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पश्चिमी चंपारण: उधार पर जीवित है अग्निशमन विभाग, कर्मियों की है भारी कमी

हालात ऐसे हैं कि यदि अनुमंडल क्षेत्र के किसी हिस्से में आगजनी हो जाये तो विभाग को पहले पेट्रोल पंप के चक्कर काटने पड़ते हैं. विभाग पर शहर के पेट्रोल पंप का 20 हजार रुपये का कर्ज है.

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Published : Jun 25, 2019, 7:45 PM IST

अग्निशमन गाड़ी

बेतिया: बगहा अनुमंडल क्षेत्र के अग्निशमन विभाग इन दिनों उधार पर जीवित है. इस विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी है. जिससे आग बुझाने के दौरान विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

विभाग पर है इतना कर्ज
दरअसल, बगहा अनुमंडल स्थित अग्निशमन केंद्र की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है. हालात ऐसे हैं कि यदि क्षेत्र के किसी हिस्से में आग लग जाए तो विभाग पेट्रोल पंप का चक्कर ही काटता रहेगा. विभाग पर शहर के पेट्रोल पंप पर 20 हजार रुपये का कर्ज है. जब भी कभी आगजनी की घटना होती है तो पहले पंप से जाकर उधारी का तेल भरवाना पड़ता है.

उधार पर जीवित है अग्निशमन विभाग

कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा विभाग
फायर ऑफिसर राम निवास पांडे ने बताया कि इस अनुमंडल क्षेत्र के लिए अग्निशमन विभाग को 4 वाहन मिले हैं. प्रत्येक अग्निशमन गाड़ियों पर 4 कर्मी होने चाहिए. इस लिहाज से कुल 4 कर्मचारी ही कार्यरत हैं. बाकी 16 कर्मियों की दरकार अभी भी है. उन्होंने कहा कि ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि इलाके में दो से ज्यादा स्थानों पर आग लग जाए तो विभाग इस चुनौती से कैसे निबटेगा.

सरकार से लगाई गुहार
विभाग के कर्मचारी का कहना है कि किसी भी कर्मी को 6 माह से वेतन नहीं मिला है. सरकर ने कहा था कि सबको समान काम समान वेतन दिया जाएगा. इसी उम्मीद से जनता की सेवा कर रहे हैं. लेकिन, लगता है कि ये सिर्फ उम्मीद ही है. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द उनकी परेशानी दूर की जाए.

बेतिया: बगहा अनुमंडल क्षेत्र के अग्निशमन विभाग इन दिनों उधार पर जीवित है. इस विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी है. जिससे आग बुझाने के दौरान विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

विभाग पर है इतना कर्ज
दरअसल, बगहा अनुमंडल स्थित अग्निशमन केंद्र की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है. हालात ऐसे हैं कि यदि क्षेत्र के किसी हिस्से में आग लग जाए तो विभाग पेट्रोल पंप का चक्कर ही काटता रहेगा. विभाग पर शहर के पेट्रोल पंप पर 20 हजार रुपये का कर्ज है. जब भी कभी आगजनी की घटना होती है तो पहले पंप से जाकर उधारी का तेल भरवाना पड़ता है.

उधार पर जीवित है अग्निशमन विभाग

कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा विभाग
फायर ऑफिसर राम निवास पांडे ने बताया कि इस अनुमंडल क्षेत्र के लिए अग्निशमन विभाग को 4 वाहन मिले हैं. प्रत्येक अग्निशमन गाड़ियों पर 4 कर्मी होने चाहिए. इस लिहाज से कुल 4 कर्मचारी ही कार्यरत हैं. बाकी 16 कर्मियों की दरकार अभी भी है. उन्होंने कहा कि ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि इलाके में दो से ज्यादा स्थानों पर आग लग जाए तो विभाग इस चुनौती से कैसे निबटेगा.

सरकार से लगाई गुहार
विभाग के कर्मचारी का कहना है कि किसी भी कर्मी को 6 माह से वेतन नहीं मिला है. सरकर ने कहा था कि सबको समान काम समान वेतन दिया जाएगा. इसी उम्मीद से जनता की सेवा कर रहे हैं. लेकिन, लगता है कि ये सिर्फ उम्मीद ही है. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द उनकी परेशानी दूर की जाए.

Intro:बगहा अनुमंडल क्षेत्र में किसी भी इलाके में आगजनी होने पर अग्निशमन विभाग को उधार के डीजल के भरोसे सेवा देनी पड़ती है। यहां तक कि अग्निशमन कर्मियों की भारी कमी से भी विभाग जूझ रहा है। छह माह से कर्मियों का वेतन नही मिलने से कर्मियों का हौसला अब टूटने लगा है।


Body:बगहा अनुमंडल स्थित अग्निशमन केंद्र की हालत काफी बदतर हो चली है। हालात ऐसे हैं कि यदि अनुमंडल क्षेत्र के किसी हिस्से में आगजनी की घटना हो जाये तो विभाग पेट्रोल पंप पर पहले उधार डीजल भरवाता है और फिर अपनी सेवा देता है। अब तक शहर के जानकी पेट्रोल पंप से विभाग तकरीबन 20 हजार का उधार डीजल भरवा चुका है। अब पेट्रोल पंप वाले ने भी उधार देने से हाथ खड़े कर लिए हैं। ऐसे में इस चिलचिलाती धूप में यदि आगजनी की घटना घटी तो अग्निशमन विभाग ईंधन के अभाव में अपनी सेवा भी न दे पाए।
दूसरी तरफ इस अनुमंडल क्षेत्र के लिए अग्निशमन विभाग को 4 वाहन मिले हैं । प्रत्येक अग्निशमन गाड़ियों पर 4 कर्मी होने चाहिए। इस लिहाज से कुल 16 कर्मियों की दरकार है और कर्मी महज चार हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि इलाके में दो जगह से ज्यादा स्थानों पर यदि आगजनी की घटना घट जाए तो विभाग कैसे इस चुनौती से निपट पायेगा?
इतना ही नही इस विभाग में पदस्थापित पर्यटन चालकों सहित किसी भी कर्मी को 6 माह से वेतन नही मिला है। बिना तनख्वाह के भी अग्निशमन विभाग के कर्मी समाज हित को ध्यान में रख अपने विभाग को मुस्तैदी से सेवा दे रहे हैं, लेकिन अब इनका भी हौसला पस्त होने लगा है।
बाइट1- विजय उरांव , फायर मैन।
बाइट2- राहुल कुमार , पर्यटक चालक।
बाइट3- राम निवास पांडेय, फायर ऑफिसर।


Conclusion:दियारा के नजदीक होने के वजह से बगहा अनुमंडल क्षेत्र के कुछ खास इलाके ऐसे भी हैं जहाँ खर पतवार से लोग आज भी खाना बनाते हैं। इन खास क्षेत्रों में प्रतिवर्ष आगजनी की घटनाएं घटती हैं। ऐसे में खुद जटिल समस्याओं से घिरा अग्निशमन विभाग कैसे लोगों का वारा न्यारा करेगा एक बहुत बड़ा सवाल है?
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