बगहा: बिहार के बगहा दो प्रखंड में यूरिया की कालाबाजारी (Black marketing of Urea in Bagaha) थमने का नाम नहीं ले रही है. बगहा दो बिस्कोमान में किसानों के द्वारा लगातार सुबह से 4-5 दिनों से इंतजार करने के बावजूद खाद नहीं दिया जा रहा है. इसके देखते हुए किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया है. बिहार में ठंड को लेकर कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है. इस कड़ाके की ठंड में घंटो इंतजार के बाद भी दर्जनों किसानों को एक बोरी यूरिया नहीं मिल पा रहा है. जिसके बाद किसानों के सब्र का बांध टूट गया और बगहा दो बिस्कोमान भवन के सामने दर्जनों की संख्या में किसानों ने अपने हाथों में आधार कार्ड और पर्ची लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
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किसानों ने लगाया आरोप: बिस्कोमान में यूरिया वितरण कर रहे कर्मी रवि कुमार के खिलाफ आरोप लगाते हुए, किसानों का कहना है कि इस कड़ाके की ठंड में सुबह से लेकर शाम तक यूरिया के लिए हम लोग चक्कर काट रहे हैं. इसके बाद भी 4 से यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है. किसानों को कहना है कि जो खाद किसानों के लिए सरकार के द्वारा दिया जा रहा है उस खाद को बिस्कोमान के कर्मियों के द्वारा ब्लैक में बेचकर अवैध उगाही की जा रही है. जिसके कारण आम किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है. अधिकांश किसानों का आरोप है की जो रसूखदार हैं उनको दफ्तर के भीतर से ही 30 से 40 बोरी तक यूरिया दे दिया जा रहा है जबकि सामान्य किसानो को खाद नसीब भी नहीं हो रहा है.
"खाद को बिस्कोमान के कर्मियों के द्वारा ब्लैक में बेचकर अवैध उगाही की जा रही है. जो रसूखदार हैं उनको दफ्तर के भीतर से ही 30 से 40 बोरी तक यूरिया दे दिया जा रहा है जबकि सामान्य किसानो को खाद नसीब भी नहीं हो रहा है."-भोला यादव, किसान
क्या कहते हैं बिस्कोमान कर्मी: इस बाबत पूछे जाने पर यूरिया वितरण कर रहे बिस्कोमान कर्मी रवि कुमार ने बताया कि मेरे द्वारा कोई भी ब्लैक में यूरिया खाद नहीं बेचा जा रहा है. किसानों का कहना है कि ऐसे कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि कालाबाजारी पर लगाम लगे और आम किसानों को खाद मिल सके. फिलहाल किसान इस कंपकपाती ठंड में कतार में खड़े रहने को मजबूर हैं.
"मेरे द्वारा कोई भी ब्लैक में यूरिया खाद नहीं बेचा जा रहा है. मैं किसानों को एक-एक कर खाद का वितरण कर रहा हूं. भीड़ ज्यादा होने की वजह से थोड़ा समय लग रहा है."-रवि कुमार, बिस्कोमान कर्मी