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अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने भरी कोसी, घाटों पर उमड़ी भक्तों की भारी भीड़ - बिहार में छठ

आस्था और विश्वास के इस सूर्योपासना पर्व के बारे में व्रतियों ने बताया कि छठ पर्व अशुद्धियों का त्याग कर शुद्धता को अपनाने का पर्व है. व्रती महिलाओं ने कहा कि विचारों, सोंच या मनुष्य में किसी भी चीज की अशुद्धि हो उसका त्याग कर ही खुद को शुद्ध किया जा सकता.

छठ व्रतियों ने भरी कोसी
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Published : Nov 3, 2019, 2:42 AM IST

Updated : Nov 3, 2019, 3:25 AM IST

बेतिया: बगहा में गण्डक नदी के तट पर छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हुए लोक कल्याण की कामना की. इस दौरन छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का भारी हुजूम देखने को मिला. साथ हीं प्रशासन की तरफ से किये गए बेहतर व्यवस्था पर लोगों ने खुशी जाहिर की.

लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. जिसके बाद व्रतियों ने कोसी भर छठ मईया से अपनी मुरादें मांगी. आस्था और विश्वास के इस सूर्योपासना पर्व के बारे में व्रतियों ने बताया कि छठ अशुद्धियों का त्याग कर शुद्धता को अपनाने का पर्व है. व्रती महिलाओं ने कहा कि विचारों की अशुद्धि, सोच या मनुष्य में किसी भी चीज की अशुद्धि हो उसका त्याग कर खुद को शुद्ध किया जा सकता है. यहीं वजह है कि निर्जला व्रत रहकर व्रती अशुद्धि का त्याग कर शुद्ध मन व विचार से मां को पूजती हैं.

बगहा से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

गोड़िया पट्टी छठ घाट पर उमड़ी भीड़
बता दें कि बगहा में दर्जनों छठ घाट बनाये गये हैं सबसे ज्यादा भीड़ गोड़िया पट्टी छठ घाट पर उमड़ी. इस छठ घाट पर मूर्ति स्थापित की गई है. वहीं हर तरह के इंतेजाम किए गए हैं. व्रतियों ने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बेहतर व्यवस्था की गई है.

bagha
छठ घाट पर उमड़ी भीड़

बेतिया: बगहा में गण्डक नदी के तट पर छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हुए लोक कल्याण की कामना की. इस दौरन छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का भारी हुजूम देखने को मिला. साथ हीं प्रशासन की तरफ से किये गए बेहतर व्यवस्था पर लोगों ने खुशी जाहिर की.

लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. जिसके बाद व्रतियों ने कोसी भर छठ मईया से अपनी मुरादें मांगी. आस्था और विश्वास के इस सूर्योपासना पर्व के बारे में व्रतियों ने बताया कि छठ अशुद्धियों का त्याग कर शुद्धता को अपनाने का पर्व है. व्रती महिलाओं ने कहा कि विचारों की अशुद्धि, सोच या मनुष्य में किसी भी चीज की अशुद्धि हो उसका त्याग कर खुद को शुद्ध किया जा सकता है. यहीं वजह है कि निर्जला व्रत रहकर व्रती अशुद्धि का त्याग कर शुद्ध मन व विचार से मां को पूजती हैं.

बगहा से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

गोड़िया पट्टी छठ घाट पर उमड़ी भीड़
बता दें कि बगहा में दर्जनों छठ घाट बनाये गये हैं सबसे ज्यादा भीड़ गोड़िया पट्टी छठ घाट पर उमड़ी. इस छठ घाट पर मूर्ति स्थापित की गई है. वहीं हर तरह के इंतेजाम किए गए हैं. व्रतियों ने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बेहतर व्यवस्था की गई है.

bagha
छठ घाट पर उमड़ी भीड़
Intro:बगहा में गण्डक नदी के तट पर छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और लोक कल्याण की कामना की। इस दरम्यान छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का भारी हुजूम देखने को मिला। साथ हीं प्रशासन द्वारा किये गए बेहतर व्यवस्था पर लोगों ने खुशी जाहिर की।


Body:बिहार के महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन था। आज के दिन छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दे सभी के कल्याण हेतु मंगलकामना की। उसके बाद व्रतियों ने कोसी भर छठ मईया से अपनी मुरादें मांगी। आस्था एवं विश्वास के इस सूर्योपासना पर्व के बारे में बोलते हुए व्रतियों ने बताया कि अशुद्धियों का त्याग कर शुद्ध को अपनाने का पर्व है छठ। व्रती महिलाओं ने कहा कि विचारों की अशुद्धि हो, सोच की अशुद्धि हो या मनुष्य में किसी भी चीज की अशुद्धि हो उसका त्याग कर ही खुद को शुद्ध किया जा सकता। यही वजह है कि निर्जला व्रत रहकर व्रती अशुद्धि का त्याग कर शुद्ध मन व विचार से माँ को पूजती हैं।
वैसे तो बगहा में दर्जनों छठ घाट बने हैं और सभी घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े। लेकिन बगहा के गोड़िया पट्टी छठ घाट पर सबसे ज्यादा भीड़ दर्ज की गई। इस छठ घाट पर मूर्ति स्थापित की गई थी और हर पहलू से बेहतर इन्तेजामात भी किये गए थे। जिससे लोगों में खुशी देखने को मिली। व्रतियों ने भी माना कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बेहतर व्यवस्था की गई है।
बाइट- व्रती महिला
बाइट- महिला


Conclusion:अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के उपरांत अधिकांश घरों में व्रतियों ने कोसी भरा और छठ मैया से ऐश्वर्य, सम्पन्नता, खुशहाली की मंगलकामना की। कल अहले सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो जाएगा।
Last Updated : Nov 3, 2019, 3:25 AM IST
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