बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के वाल्मीकिनगर से सटे नेपाल क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि होनी शुरू हो गयी है. पिछले चार दिनों से जलस्तर में कमी आई थी. बाढ़ ग्रस्त इलाकों से पानी उतरने भी लगा था. लेकिन अब दोबारा बाढ़ आने की संभावना बढ़ गई है.
वहीं गंडक का जलस्तर बढ़ने से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के नदी से सटे भाग में भीषण कटाव भी शुरू हो गया है. इससे जंगल की कीमती लकड़ियां नदी में बह रही है.
जानकारी के मुताबिक जंगल के कटाव और नदी में पानी बढ़ने से लकड़ी के तस्करों की चांदी कट रही है. कुछ वनकर्मियों की मिलीभगत से तस्कर वन से कीमती लकड़ी काट कर आसानी से नदी पार कर जा रहे हैं. नदी के पानी में लकड़ी को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में भी कोई दिक्कत नहीं हो रही है. वहीं कटाव से जंगली जानवरों के जान पर भी आफत आ गई है. वहीं कई रिहायशी इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है.
जलजमाव से स्थिति नारकीय
वहीं चनपटिया रविवार की सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी है. रविवार की सुबह नगर के बजरंग चौक से वार्ड नंबर-9 में सड़क पर जल जमाव के साथ-साथ कीचड़ का अंबार लगा हुआ है. नगर के कई मुहल्ले में भयावह स्थिति देखने को मिल रही है.
बजरंग चौक से चिरान मशीन होते पाशीटोला के तरफ जाने वाली सड़क की स्थिति नारकिय है. लोग गुजरते वक्त सावधानी बरत रहे हैं कि कहीं गिरने से कोई हादसा न हो जाए. वार्ड संख्या 7 में शहर के प्रमुख बड़े नाले की पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर बह रहा है. वहीं नगर पंचायत कार्यालय के पास एप्रोच पथ के लिए सड़क नहीं होने के कारण जलजमाव हो गया है. साथ ही प्रखण्ड कार्यालय के पास और थानाध्यक्ष के सरकारी आवास के पास भी जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
तटबंधों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर है नजर
पिपरासी सीओ फहीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि मौसम विभाग के एलर्ट और बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए पिपरा- पिपरासी तटबंध के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों पर नजर रखी जा रही है. किसी भी आपदा से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है.