बगहा: नेपाल के तराई व जल अधिग्रहण क्षेत्रों में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ा है. जिस कारण निचले इलाके के लोगों में बेचैनी बढ़ गई है. वहीं दूसरी तरफ बगहा में भी तेजी से कटाव देखने को मिल रहा है. हालांकि शहर को बचाने के लिए लगातार कटावरोधी कार्य कराए जा रहे हैं जो नाकाफी साबित हो रहे हैं.
वाल्मिकीनगर गंडक बराज के खोले गए फाटक: गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा गंडक नदी के डाउन स्नट्रीम के 2 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद दियारावर्ती निचले इलाकों समेत शहर के संवेदनशील इलाकों पर कटाव का खतरा मंडराने लगा है. बढ़ते जलस्तर के कारण वाल्मिकीनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं. गुरुवार की अहले सुबह गंडक नदी में वाल्मीकि गंडक बराज से करीब 2 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है.
हो रही जलस्तर की मॉनिटरिंग: जिलाधिकारी दिनेश कुमार रॉय द्वारा तटबंधों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे बांधों पर ड्यूटी करने का जल संसाधन विभाग के कनीय से लेकर वरीय अभियंताओ को निर्देश दिया गया है. एहतियातन सजग रहने को कहा गया है. इधर इंडो नेपाल बॉर्डर पर स्थित वाल्मिकीनगर गण्डक बराज नियंत्रण कक्ष से 3 शिफ्टों में अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम ऑटोमेटिक व मैनुअल तरीके से नदी के जलस्तर की मॉनिटरिंग में जुटी है.
निजी नावों के परिचालन पर रोक: बता दें कि जिले मे बहने वाली गंडक समेत मसान, मनोर, बलोर, सिकरहना, पंडई, सहीत सभी नदियों व नहरों के जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगे हैं. लिहाजा नदी तट पर जाने से ग्रामीणों को मना किया गया है. दूसरी ओर निजी नावों के परिचालन पर फिलहाल रोक लगा दिया गया है. बगहा शहर के पारसनगर और शास्त्रीनगर में जलस्तर घटने व बढ़ने के साथ ही तेजी से कटाव देखने को मिला है.
"कटाव हो रहा है वहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जलसंसाधन मंत्री संजय झा ने मॉनसून पूर्व दौरा भी किया था. अत्यधिक पानी होने पर फसल को नुकसान हो रहा है. कोई सुध लेने वाला नहीं है." - कमलेश यादव, कटाव पीड़ित