ETV Bharat / state

बेतिया: उपेक्षा की दंश झेल रहा ऐतिहासिक रानी पोखर, बन गया है कचरे का डंपिंग प्वाइंट - बेतिया राज के सहयोग से निर्मित

बेतिया राज के सहयोग से निर्मित यह ऐतिहासिक रानी पोखर आज मैदान के रूप में दिख रहा है. लबालब पानी से भरा रहने वाला पोखर अब पूरी तरह सूख गया है.

ऐतिहासिक रानी पोखर पर कचरे का अंबार
author img

By

Published : Aug 25, 2019, 4:34 PM IST

बेतिया: जिनके कंधे पर शहर को स्वच्छ और साफ रखने का जिम्मा हो, अगर उनके ही वॉर्ड में कचरे का अंबार मिले और उस जगह बेतिया का ऐतिहासिक धरोहर हो तो क्या कहा जा सकता है. शहर के बसवरिया पिउनीबाग वॉर्ड नंबर 28 में ऐतिहासिक रानी पोखर स्थित है. जो आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. ऐतिहासिक धरोहर के रुप में जाना जाने वाला रानी पोखर कचरे का डंपिंग स्थल के रूप में दिखने लगा है.

अपनी बदहाली पर आंसू बहाता ऐतिहासिक रानी पोखर

लगा है कचरे का अंबार
इस वार्ड के पार्षद कोई और नहीं बल्कि बेतिया नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी हैं. जिनके कंधे पर नगर को साफ रखने का जिम्मा होता है. लेकिन इनको अपने ही वार्ड का होश नहीं है. इनके वॉर्ड में ऐतिहासिक रानी पोखर है, जहां गंदगी का अंबार है. बेतिया शहर को साफ रखने की नसीहत देने वाले उपसभापति कयूम अंसारी के वार्ड में की ऐतिहासिक रानी पोखर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

bettiah
रानी पोखर की दास्तान बताते ग्रामीण

करीब 6 एकड़ में फैला रानी पोखर
करीब 6 एकड़ में फैला यह रानी पोखर आज इतिहास बनने के कगार पर पहुंच चुका है. एक समय था जब रानी पोखर सालभर पानी से लबालब भरा रहता था. पोखरे का उपयोग स्थानीय लोग नहाने और कामों के लिए करते थे. लेकिन अब अतिक्रमण के चलते यह विशाल पोखर सिमट गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो पोखर को कचरा डंपिंग प्वाइंट बना दिया गया है. चारों तरफ से पोखर पर अतिक्रमण हो गया है.

bettiah
ऐतिहासिक रानी पोखर पर लगा कचरे का अंबार

बेतिया राज के सहयोग से निर्मित
बेतिया राज के सहयोग से निर्मित यह ऐतिहासिक रानी पोखर आज मैदान के रूप में दिख रहा है. लबालब पानी से भरा रहने वाला पोखर अब पूरी तरह सूख गया है. इस पोखर के किनारे बेतिया राजघराने के सहयोग से बनाए गए घाट और सीढ़ी इस पोखर के इतिहास की गवाह है. लेकिन आजतक इस ऐतिहासिक रानी पोखर पर किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारियों की नजर नहीं गई. जिसके कारण आज जिले का ऐतिहासिक रानी पोखर सिमट गया है.

बेतिया: जिनके कंधे पर शहर को स्वच्छ और साफ रखने का जिम्मा हो, अगर उनके ही वॉर्ड में कचरे का अंबार मिले और उस जगह बेतिया का ऐतिहासिक धरोहर हो तो क्या कहा जा सकता है. शहर के बसवरिया पिउनीबाग वॉर्ड नंबर 28 में ऐतिहासिक रानी पोखर स्थित है. जो आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. ऐतिहासिक धरोहर के रुप में जाना जाने वाला रानी पोखर कचरे का डंपिंग स्थल के रूप में दिखने लगा है.

