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बेतिया: कचरा डम्पिंग जोन बना ऐतिहासिक सागर पोखर, साल में एक ही बार होती है पोखर की सफाई - bihar news

बेतिया का ऐतिहासिक सागर पोखर इस वक्त कूड़ा-कचरा का डंपिंग स्थान बना हुआ है. नगर परिषद इसकी सौंदर्यीकरण के लिए कई योजनाओं को लेकर आई. लेकिन सौंदर्यीकरण की योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई.

एक बार होती है पोखर और घाटों की सफाई
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Published : Oct 17, 2019, 7:21 PM IST

बेतिया: जिले का ऐतिहासिक सागर पोखर कचरा डम्पिंग का स्थान बन गया है. यहां सालभर में एक बार ही पोखर और घाटों की सफाई होती है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि छठ पर्व नजदीक आने वाला है. अगर छठ पर्व से पहले घाटों की सफाई हो जाती और सागर पोखर से कूड़ा निकाल दिया जाता तो हमारा पर्व भी अच्छी तरह मन जाता.

सागर पोखर बना कचरा डम्पिंग का स्थान
बेतिया का ऐतिहासिक सागर पोखर इस वक्त कूड़ा-कचरा का डंपिंग स्थान बना हुआ है. कचरा फेंकने के साथ-साथ आसपास के लोग अपने-अपने घरों से निकलने वाले नाले का गंदा पानी भी पोखर में ही बहा रहे है. इस स्थिति में छठ व्रतियों को आस्था का पर्व गंदगी और बदबूदार पानी के बीच मनाना पड़ सकता है.

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सागर पोखर के किनारे पड़ा कूड़ा-कचरा

कागजों पर हुआ पोखर का सौंदर्यीकरण
नगर परिषद इसकी सौंदर्यीकरण के लिए बहुत सारे योजनाओं को लेकर आई. लेकिन सौंदर्यीकरण की योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई. इस पोखर का विकास करने के लिए मत्स्य विभाग के साथ-साथ नगर परिषद और जिला प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करता रहा. लेकिन इसकी नारकीय हालत किसी से छिपी नहीं है.

ऐतिहासिक सागर पोखर बना कचरा डम्पिंग का स्थान

छठ के लिए चलाया जा रहा सफाई अभियान
कई बार जिला प्रशासन की तरफ से अतिक्रमण को हटाया गया है. लेकिन इसके बाद भी कुछ भागों में अभी भी अतिक्रमण है. हालांकि छठ को लेकर नगर परिषद की तरफ से सफाई अभियान चलाई जा रही है. लेकिन इस सफाई अभियान से कुछ साबित नहीं हो रहा है. अगर यही हाल रहा तो छठ व्रतियों को कूड़े के अंबार के बीच छठ पर्व मनाना पड़ सकता है.

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स्थानीय निवासी

एक बार ही होती है पोखर की सफाई
साल में एक बार ही पोखर और घाटों की सफाई होती है. जिस कारण यहां गंदगी बढ़ती जाती है. वहीं नगर परिषद दावा करती है कि सागर पोखर का सौंर्दीयकरण किया जाएगा. घाटों के चारों तरफ लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी. चारों तरफ पेड़-पौधे लगाए जाएंगे. इसको आदर्श के रूप में स्थापित किया जाएगा. लेकिन ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला.

बेतिया: जिले का ऐतिहासिक सागर पोखर कचरा डम्पिंग का स्थान बन गया है. यहां सालभर में एक बार ही पोखर और घाटों की सफाई होती है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि छठ पर्व नजदीक आने वाला है. अगर छठ पर्व से पहले घाटों की सफाई हो जाती और सागर पोखर से कूड़ा निकाल दिया जाता तो हमारा पर्व भी अच्छी तरह मन जाता.

सागर पोखर बना कचरा डम्पिंग का स्थान
बेतिया का ऐतिहासिक सागर पोखर इस वक्त कूड़ा-कचरा का डंपिंग स्थान बना हुआ है. कचरा फेंकने के साथ-साथ आसपास के लोग अपने-अपने घरों से निकलने वाले नाले का गंदा पानी भी पोखर में ही बहा रहे है. इस स्थिति में छठ व्रतियों को आस्था का पर्व गंदगी और बदबूदार पानी के बीच मनाना पड़ सकता है.

