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बेतिया में आंगनबाड़ी केंद्र बना तबेला, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग - etv bharat bihar

बेतिया के नरकटियागंज का आंगनबाड़ी केंद्र पशुओं का तबेला बन गया है. बच्चों और पठन-पाठन की सामग्री की जगह चारा रखा जा रहा है, जिससे नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

बेतिया
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Published : Oct 31, 2021, 10:34 AM IST

पश्चिमी चंपारण: बच्चों के स्कूल में कदम रखने से पहले प्री-प्राइमरी शिक्षा देने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों की होती है. लेकिन बिहार के बेतिया (Bettiah) में नरकटियागंज का आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Center) पशुओं का तबेला बना हुआ है.

ये भी पढ़ें- वीटीआर में बाघ की मौत, गन्ने के खेत में मिला शव, दो बाघों के बीच संघर्ष में मौत की आशंका

आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाली ऐसी की अब ये जानवरों का रहने का तबेला बनकर रह गया है. यहां कॉपी, किताब और बच्चों की जगह पशुओं का चारा और पशुओं का मल मूत्र जरूर मिल जाएगा. मामला नरकटियागंज प्रखंड के मझरिया के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 21 का है.

देखें रिपोर्ट

हालांकि, भवन नहीं होने पर ये आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े पर चलता है, लेकिन पिछले कई महीनों से आंगनबाड़ी केवल कागजों में ही चल रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि कई माह से सेविका केंद्र पर नहीं आती हैं, जिससे बच्चों का पठन पाठन नहीं हो पाता है. बच्चों को पोषाहार भी नहीं मिल पाता है.

ये भी पढ़ें- छठ घाट की सफाई में जुटीं महिलाओं से मारपीट, आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम

विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है, जिससे सुचारू रूप से टीएचआर का वितरण लाभुकों के बीच हो सकें. वहीं, सेविका का पक्ष लेने के लिए जब उनसे संपर्क किया गया तो उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका, जिसके कारण उनका पक्ष नहीं मिल पाया.

पश्चिमी चंपारण: बच्चों के स्कूल में कदम रखने से पहले प्री-प्राइमरी शिक्षा देने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों की होती है. लेकिन बिहार के बेतिया (Bettiah) में नरकटियागंज का आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Center) पशुओं का तबेला बना हुआ है.

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आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाली ऐसी की अब ये जानवरों का रहने का तबेला बनकर रह गया है. यहां कॉपी, किताब और बच्चों की जगह पशुओं का चारा और पशुओं का मल मूत्र जरूर मिल जाएगा. मामला नरकटियागंज प्रखंड के मझरिया के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 21 का है.

देखें रिपोर्ट

हालांकि, भवन नहीं होने पर ये आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े पर चलता है, लेकिन पिछले कई महीनों से आंगनबाड़ी केवल कागजों में ही चल रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि कई माह से सेविका केंद्र पर नहीं आती हैं, जिससे बच्चों का पठन पाठन नहीं हो पाता है. बच्चों को पोषाहार भी नहीं मिल पाता है.

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विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है, जिससे सुचारू रूप से टीएचआर का वितरण लाभुकों के बीच हो सकें. वहीं, सेविका का पक्ष लेने के लिए जब उनसे संपर्क किया गया तो उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका, जिसके कारण उनका पक्ष नहीं मिल पाया.

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