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बगहा: VTR से निकल रिहायशी इलाकों में घुस रहे वन्य जीव, लोगों की बढ़ी परेशानी - इंडो-नेपाल सीमा

स्थानीय लोगों ने बताया कि बीते दो महीने पहले ही पोखर में मछली को डाला गया था. मगरमच्छ ने सभी मछलियों को चट कर दिया. इससे पहले भी मगरमच्छ समेत कई अन्य जीव इलाके में आते रहता है. जिससे हम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

बगहा
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Published : Jul 20, 2020, 5:43 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 5:15 PM IST

पं. चंपारण(बगहा): वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से निकलकर रिहायशी इलाके में घुसने वाले वन्य जीव आसपास के इलाकों में परेशानी का सबब बनते रहे हैं. वन क्षेत्र में पानी घुसने और नहरों में पानी कम होने से मगरमच्छ लोगों के घरों और पोखरे तक पहुंच रहे हैं. ताजा मामला बगहा के पिपरा का है. जहां सोमवार की सुबह मगरमच्छ एक ग्रामीण के पोखर में घुस गया और पोखर की मछलियों को अपना निवाला बना लिया.

'पोखर की मछली को बनाया निवाला'
स्थानीय गजेंद्र यादव ने बताया कि बीते दो महीने पहले ही पोखर में मछली को डाला गया था. मगरमच्छ ने सभी मछलियों को चट कर दिया. इससे पहले भी मगरमच्छ समेत कई अन्य जीव इलाके में आते रहता है. ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़ कर वन विभाग को सूचित कर दिया है.

ई-टाइप कॉलोनी में घूम रहा भालू
रिहायशी इलाके में घूम रहा भालू

'वाल्मीकिनगर में भालुओं ने मचा रखा है उत्पात'
वहीं, इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर के ई-टाइप कॉलोनी के लोग भालू के घरों तक पहुंच जाने से परेशान हैं. हालात यह है कि बच्चे भालू देख डरे-सहमे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि एक सप्ताह से दर्जनों भालू आम खाने के चक्कर में कॉलोनी के घरों में दिन में आ जाते हैं. रिहायशी इलाके में भालू को देखकर लोग डरे हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वन विभाग के लिए बने चुनौती
जंगली जानवरों के रिहायशी इलाके में घुसने से ग्रामीण तो परेशान है ही, इसके अलावे वन विभाग के लिए भी ये जानवर चुनौती बने हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर वन विभाग वन्य जीवों को रिहायशी इलाके में घुसने से अंकुश नहीं लगा पाए तो, यहां किसी अनहोनी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

गौरतलब है कि बाढ़ का पानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भी घुस चुका है. लेकिन रिर्जव इलाके के नहरों तक पानी नहीं पहुंचा है. जिस वजह से मगरमच्छ वहां से निकलकर पानी और भोजन की तलाश में लोगों की घरों और पोखर तक पहुंच रहे हैं. वहीं, भालू समेत कई अन्य वन्य जीव भोजन की तालश में रिहायशी इलाके पहुंच रहे हैं. जिस वजह से स्थानीय लोग डरे-सहमे हुए हैं.

पं. चंपारण(बगहा): वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से निकलकर रिहायशी इलाके में घुसने वाले वन्य जीव आसपास के इलाकों में परेशानी का सबब बनते रहे हैं. वन क्षेत्र में पानी घुसने और नहरों में पानी कम होने से मगरमच्छ लोगों के घरों और पोखरे तक पहुंच रहे हैं. ताजा मामला बगहा के पिपरा का है. जहां सोमवार की सुबह मगरमच्छ एक ग्रामीण के पोखर में घुस गया और पोखर की मछलियों को अपना निवाला बना लिया.

'पोखर की मछली को बनाया निवाला'
स्थानीय गजेंद्र यादव ने बताया कि बीते दो महीने पहले ही पोखर में मछली को डाला गया था. मगरमच्छ ने सभी मछलियों को चट कर दिया. इससे पहले भी मगरमच्छ समेत कई अन्य जीव इलाके में आते रहता है. ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़ कर वन विभाग को सूचित कर दिया है.

ई-टाइप कॉलोनी में घूम रहा भालू
रिहायशी इलाके में घूम रहा भालू

'वाल्मीकिनगर में भालुओं ने मचा रखा है उत्पात'
वहीं, इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर के ई-टाइप कॉलोनी के लोग भालू के घरों तक पहुंच जाने से परेशान हैं. हालात यह है कि बच्चे भालू देख डरे-सहमे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि एक सप्ताह से दर्जनों भालू आम खाने के चक्कर में कॉलोनी के घरों में दिन में आ जाते हैं. रिहायशी इलाके में भालू को देखकर लोग डरे हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वन विभाग के लिए बने चुनौती
जंगली जानवरों के रिहायशी इलाके में घुसने से ग्रामीण तो परेशान है ही, इसके अलावे वन विभाग के लिए भी ये जानवर चुनौती बने हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर वन विभाग वन्य जीवों को रिहायशी इलाके में घुसने से अंकुश नहीं लगा पाए तो, यहां किसी अनहोनी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

गौरतलब है कि बाढ़ का पानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भी घुस चुका है. लेकिन रिर्जव इलाके के नहरों तक पानी नहीं पहुंचा है. जिस वजह से मगरमच्छ वहां से निकलकर पानी और भोजन की तलाश में लोगों की घरों और पोखर तक पहुंच रहे हैं. वहीं, भालू समेत कई अन्य वन्य जीव भोजन की तालश में रिहायशी इलाके पहुंच रहे हैं. जिस वजह से स्थानीय लोग डरे-सहमे हुए हैं.

Last Updated : Aug 18, 2020, 5:15 PM IST
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