अपनी बदहाली पर आंसू बहाता ऐतिहासिक रानी पोखर

लगा है कचरे का अंबार
इस वार्ड के पार्षद कोई और नहीं बल्कि बेतिया नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी हैं. जिनके कंधे पर नगर को साफ रखने का जिम्मा होता है. लेकिन इनको अपने ही वार्ड का होश नहीं है. इनके वॉर्ड में ऐतिहासिक रानी पोखर है, जहां गंदगी का अंबार है. बेतिया शहर को साफ रखने की नसीहत देने वाले उपसभापति कयूम अंसारी के वार्ड में की ऐतिहासिक रानी पोखर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

bettiah
रानी पोखर की दास्तान बताते ग्रामीण

करीब 6 एकड़ में फैला रानी पोखर
करीब 6 एकड़ में फैला यह रानी पोखर आज इतिहास बनने के कगार पर पहुंच चुका है. एक समय था जब रानी पोखर सालभर पानी से लबालब भरा रहता था. पोखरे का उपयोग स्थानीय लोग नहाने और कामों के लिए करते थे. लेकिन अब अतिक्रमण के चलते यह विशाल पोखर सिमट गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो पोखर को कचरा डंपिंग प्वाइंट बना दिया गया है. चारों तरफ से पोखर पर अतिक्रमण हो गया है.

bettiah
ऐतिहासिक रानी पोखर पर लगा कचरे का अंबार

बेतिया राज के सहयोग से निर्मित
बेतिया राज के सहयोग से निर्मित यह ऐतिहासिक रानी पोखर आज मैदान के रूप में दिख रहा है. लबालब पानी से भरा रहने वाला पोखर अब पूरी तरह सूख गया है. इस पोखर के किनारे बेतिया राजघराने के सहयोग से बनाए गए घाट और सीढ़ी इस पोखर के इतिहास की गवाह है. लेकिन आजतक इस ऐतिहासिक रानी पोखर पर किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारियों की नजर नहीं गई. जिसके कारण आज जिले का ऐतिहासिक रानी पोखर सिमट गया है.

Intro:बेतिया: जिनके कंधे पर शहर को स्वच्छ व साफ रखने का जिम्मा हो, अगर उनके ही वार्ड मे कचरे का अंबार मिले और उस जगह जो बेतिया का ऐतिहासिक धरोहर हो तो क्या कहेंगे आप ? देख लीजिए शहर के बसवरिया पिउनीबाग वार्ड नंबर 28 में स्थित यह ऐतिहासिक रानी पोखर है, जो आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है, आज रानी पोखर कचरा का डंपिंग स्थल के रूप में दिखने लगा है, बावजूद इसके इस वार्ड के वार्ड पार्षद कोई और नहीं बल्कि बेतिया नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी है, जिनके कंधे पर नगर को साफ रखने का जिम्मा होता है लेकिन इनको अपना ही वार्ड नहीं दिख रहा है और अपने ही वार्ड के ऐतिहासिक रानी पोखर को वह इतिहास बनता देख चुप है। कुछ दिनों पहले ही खुद बेतिया शहर को साफ रखने की नसीहत शहरवासियों को दे रहे थे, लेकिन आज उपसभापति कयूम अंसारी के वार्ड में स्थित ऐतिहासिक रानी पोखर अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है।


Body:एक समय था कि रानी पोखर सालो भर पानी से लबालब रहता था, उसके पानी का उपयोग स्थानीय लोग नहाने व अन्य कामों के लिए करते थे, करीब 6 एकड़ में फैला यह रानी पोखर आज इतिहास बनने के कगार पर पहुंच चुका है। स्थानीय लोगों की मानें तो पोखर को कचरा डंपिंग पॉइंट बना दिया गया है, चारों तरफ से पोखर को अतिक्रमण कर लिया गया है और बड़े-बड़े मकान बन चुके हैं।

बाइट- स्थानीय निवासी


Conclusion:अतिक्रमण के चलते यह विशाल पोखर सिमट गया है, लबालब पानी से भरा रहने वाला पोखर सूख गया है, पोखर में तरह-तरह के पेड़ पौधे उग गए हैं, तालाब सिल्ट से भर गया है, बेतिया राज द्वारा निर्मित यह ऐतिहासिक रानी पोखर आज मैदान के रूप में दिख रहा है, इस पोखर के किनारे बेतिया राजघराने के द्वारा बनाए गए घाट और सीढ़ी इस पोखर के इतिहास के गवाह बने हुए हैं, लेकिन इस ऐतिहासिक रानी पोखर पर आज तक ना तो किसी जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की नजर गई है। जिसके कारण आज जिले का ऐतिहासिक रानी पोखर अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है।

जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत, बेतिया
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.