग इससे काफी दहशत में थे. तेंदुए के डर से लोग रात में जागने के लिए मजबूर थे.

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तेंदुए को पड़ने पहुंची स्पेशल टीम

भीड़ पर किया पुलिस ने किया लाठी चार्ज

बेतिया डिवीजन के डीफओ संजीव रंजन ने बताया कि तेंदुआ को रेस्क्यू टीम वाल्मीकि नगर व्याघ्र परियोजना के रखिया जंगल में छोड़गी. लॉकडाउन में यह तेंदुआ वीटीआर क्षेत्र से भटक कर गण्डक नदी के किनारे किनारे उदयपुर के जंगल में चला आया था. हालांकि, ग्रामीणों ने दो तेंदुआ होने की बात कही है. एक पकड़ा जा चुका है. हालांकि, वन विभाग के अधिकारी दूसरे तेंदुआ की पुष्टि नहीं कर रहे है. वहीं, पिजड़े में कैद तेंदुआ को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लगी रही. भीड़ को हटाने के लिए बैरिया पुलिस और वन कर्मियों को बल प्रयोग करना पड़ा.

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