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बेतिया: 30 जनवरी को इंसाफ मंच कृषि कानून के खिलाफ करेगा प्रदर्शन

बेतिया में इंसाफ मंच का गठन किया गया. इस दौरान इंसाफ मंच के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह ने कहा कि देश में कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के साथ हम मिलकर उनके लड़ाई को और मजबूत करेंगे.

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Published : Jan 27, 2021, 9:38 PM IST

बेतिया: इंसाफ मंच का जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी बेतिया में संपन्न हुआ. सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंसाफ मंच के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह ने कहा कि देश में कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के साथ हम मिलकर उनके लड़ाई को और मजबूत करेंगे.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों, दलितों, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ इंसाफ मंच के बैनर तले आंदोलन को तेज करना है.

'भाजपा की सरकार देश में दलित, महादलित, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक और महिलाओं पर दमन-शोषण की नीति अपना रही है. लोकतांत्रिक व्यवस्था चरमरा चुकी है. भाजपा की ओर से सम्प्रदायिक उन्माद समाज में फैलाया जा रहा है. इन तमाम लोकतांत्रिक कारनामे के खिलाफ संघर्ष तेज करने के लिए ही इंसाफ मंच बना है': आफताब आलम, उपाध्याय, इंसाफ मंच

बैठक करते इंसाफ मंच के नेता
बैठक करते इंसाफ मंच के नेता

ये भी पढ़ें: कांग्रेस के 'भक्त' बोले- किसान आंदोलन में हिंसा करने वाले BJP के गुंडे

वहीं, भाकपा-माले सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि अपने ही देश के भीतर के काला अंग्रेजों के द्वारा भारत के 95% आबादी पर कहर ढ़ाया जा रहा है. श्रम और कृषि कानून को कोरोना काल में ही बिना बहस कराए ठोप दिया गया. किसान लगभग दो माह से दिल्ली वाॅर्डर पर इस शीत लहर में दिन-रात कृषि कानून के खिलाफ आन्दोलन कर रहे हैं. लेकिन ये कम्पनी हितैसी केन्द्र की मोदी सरकार अपने ही जिद पर अड़ी हुई है.

उन्होंने कहा कि हमें इस तानाशाह मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने का संकल्प लेना होगा. 30 जनवरी को महात्मा गांधी के शहादत दिवस के अवसर पर तीन काले कानून के खिलाफ बन रहें मानव श्रृंखला में इंसाफ मंच पूरे दलबल के साथ सड़कों पर उतर कर तीनों काले कानून को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ेगा.

बेतिया: इंसाफ मंच का जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी बेतिया में संपन्न हुआ. सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंसाफ मंच के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह ने कहा कि देश में कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के साथ हम मिलकर उनके लड़ाई को और मजबूत करेंगे.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों, दलितों, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ इंसाफ मंच के बैनर तले आंदोलन को तेज करना है.

'भाजपा की सरकार देश में दलित, महादलित, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक और महिलाओं पर दमन-शोषण की नीति अपना रही है. लोकतांत्रिक व्यवस्था चरमरा चुकी है. भाजपा की ओर से सम्प्रदायिक उन्माद समाज में फैलाया जा रहा है. इन तमाम लोकतांत्रिक कारनामे के खिलाफ संघर्ष तेज करने के लिए ही इंसाफ मंच बना है': आफताब आलम, उपाध्याय, इंसाफ मंच

बैठक करते इंसाफ मंच के नेता
बैठक करते इंसाफ मंच के नेता

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वहीं, भाकपा-माले सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि अपने ही देश के भीतर के काला अंग्रेजों के द्वारा भारत के 95% आबादी पर कहर ढ़ाया जा रहा है. श्रम और कृषि कानून को कोरोना काल में ही बिना बहस कराए ठोप दिया गया. किसान लगभग दो माह से दिल्ली वाॅर्डर पर इस शीत लहर में दिन-रात कृषि कानून के खिलाफ आन्दोलन कर रहे हैं. लेकिन ये कम्पनी हितैसी केन्द्र की मोदी सरकार अपने ही जिद पर अड़ी हुई है.

उन्होंने कहा कि हमें इस तानाशाह मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने का संकल्प लेना होगा. 30 जनवरी को महात्मा गांधी के शहादत दिवस के अवसर पर तीन काले कानून के खिलाफ बन रहें मानव श्रृंखला में इंसाफ मंच पूरे दलबल के साथ सड़कों पर उतर कर तीनों काले कानून को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ेगा.

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