पश्चिमी चंपारण: बिहार के बगहा (Bagaha) में इंडो-नेपाल सीमा (Indo-Nepal Border) खुलवाने को लेकर गंडक बराज (Gandak Barrage) के पास प्रदर्शन करना वाल्मीकिनगर के कई ग्रामीणों के लिए महंगा पड़ रहा है. दरअसल, पुलिस ने कई लोगों पर आचार-संहिता उल्लंघन करने और एसएसबी समेत पुलिस पर दबाव बनाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है.
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बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च 2020 से ही भारत-नेपाल की कई सीमाएं बंद कर दी गई थी. तभी से वाल्मीकिनगर के अंतर्गत इंडो-नेपाल सीमा भी सील है. नतीजतन स्थानीय लोगों का व्यवसाय और बेटी-रोटी का संबंध दोनों बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
दरअसल, वाल्मीकिनगर होकर नेपाल के त्रिवेणी के रास्ते नेपाल के अन्य इलाकों में आने जाने वाले लोगों की आवाजाही लम्बे समय से बंद है. ऐसे में जिन लोगों की बहन बेटियां नेपाल में ब्याही गई हैं, उनके लिए भी बॉर्डर बंद होने से काफी परेशानियां खड़ी हो गई हैं.
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ऐसे में अब स्थानीय लोगों की मांग है कि शेष बंद पड़े अधिकांश बॉर्डर से खासकर बिहार के रक्सौल और यूपी के सोनौली इत्यादि से आवाजाही शुरू हो गया है, तो इस बॉर्डर को भी शुरू किया जाए. बॉर्डर खुलवाने की मांग को लेकर ही शनिवार को स्थानीय लोगों ने एसएसबी के समक्ष प्रदर्शन किया और मांग करते हुए कहा कि शीघ्र ही इस बॉर्डर से भी आवाजाही शुरू की जाए.
बॉर्डर खुलवाने की मांग को लेकर ही शनिवार को स्थानीय लोगों ने एसएसबी के समक्ष प्रदर्शन किया और शीघ्र ही इस बॉर्डर से भी आवाजाही शुरू करने की मांग की. इसी प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने अपने ही कर्मी धनंजय कुमार सिंह के बयान पर 16 लोगों पर नामजद और अन्य कई अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कहा कि इन सभी ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और बिना आदेश के प्रदर्शन जैसा कृत्य किया है.