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सागर पोखर के किनारे पड़ा कूड़ा-कचरा

कागजों पर हुआ पोखर का सौंदर्यीकरण
नगर परिषद इसकी सौंदर्यीकरण के लिए बहुत सारे योजनाओं को लेकर आई. लेकिन सौंदर्यीकरण की योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई. इस पोखर का विकास करने के लिए मत्स्य विभाग के साथ-साथ नगर परिषद और जिला प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करता रहा. लेकिन इसकी नारकीय हालत किसी से छिपी नहीं है.

ऐतिहासिक सागर पोखर बना कचरा डम्पिंग का स्थान

छठ के लिए चलाया जा रहा सफाई अभियान
कई बार जिला प्रशासन की तरफ से अतिक्रमण को हटाया गया है. लेकिन इसके बाद भी कुछ भागों में अभी भी अतिक्रमण है. हालांकि छठ को लेकर नगर परिषद की तरफ से सफाई अभियान चलाई जा रही है. लेकिन इस सफाई अभियान से कुछ साबित नहीं हो रहा है. अगर यही हाल रहा तो छठ व्रतियों को कूड़े के अंबार के बीच छठ पर्व मनाना पड़ सकता है.

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स्थानीय निवासी

एक बार ही होती है पोखर की सफाई
साल में एक बार ही पोखर और घाटों की सफाई होती है. जिस कारण यहां गंदगी बढ़ती जाती है. वहीं नगर परिषद दावा करती है कि सागर पोखर का सौंर्दीयकरण किया जाएगा. घाटों के चारों तरफ लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी. चारों तरफ पेड़-पौधे लगाए जाएंगे. इसको आदर्श के रूप में स्थापित किया जाएगा. लेकिन ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला.

Intro:बेतिया: बेतिया का ऐतिहासिक सागर पोखरा बना कचरा डम्पिंग का स्थान, साल भर में एक बार होती है पोखर और घाटों की सफाई, शहरवासियों को सफाई का इंतजार, बोले छठ पर्व से पहले हो घाटों की सफाई।


Body:बेतिया का ऐतिहासिक सागर पोखरा इस वक्त कूड़ा और कचरा का डंपिंग स्थान बना हुआ है, कचरा फेंकने के साथ-साथ आसपास के लोग अपने-अपने घरों से निकलने वाले नाले का गंदा पानी से भी पोखर में ही बहा रहे हैं, इस स्थिति में छठ व्रतियों का आस्था का पर्व गंदगी व बदबूदार पानी के बीच मनाना पड़ सकता है।

नगर परिषद इसकी सौंर्दीयकरण के लिए बहुत सारे योजनाओं को लेकर आई, लेकिन सौंर्दीयकरण की योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई है, इस पोखर का विकास करने के लिए मत्स्य विभाग के साथ-साथ नगर परिषद व जिला प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करता रहा लेकिन इसकी नारकीय हालत किसी से छिपी नहीं है, कई बार जिला प्रशासन द्वारा पोखर के अतिक्रमण को हटाया गया लेकिन इसके बाद भी कुछ भागों में अभी भी अतिक्रमण है, हालांकि छठ को लेकर नगर परिषद के द्वारा सफाई अभियान चलाई जा रही है लेकिन सफाई अभियान ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है, अगर यही हाल रहा तो छठ व्रतियों को कूड़े के अंबार के बीच छठ पर्व मनाना पड़ सकता।




Conclusion:बता दें कि साल में एक बार ही पोखर व घाटों की सफाई होती है, जिस कारण यहां गंदगी बढ़ती जाती है, नगर परिषद दावा करती है कि सागर पोखरा का सौंर्दीयकरण किया जाएगा, घाटों के चारों तरफ लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी, चारों तरफ पेड़ पौधे लगाए जाएंगे, इसको आदर्श के रूप में स्थापित किया जाएगा, लेकिन ऐसा कहीं देखने को नहीं मिला।

वहीं स्थानीय लोगों की बात करें तो उनका कहना है कि छठ पर्व नजदीक आने वाला है, अगर छठ पर्व से पहले घाटों की सफाई हो जाती और सागर पोखरा से कूड़ा निकाल दिया जाता तो हमारा पर्व अच्छी तरह मन जाता।

बाइट- स्थानीय निवासी

पीटीसी
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