बेतिया: बिहार के बेतिया (Bettiah) जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश के कारण जिले में हर तरफ पानी-पानी हो गया है. वहीं लौरिया से नरकटियागंज जाने वाली मुख्य सड़क में अशोक स्तंभ (Ashoka Pillar) के पास डायवर्सन बह गया है. जिस कारण लौरिया नरकटियागंज का संपर्क टूट चुका है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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सिकरहना नदी का बढ़ा जलस्तर
3 दिनों से लगातार हो रही बारिश से सिकरहना नदी (Sikrahna River) का जलस्तर बढ़ गया है. साहू जैन स्टेडियम (Sahu Jain Stadium), राम जानकी मंदिर भी पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. लौरिया नरकटियागंज मुख्य सड़क पर पानी का बहाव इतना तेज है कि लौरिया से नरकटियागंज जाने वाली सड़क का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है. अशोक स्तंभ के पास बना डायवर्जन पानी की भेंट चढ़ चुका है.
सड़कों पर 4 से 5 फीट तक पानी
ग्रामीणों की माने तो 4 दिनों से यातायात भी भंग हो चुका है. सड़कों पर 4 से 5 फीट पानी चल रहा है. बता दें कि बीती रात एक कार भी पानी में बह गया. जिसमें 2 लोग सवार थे. हालांकि स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों लोगों को बचा लिया गया है.
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अशोक स्तंभ के पास फंसी एक कार
बता दें कि अशोक स्तंभ के पास एक मारुति कार एक पेड़ के पास फंसी हुई है. जिसे रस्सी से बांध दिया गया है. लोगों की माने तो लौरिया नरकटियागंज मुख्य सड़क हर साल बाढ़ की भेंट चढ़ता है. हर साल इस सड़क का संपर्क टूट जाता है. इसके बावजूद भी अशोक स्तंभ के पास डायवर्सन का निर्माण ठीक से नहीं किया जाता है. जिसके कारण हर साल यहां के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है.
29 मई को भी कटा था डायवर्सन
बता दें कि बेतिया जिले में 29 मई को भी मूसलाधार बारिश के कारण पंडई पुल का एप्रोच (Pandai Bridge Approach) कट गया था. डुमरीया गांव के समीप पुलिया का एप्रोच बह गया ता. वहीं, भटनी गांव के पास बन रहें पुल का डायवर्सन कट गया था. जिससे दर्जनों गांव का संपर्क पूरी तरह से कट गया.
कैमूर में हर साल साल पानी में बहता है पुल
इसके साथ ही साथ 15 जून को भी बिहार के कैमूर जिले में भी रामगढ़-बक्सर जाने वाली सड़क पर अकोढ़ी पुल का डायवर्सन पानी में बह गया था. जिससे आवागमन बाधित हो गई थी. बता दें कि साल 2016 में पुल के पाया में दरार आयी थी. उसके बाद विभाग ने 8 करोड़ में फिर नए पुल बनाने का टेंडर लिया, जो आधा-अधूरा है. पुल के पास डायवर्सन बनाया गया. जिसमें 70 लाख की लागत आयी. जो हर साल नदी के पानी के बहाव में बह जाता है.