बेतिया: सूबे की बदहाल शिक्षा व्यवस्था की कहानी कोई नई नहीं है. बदहाल शिक्षा व्यवस्था की तस्वीर आए दिन सामने आती रहती है. सरकार बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के दावे लगातार करती है, लेकिन जमीन पर इन दावों की हकीकत खोखली नजर आती है. ऐसा ही एक नजारा बेतिया में देखने को मिला, जहां स्कूल में ठंड के इस मौसम में बच्चों को जमीन पर बैठाकर पढ़ाया जा रहा है.
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर चल रहा राजकीय उच्च मध्य विद्यालय जमुनिया नवका टोला में जमीन पर पढ़ रहे बच्चों को देखकर हालात का अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है. कंपकंपाती ठंड होने के बावजूद स्कूल में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
जब इस बारे में उस स्कूल के प्रधानाध्यापक से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि स्कूल में बच्चों की संख्या 342 है और उस स्कूल में मात्र 3 कमरे हैं. जिसमें से सिर्फ एक कमरे में लाखों रुपये का बेंच और टेबल रखा गया है. इसके कारण बच्चों को बाहर बैठाकर पढ़ाया जाता है. उन्होंने कहा कि स्कूल के भवन को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार लिखा गया. लेकिन आज तक स्कूल के भवन का निर्माण नहीं हुआ.
हमारा स्कूल बना ही नहीं है- बच्चे
स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षक की मानें, तो सरकारी उदासीनता के कारण आज इस स्कूल की हालत ऐसी है. वहीं, उस स्कूल के बच्चों का कहना है कि ठंड बहुत है लेकिन स्कूल में पढ़ने के लिए भवन नहीं है. इस कारण खुले में बैठकर पढ़ना पड़ता है.
बहरहाल, जो भी हो शिक्षा के नाम पर सरकार करोड़ों रुपया खर्च तो कर रही है. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण आज वर्षों से जमुनिया उच्च माध्य विद्यालय नवका टोला में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे कड़ाके की ठंड और बरसात के दिनों में जमीन और खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.