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ग्राउंड रिपोर्ट: बेतिया में बाढ़ से लोगों का हाल बेहाल, खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

बेतिया में अचानक बाढ़ का पानी लोगों के घर में घुस गया. इलाके के कई गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. सबसे खराब हालत नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत के विशंभरपुर गांव का है, जो बाढ़ के पानी से टापू बन गया है. बाढ़ पीड़ित सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि ना तो उनके पास खाने के लिए अनाज बचा है और ना रहने के लिए घर. पढ़ें ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट...

बेतिया में बाढ़ का पानी घर में घुसा
बेतिया में बाढ़ का पानी घर में घुसा
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Published : Oct 8, 2022, 4:12 PM IST

बेतिया: बिहार के बेतिया में बाढ़ (Flood In Bettiah) से स्थिति भयावह हो गयी है. नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत के विशंभरपुर गांव टापू में तब्दील हो गया है. करीब 400 घर और 2 हजार की बड़ी आबादी वाले इस गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी भरा हुआ है. वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़े गए पानी ने यहां कोहराम मचा दिया है. गांव में आने-जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है. लोगों के घरों में घुटने भर पानी घुस चुका है. ऐसे में लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं.

यह भी पढ़ें: पहले बाघ और अब बाढ़ ने बढ़ाई बगहा में लोगों की चिंता, दर्जनों गांव जलमग्न


घर में रखा अनाज बाढ़ से बर्बाद: प्रखंड के मंगलपुर पंचायत का विशंभरपुर गांव पिछले तीन दिन से टापू बना हुआ हैं. उसके बावजूद भी अधिकारी इनकी सुध लेने नहीं पहुँचे है. पीड़ितों के घरो में रखा अनाज बर्बाद हो गया है. बाढ़ पीड़ित सरकारी मदद की राह देख रहें है. लेकिन अभी तक इन्हें चूड़ा मिठा भी नसीब नहीं हुआ है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अभी तक हमारी सुध लेने कोई नहीं आया. खाने के लिए घर में कुछ बचा नहीं है. बाढ़ के पानी में घर में रखा अनाज बर्बाद हो चुके हैं.

खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर: गांव की स्थिति ऐसी है कि बाढ़ पीड़ित खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है. किसी तरह खाना का इंताजम हो रहा है. खाना भी बाहर चौकी पर रखकर बनाया जा रहा है. बच्चे और लोग किसी ऊंचे स्थान पर लगे तंबू के नीचे गुजारा कर रहे हैं. लोगों को गांव से बाहर जाने के लिए नाव के आने का इंतजार करना पड़ता है, चूंकि नाव एक ही है और लोग की संख्या हजारों में है. बाढ़ पीड़ित सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

सीएम के निर्देश का नहीं हुआ पालन: इससे पहले कल शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) वाल्मीकिनगर गंडक बराज स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे. उन्होंने अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए थे कि बाढ़ पीड़ितों का विशेष ध्यान रखा जाए. लेकिन सीएम के निर्देश का धरातल पर पालन होता नहीं दिख रहा है. परेशान बाढ़ पीड़ित पिछले तीन दिन से सरकारी सहायता की राह देख रहे हैं. बावजूद इसके ना तो आपदा विभाग और ना ही जिला प्रशासन की टीम गांव पहुंची है.

SSB कैम्प समेत निचले इलाकों में घुसा पानी: नेपाल में हो रही भारी बारिश से पश्चिम चंपारण में नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है. इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज (Valmikinagar Gandak Barrage) से 4 लाख 40हजार 750 क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद जिले में हालात बिगड़ गए हैं. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ, तो झंडू टोला स्थित एसएसबी कैंप में पानी घुस गया है. जिससे SSB जवानों की परेशानी बढ़ गई है.

नेपाल में बारिश, बिहार में बाढ़: इससे पहले वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की ओर से गंडक नदी में गुरुवार की रात 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. लिहाजा एहतियातन गंडक बराज के सभी 36 फाटकों को खोल दिया गया है और जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. जलस्तर बढ़ने से गंडक नदी के निचले इलाकों खासकर चकदहवा, झंडू टोला और पिपरासी प्रखण्ड के सेमरा लबेदहा सहित कई क्षेत्रों में फिर से बाढ़ का पानी घुस गया है.

