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बेतिया: खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं लड़कियां, प्रशासन से लगाई सुरक्षा की गुहार

एमजेके कॉलेज की एक छात्रा की मानें तो उसे लगभग 3 साल से लड़कों की ओर से लगातार परेशान किया जा रहा था. लेकिन वो समाज और परिवार के डर से किसी को ये बात नहीं बताना चाहती थी. उसे डर लगता था कि उसके घर वाले ये जानेंगे तो उसका कॉलेज जाना बंद कर देंगे.

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असुरक्षित महसूस कर रही लड़कियां
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Published : Dec 8, 2019, 12:08 AM IST

बेतिया: प्रदेश में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं से लोग सहमे हुए हैं. लड़कियों को भी घर से अकेले निकलने में अब डर लगता है. देश में दुष्कर्म की लगातार बढ़ रही घटना से बेतिया शहर की लड़कियां भी डरी-सहमी हैं.

'सख्त कानून लाने की है आवश्यकता'
लड़कियों की मानें तो सरकार को सख्त कानून लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक करने की जरूरत है. मेंटल हेल्थ पर काम करने की जरूरत है. स्कूल में बचपन से ही बच्चों को जागरूक करने की आवश्यकता है. जिससे हर किसी के अंदर कानून का डर बन सके. वहीं, कुछ कॉलेज के छात्रों की मानें तो हमारे देश की कानून व्यवस्था बहुत ही लाचार हो गई है. इसके लिए कानून को ज्यादा से ज्यादा सख्त करने की जरूरत है.

असुरक्षित महसूस कर रही लड़कियां

'सोच बदलने की है जरूरत'
एमजेके कॉलेज की एक छात्रा की मानें तो उसे लगभग 3 साल से लड़कों की ओर से लगातार परेशान किया जा रहा था. लेकिन वो समाज और परिवार के डर से किसी को ये बात नहीं बताना चाहती थी. उसे डर लगता था कि उसके घर वाले ये जानेंगे तो उसका कॉलेज जाना बंद कर देंगे. ऐसे में ये समाज और परिवार के लोगों को भी अपनी सोच बदलने की जरूरत है. ताकि लड़कियां अपनी बातों को अपने माता-पिता से बोल सके. वहीं, जब लड़कियों की सुरक्षा पर बेतिया एसपी निताशा गुड़िया से बात करने की कोशिश की गई तो एसपी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

बेतिया: प्रदेश में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं से लोग सहमे हुए हैं. लड़कियों को भी घर से अकेले निकलने में अब डर लगता है. देश में दुष्कर्म की लगातार बढ़ रही घटना से बेतिया शहर की लड़कियां भी डरी-सहमी हैं.

'सख्त कानून लाने की है आवश्यकता'
लड़कियों की मानें तो सरकार को सख्त कानून लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक करने की जरूरत है. मेंटल हेल्थ पर काम करने की जरूरत है. स्कूल में बचपन से ही बच्चों को जागरूक करने की आवश्यकता है. जिससे हर किसी के अंदर कानून का डर बन सके. वहीं, कुछ कॉलेज के छात्रों की मानें तो हमारे देश की कानून व्यवस्था बहुत ही लाचार हो गई है. इसके लिए कानून को ज्यादा से ज्यादा सख्त करने की जरूरत है.

असुरक्षित महसूस कर रही लड़कियां

'सोच बदलने की है जरूरत'
एमजेके कॉलेज की एक छात्रा की मानें तो उसे लगभग 3 साल से लड़कों की ओर से लगातार परेशान किया जा रहा था. लेकिन वो समाज और परिवार के डर से किसी को ये बात नहीं बताना चाहती थी. उसे डर लगता था कि उसके घर वाले ये जानेंगे तो उसका कॉलेज जाना बंद कर देंगे. ऐसे में ये समाज और परिवार के लोगों को भी अपनी सोच बदलने की जरूरत है. ताकि लड़कियां अपनी बातों को अपने माता-पिता से बोल सके. वहीं, जब लड़कियों की सुरक्षा पर बेतिया एसपी निताशा गुड़िया से बात करने की कोशिश की गई तो एसपी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

Intro:बेतिया: हमें डर लगता है घर से अकेले निकलने में, हम खुले में जीना चाहते हैं लेकिन हमें डर लगता है, डर लगता है समाज के उस तबके से जो हमें उस गंदे नजर से देखते हैं, हमें डर लगता है घर से अकेले निकलने में, हम बेटी है, बहन है,मां है तो आखिर क्यों हमें डर लगता है घर से अकेले निकलने में ? जी हां देश में रेप की लगातार बढ़ रही घटना से बेतिया शहर की लड़की आहत है , उन्हें घर से निकलने में डर लगता है वह डरी और सहमी हुई हैं।








Body:बेतिया की लड़कियों की मानें तो सरकार को सख्त से सख्त कानून लाना चाहिए, समाज को जागरूक करने की जरूरत है, मेंटल हेल्थ पर काम करनी जरूरत है, स्कूल में बचपन से ही बच्चों को जागरूक और समझाने की आवश्यकता है ताकि हर किसी के अंदर कानून का डर हो, वहीं कुछ कॉलेज के छात्रों की माने तो हमारे देश का कानून व्यवस्था बहुत ही लचर है इसके लिए कानून को ज्यादा से ज्यादा सख्त करने की जरूरत है।



Conclusion:वही बेतिया एमजेके कॉलेज की एक छात्रा की मानें तो उसे लगभग 3 साल से लगातार लड़कों द्वारा परेशान किया जा रहा था, लेकिन वह समाज और परिवार के डर से किसी को यह बात नहीं बताना चाहती थी, उसे डर लगता था कि उसके घर वाले यह जानेंगे तो उसका कॉलेज जाना बंद हो जाएगा, ऐसे में यह समाज और परिवार के लोगों को भी अपनी सोच बदलने की जरूरत है, ताकि लड़कियां अपनी बातों को अपने माता-पिता से बोल सके नहीं तो ऐसा डर लड़कियों मे किसी बड़ी घटना को अंजाम को न्योता देने जैसा है।

वही जब लड़कियों की सुरक्षा पर ईटीवी भारत ने बेतिया एसपी निताशा गुड़िया से बात करने की कोशिश की तो एसपी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया, अब ऐसे में सवाल उठता है कि लड़कियों की सुरक्षा पर अगर पुलिस प्रशासन इसकी जिम्मेदारी नहीं उठाएगी, तो आखिर इन लड़कियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी होगी।


जितेन कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत बेतिया
पीटीसी
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