पं.चंपारण: जिले के वाल्मीकिनगर अंतर्गत इंडो नेपाल स्थित गण्डक नदी इन दिनों लोगों के आस्था का केंद्र बनी हुई है. त्रिवेणी संगम के इस तट पर 68 वीं महाआरती का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन लौरिया विधानसभा विधायक सह लोक कलाकार विनय बिहारी ने किया. इस अवसर पर नेपाल समेत प्रदेश के कई जिले के हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया.
'पौराणिक आस्था का केंद्र'
उद्घाटन समारोह संपन्न होने के बाद भाजपा विधायक विनय बिहारी ने बताया कि इस महाआरती के आयोजन का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म और पौराणिक आस्था को बढ़ावा देना है. उन्होंने बताया कि देश में तीन संगम हैं, दो अन्य संगमों पर पूर्व से ही महाआरती का आयोजन होता आ रहा है. लेकिन यह संगम तट अछूता था. जिस वजह से यहां पर विगत 5 साल से महाआरती का आयोजन किया जा रहा है.
'रामायण काल से जुड़ा है स्थल'
भाजपा विधायक ने बताया कि इस जगह पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यह धरती रामायण काल से जुड़ी हुई है. उन्होंने बताया कि इसी स्थल से गज-ग्राह की लड़ाई शुरू हुई थी और सोनपुर में जाकर समाप्त हुई थी. महाआरती के आयोजन से इस संगम तट का प्रचार-प्रसार होगा और पौराणिक स्थल के विकास को बढ़ावा मिलेगा.
ईटीवी भारत संवाददाता को किया गया सम्मानित
बताया गया है कि वाल्मीकिनगर का यह त्रिवेणी संगम जिले का तीर्थ स्थल कहा जाता है. यहां तीन नदियां तमसा, सोनभद्र और नारायणी नदी आकर मिलती हैं. जिसका वर्णन महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में भी है. शास्त्रों के अनुसार इस संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. गण्डक नदी के इस तट पर महाआरती का शुभारंभ 4 नवम्बर 2014 को किया गया था. मौके पर भजपा विधायक ने ईटीवी भारत संवाददाता को सम्मानित भी किया.