पश्चिम चंपारण (बेतिया): पश्चिम चंपारण जिला कोर्ट में अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ परिवाद दायर (Complaint Filed Against Actress Kangana Ranaut) किया गया है. ये परिवाद अभिनेत्री कंगना रनौत के आजादी वाले बयान (Kangana Ranaut Statement On Independence) को लेकर दायर हुआ है. बेतिया व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता मुराद अली ने सीजेएम कोर्ट में फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ ये परिवाद दायर कराया है.
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बेतिया जिला कोर्ट के अधिवक्ता मुराद अली ने फिल्म अभिनेत्री द्वारा आजादी को भीख में मिलने के बयान को आधार बनाकर उनपर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए यह मुकदमा दायर कराया है. इस संबंध में अधिवक्ता ने बताया कि परिवाद पर सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए एसीजेएम के कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया हैं. जिस पर 7 दिसम्बर को सुनवाई होगी और अधिवक्ता के शपथ पर बयान लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यूह के दौरान उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में सावरकर, लक्ष्मीबाई और नेताजी बोस को याद करते हुए कहा, 'ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए. वे इसे जानते थे. बेशक, उन्हें एक पुरस्कार दिया जाना चाहिए. वह आजादी नहीं थी, वो भिक्षा थी. हमें 2014 में असली आजादी मिली है.
आपको बताते चलें कि कंगना को हाल ही में मोदी सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. 34 वर्षीय एक्ट्रेस के द्वारा आजादी को भीख बताने पर बवाल मचा हुआ है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा समेत अन्य लोग कंगना से पद्मश्री वापस लेने की मांग कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर कंगना रनौत की खूब किरकिरी हो रही है.
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