पश्चिमी चंपारण(बेतिया): जिले की पिपरासी प्रखंड स्थित मंझरिया पंचायत में कई गांवों की सड़के बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके चलते किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. वहीं, इसको लेकर किसानों ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधि से भी सड़क बनवाने की गुहार लगाई थी, लेकिन किसानों की किसी ने नही सुनी, ऐसे में किसानों ने सड़क बनाने की जिम्मेवारी खुद के कंधों पर उठा ली और आपसी सहयोग से सड़क की मरम्मती का कार्य शुरू कर दिया.
दरअसल, कोरोना महामारी से किसानों की स्थिति पहले ही नाजुक हो चुकी थी. वहीं, जुलाई महीने में लगातार दो बार आयी बाढ़ ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी थी, जिसमें किसानों की करोड़ो रूपये की फसल बर्बाद हो गई थी, साथ ही बाढ़ में कई गांवों की मुख्य सड़कों के साथ ही खेतों को जाने वाली सड़के भी क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिस कारण खेतों में जाने वाले रास्तों पर आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो गया था, ऐसे में अब किसानों ने खुद ही सड़क को ठीक करने का कार्य शुरू कर दिया है है.
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने नहीं सुनी किसानों की गुहार
बता दें कि खेतों में जाने वाली सड़के बाढ़ में खराब होने के बाद पक कर तैयार फसल खेत में ही खराब हो रही थी. इसी को देखते हुए किसानों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारियों तक को अपनी समस्या से अवगत कराया था, लेकिन किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नही हुई, ऐसे में किसानों ने खुद के सहयोग से ही सड़क की मरम्मती करने का निर्णय लिया, जिसके बाद किसान नागेंद्र कुशवाहा सहित अन्य किसानों ने चंदा एकत्र करना शुरू किया. इस दौरान किसानों ने नगद के साथ ही धान, गेंहू आदि हर संभव वस्तुओं को बेच कर राशि कि व्यवस्था कि और सड़क की मरम्मती का कार्य शुरू कर दिया.
![West Champaran](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-vlk-01-farmersgottheroadrepaired-video-bhc10121_10092020165941_1009f_1599737381_601.jpg)
2 किमी लंबी सड़क की हो रही मरम्मती
किसानों ने बताया कि बाढ़ के दौरान दो किमी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है और इस सड़क से दियारा के 5,000 एकड़ से ज्यादा रकबा के खेत प्रभावित हो गये है. किसानों ने बताया कि इसी को देखते हुए हमने 2 किमी लंबी सड़क की मरम्मती खुद शुरू कर दी है और इसके लिये हमने यूपी से जेसीबी व ट्रैक्टर ट्रॉली को भाड़ा पर लिया है. वहीं, किसानों ने बताया कि चुनाव में व्यस्त सरकार व उसके नुमाइंदो को चुनाव के दौरान ही इसका जबाब देना होगा.