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बेतिया: दिव्यांग मनीष को सरकार और प्रशासन से मदद की दरकार - Bettiah District Administration requested

बेतिया के दिव्यांग मनीष शर्मा को ट्राई साइकिल और विकलांग पेंशन की जरूरत है. क्योंकि मनीष शर्मा बचपन से ही दिव्यांग है. इन्होंने ट्राई साइकिल के लिए सीएम से लेकर डीएम तक को आवेदन दिया. लेकिन अब तक इन्हें एक ट्राई साइकिल भी नसीब नहीं हुआ. 2015 तक इन्हें विकलांग पेंशन दिया गया. जो अब भी बंद है. जिसके लिए अब उन्होंने बेतिया जिला प्रशासन से गुहार लगाई है.

दिव्यांग मनीष
दिव्यांग मनीष
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Published : Dec 28, 2020, 5:24 PM IST

पश्चिमी चंपारण: जिले के गौनाहा प्रखंड के भितिहरवा गांव के रहने वाले मनीष शर्मा बचपन से ही अपने दोनों पैरों से नहीं चल सकते है. बचपन में ही इन्हें पोलियो हो गया था. जिस कारण यह दोनों पैरों से नहीं चल सकते है. मनीष शर्मा को 2015 तक विकलांग पेंशन दिया गया. लेकिन अब वह भी बंद कर दिया गया. मनीष अपने घुटने के सहारे पूरा काम करते हैं और घर से दुकान जाते हैं. इन्हें अभी तक ट्राई साइकिल भी नहीं दिया गया है. इसके लिए उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से लेकर बेतिया के डीएम तक को आवेदन दिया है.

मदद के लिए कई बार लगा चुके गुहार
मदद के लिए कई बार लगा चुके गुहार

'मैं बचपन से ही पोलियो के कारण दोनों पैर से चल नहीं सकता हूं. घुटने के सहारे घर से दुकान तक जाते हैं. भितिहरवा बाजार में मोबाइल बनाने और इलेक्ट्रॉनिक की छोटी सी दुकान खोल रखी है. जहां मोबाइल बनाने का काम करते हैं. इसी से जीवन यापन चलता है'- मनीष शर्मा, दिव्यांग

दिव्यांग मनीष दुकान से चलाते हैं जीविका
दिव्यांग मनीष दुकान से चलाते हैं जीविका

मनीष दुकान से चलाते हैं जीविका
मनीष शर्मा के परिवार में कुल 9 सदस्य हैं. पूरे परिवार का भरण पोषण मनीष इसी दुकान से करते हैं. लेकिन ट्राई साइकिल नहीं मिलने के कारण उन्हें घुटने के सहारे घर से दुकान जाना पड़ता है. जिसे लेकर उन्हें काफी परेशानी होती है. ट्राई साइकिल के लिए उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से पटना जनता दरबार में जाकर मुलाकात की. वहां से डीएम के पास आवेदन आया. इसके बावजूद भी अभी तक इन्हें एक ट्राई साईकिल तक नसीब नहीं हुई.

दिव्यांग मनीष को मदद की दरकार

प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
मनीष शर्मा ने बताया कि उन्हें 2015 तक पेंशन मिलती थी. 29 जुलाई 2015 को वह पेंशन भी बंद कर दी गई. तब से आज तक उन्हें विकलांग पेंशन भी नहीं मिलती है. वह सरकार से और जिला प्रशासन से कई बार मदद के लिए गुहार लगा चुके हैं. अगर उन्हें चलने के लिए एक ट्राई साइकिल मिल जाता और विकलांग पेंशन शुरू हो जाता, तो उनके लिए काफी सहूलियत होती.

पश्चिमी चंपारण: जिले के गौनाहा प्रखंड के भितिहरवा गांव के रहने वाले मनीष शर्मा बचपन से ही अपने दोनों पैरों से नहीं चल सकते है. बचपन में ही इन्हें पोलियो हो गया था. जिस कारण यह दोनों पैरों से नहीं चल सकते है. मनीष शर्मा को 2015 तक विकलांग पेंशन दिया गया. लेकिन अब वह भी बंद कर दिया गया. मनीष अपने घुटने के सहारे पूरा काम करते हैं और घर से दुकान जाते हैं. इन्हें अभी तक ट्राई साइकिल भी नहीं दिया गया है. इसके लिए उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से लेकर बेतिया के डीएम तक को आवेदन दिया है.

मदद के लिए कई बार लगा चुके गुहार
मदद के लिए कई बार लगा चुके गुहार

'मैं बचपन से ही पोलियो के कारण दोनों पैर से चल नहीं सकता हूं. घुटने के सहारे घर से दुकान तक जाते हैं. भितिहरवा बाजार में मोबाइल बनाने और इलेक्ट्रॉनिक की छोटी सी दुकान खोल रखी है. जहां मोबाइल बनाने का काम करते हैं. इसी से जीवन यापन चलता है'- मनीष शर्मा, दिव्यांग

दिव्यांग मनीष दुकान से चलाते हैं जीविका
दिव्यांग मनीष दुकान से चलाते हैं जीविका

मनीष दुकान से चलाते हैं जीविका
मनीष शर्मा के परिवार में कुल 9 सदस्य हैं. पूरे परिवार का भरण पोषण मनीष इसी दुकान से करते हैं. लेकिन ट्राई साइकिल नहीं मिलने के कारण उन्हें घुटने के सहारे घर से दुकान जाना पड़ता है. जिसे लेकर उन्हें काफी परेशानी होती है. ट्राई साइकिल के लिए उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से पटना जनता दरबार में जाकर मुलाकात की. वहां से डीएम के पास आवेदन आया. इसके बावजूद भी अभी तक इन्हें एक ट्राई साईकिल तक नसीब नहीं हुई.

दिव्यांग मनीष को मदद की दरकार

प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
मनीष शर्मा ने बताया कि उन्हें 2015 तक पेंशन मिलती थी. 29 जुलाई 2015 को वह पेंशन भी बंद कर दी गई. तब से आज तक उन्हें विकलांग पेंशन भी नहीं मिलती है. वह सरकार से और जिला प्रशासन से कई बार मदद के लिए गुहार लगा चुके हैं. अगर उन्हें चलने के लिए एक ट्राई साइकिल मिल जाता और विकलांग पेंशन शुरू हो जाता, तो उनके लिए काफी सहूलियत होती.

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