पहाड़ी नदियां उफान पर: दूसरी तरफ भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियां भी उफान पर हैं. यही वजह है कि नौरंगिया थाना अंतर्गत विटीआर जंगल से वाल्मीकिनगर जाने वाली बलजोरा पुल के पास सड़क पर दो फीट पानी लग गया है, जिससे आवागमन भी प्रभावित हो रहा है. भारी बारिश से उफनाई पहाड़ी नदी ने जंगल समेत सड़क को भी जलमग्न कर दिया है. जंगल में पानी लबालब भरा होने के कारण वन्य जीवों पर भी आफत आ गई है.

बेतिया: बिहार के बेतिया में बाढ़ (Flood In Bettiah) से स्थिति भयावह हो गयी है. नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत के विशंभरपुर गांव टापू में तब्दील हो गया है. करीब 400 घर और 2 हजार की बड़ी आबादी वाले इस गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी भरा हुआ है. वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़े गए पानी ने यहां कोहराम मचा दिया है. गांव में आने-जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है. लोगों के घरों में घुटने भर पानी घुस चुका है. ऐसे में लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं.

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घर में रखा अनाज बाढ़ से बर्बाद: प्रखंड के मंगलपुर पंचायत का विशंभरपुर गांव पिछले तीन दिन से टापू बना हुआ हैं. उसके बावजूद भी अधिकारी इनकी सुध लेने नहीं पहुँचे है. पीड़ितों के घरो में रखा अनाज बर्बाद हो गया है. बाढ़ पीड़ित सरकारी मदद की राह देख रहें है. लेकिन अभी तक इन्हें चूड़ा मिठा भी नसीब नहीं हुआ है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि अभी तक हमारी सुध लेने कोई नहीं आया. खाने के लिए घर में कुछ बचा नहीं है. बाढ़ के पानी में घर में रखा अनाज बर्बाद हो चुके हैं.

खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर: गांव की स्थिति ऐसी है कि बाढ़ पीड़ित खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है. किसी तरह खाना का इंताजम हो रहा है. खाना भी बाहर चौकी पर रखकर बनाया जा रहा है. बच्चे और लोग किसी ऊंचे स्थान पर लगे तंबू के नीचे गुजारा कर रहे हैं. लोगों को गांव से बाहर जाने के लिए नाव के आने का इंतजार करना पड़ता है, चूंकि नाव एक ही है और लोग की संख्या हजारों में है. बाढ़ पीड़ित सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

सीएम के निर्देश का नहीं हुआ पालन: इससे पहले कल शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) वाल्मीकिनगर गंडक बराज स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे. उन्होंने अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए थे कि बाढ़ पीड़ितों का विशेष ध्यान रखा जाए. लेकिन सीएम के निर्देश का धरातल पर पालन होता नहीं दिख रहा है. परेशान बाढ़ पीड़ित पिछले तीन दिन से सरकारी सहायता की राह देख रहे हैं. बावजूद इसके ना तो आपदा विभाग और ना ही जिला प्रशासन की टीम गांव पहुंची है.

SSB कैम्प समेत निचले इलाकों में घुसा पानी: नेपाल में हो रही भारी बारिश से पश्चिम चंपारण में नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है. इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज (Valmikinagar Gandak Barrage) से 4 लाख 40हजार 750 क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद जिले में हालात बिगड़ गए हैं. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ, तो झंडू टोला स्थित एसएसबी कैंप में पानी घुस गया है. जिससे SSB जवानों की परेशानी बढ़ गई है.

नेपाल में बारिश, बिहार में बाढ़: इससे पहले वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की ओर से गंडक नदी में गुरुवार की रात 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. लिहाजा एहतियातन गंडक बराज के सभी 36 फाटकों को खोल दिया गया है और जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. जलस्तर बढ़ने से गंडक नदी के निचले इलाकों खासकर चकदहवा, झंडू टोला और पिपरासी प्रखण्ड के सेमरा लबेदहा सहित कई क्षेत्रों में फिर से बाढ़ का पानी घुस गया है.

पहाड़ी नदियां उफान पर: दूसरी तरफ भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियां भी उफान पर हैं. यही वजह है कि नौरंगिया थाना अंतर्गत विटीआर जंगल से वाल्मीकिनगर जाने वाली बलजोरा पुल के पास सड़क पर दो फीट पानी लग गया है, जिससे आवागमन भी प्रभावित हो रहा है. भारी बारिश से उफनाई पहाड़ी नदी ने जंगल समेत सड़क को भी जलमग्न कर दिया है. जंगल में पानी लबालब भरा होने के कारण वन्य जीवों पर भी आफत आ गई है.

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