बेतिया (बगहा): शहर से होकर गुजरने वाले गंडक नदी के किनारे कई संवेदनशील कटावग्रस्त क्षेत्रों पर एंटी ईरोजन कार्य पूरा कर लिया गया है. साथ ही किसी भी तरह के संभावित कटाव से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग की तरफ से तैयारियां कर ली गई हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री अपने बगहा-वाल्मीकिनगर दौरे के दौरान इन इलाकों में हुए कार्यों का जायजा लेंगे.
एंटी-ईरोजन कार्य पूरा
गंडक नदी की त्रासदी से बगहा के दर्जनों इलाकों में कटाव का खतरा प्रत्येक साल देखने को मिलता है. इसी के मद्देनजर बाढ़ कटाव से बचाने के लिए गंडक नदी के किनारे के अतिसंवेदनशील कटाव ग्रस्त इलाकों खासकर मंगलपुर औसानी, दुर्गा स्थान से दीनदयाल नगर तक का कटावरोधी कार्य पूरा कर लिया गया है. साथ ही कटाव के संभावित खतरों को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है.
दबाव वाले प्वाइंट पर 700 मीटर तक किया गया कार्य
गंडक नदी किनारे सबसे दबाव वाले प्वाइंट पर 700 मीटर तक फ्लड फाइटिंग का कार्य किया गया है. जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता एसके प्रभाकर ने बताया कि गंडक बराज से जब 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जाता है तो मंगलपुर औसानी के कुछ खास हिस्सों सहित दीनदयाल नगर और निचले इलाके में ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे कटाव का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में कटावरोधी कार्य पूरा कर लिए जाने के बाद कटाव का खतरा टल गया है.
4 फेज में पूरा हुआ कार्य
बगहा के बारे में यह कहावत आम है कि यह इलाका लंबे समय से गन, गन्ना और गंडक की तबाही से जूझता रहा है. ऐसे में जलसंसाधन विभाग की ओर से विगत कई वर्षों से कटाव ग्रस्त इलाके में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य कराए जा रहे थे जो चार फेज में पूरा हुआ है. अभियंता ने बताया कि चार फेज के तहत कार्य की समाप्ति हुई है और अब कटाव का कोई खतरा नहीं हो सकता.
कटाव की संभावना को देखते हुए किया गया है सामग्री भंडारण
बता दें कि अनुमंडल पदाधिकारी विशाल राज के नेतृत्व में काफी तेज गति से कटावरोधी कार्यों को अंजाम दिया गया है. साथ ही जिला प्रशासन के आदेश पर गंडक नदी तट पर 24 घंटे गार्ड तैनात किए गए हैं और अभियंताओं की टीम लगातार निगरानी कर रही है. ऐसे में प्रशासन इस तैयारी में भी जुटा है कि यदि मुख्यमंत्री आते हैं तो सम्भावना है कि इन सारे कार्यों का औचक निरीक्षण भी करें.