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4 लोगों ने किया फर्जी सिम का उपयोग, इंडो नेपाल सीमा पर Fake Sim का उपयोग बन सकता है खतरा - etv bihar news

बगहा में फर्जी सिम लेकर उपयोग किया (Case of Using Fake Sim in Bagaha) जा रहा था. इंडो नेपाल सीमा पर फर्जी दस्तावेज से सिम कार्ड लेकर उसका इस्तेमाल चार लोग कर रहे थे. थानाध्यक्ष ने जांच-पड़ताल कर स्वयं बयान दर्ज कर इलाके के चार लोगों को नामजद कर उनपर कार्रवाई करने की बात कही है. पढ़ें पूरी खबर..

बगहा में फर्जी सिम लेने का मामला
बगहा में फर्जी सिम लेने का मामला
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Published : May 6, 2022, 5:28 PM IST

बगहा: बिहार के पश्चिम चंपारण में फर्जी सिम कार्ड लेने का मामला (Case of Taking Fake Sim Card in West Champaran) सामने आया है. इंडो नेपाल सीमा पर फर्जी दस्तावेज के जरिये सिम कार्ड का आवंटन करा कर उसका उपयोग किया जा रहा था. दरअसल इलाके के चार लोगों ने फर्जी मतदाता पत्र जमा कर सिम लिया (Got Sim by Submitting Fake Voter Card) था. थानाध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया है कि पुलिस अधीक्षक के ज्ञापांक 1666/ अपराध शाखा 21/04/22 के द्वारा टेली कम्पनियों से ग्राहकों के द्वारा फर्जी कागजात के आधार पर सिम कार्ड प्राप्त करने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था.

ये भी पढ़ें- मधुबनी में इंडो-नेपाल सीमा से गांजा तस्कर गिरफ्तार, 1 क्विंटल गांजा जब्त

फर्जी वोटिंग कार्ड के जरिए सिम लेने का मामला: थानाध्यक्ष ने अपने लिखित बयान में बताया है कि संलग्न कागजातों के अवलोकन से पाया गया है कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के केस नम्बर 38807/2020 शिव कुमार बनाम बिहार राज्य एवं अन्य आदेश में यह बताया गया है कि थाना प्रभारियों के द्वारा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है जो कि उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है. लिहाजा जांच पड़ताल के क्रम में सीमाई क्षेत्र में चार ऐसे लोगों का नाम सामने आया है जिन्होंने फर्जी कागजात जमा कर सिम का आवंटन प्राप्त किया है.

चार लोग पाए गए दोषी: मिली जानकारी के अनुसार इन चारों उपभोक्ताओं के नाम क्रमशः नीरज पटेल, साकिन विजय पुर, प्रिंस उरांव साकिन धगरहिया, कलावती देवी साकिन सन्तपुर सोहरिया और रामधारी पंजियार साकिन कनघुसरी सोहरिया है. आश्चर्य की बात यह है कि इनके द्वारा जमा कराए गए पहचान पत्रों में ना तो वोटर आईडी का क्रम संख्या अंकित है और ना ही पैरेंटस का नाम ही लिखा हुआ है. ये सभी फर्जी मतदाता पहचान पत्र जमा करा कर सिम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं.

आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही मामले का होगा खुलासा: ऐसे में नक्सल प्रभावित इलाका होने और सीमाई क्षेत्र होने की वजह से इन सिम कार्डों का गलत उपयोग भी किया जा सकता है जो कि काफी संवेदनशील मामला है. नतीजतन पुलिस फर्जी अभिलेख देकर सिम लेने के मामले में इनपर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई में जुटी है. इन आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा कि ये सभी फर्जी सिम आपराधिक गतिविधियों में उपयोग के लिए लिए गए हैं या इनका सही उपयोग किया जा रहा है.

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बगहा: बिहार के पश्चिम चंपारण में फर्जी सिम कार्ड लेने का मामला (Case of Taking Fake Sim Card in West Champaran) सामने आया है. इंडो नेपाल सीमा पर फर्जी दस्तावेज के जरिये सिम कार्ड का आवंटन करा कर उसका उपयोग किया जा रहा था. दरअसल इलाके के चार लोगों ने फर्जी मतदाता पत्र जमा कर सिम लिया (Got Sim by Submitting Fake Voter Card) था. थानाध्यक्ष अर्जुन कुमार ने बताया है कि पुलिस अधीक्षक के ज्ञापांक 1666/ अपराध शाखा 21/04/22 के द्वारा टेली कम्पनियों से ग्राहकों के द्वारा फर्जी कागजात के आधार पर सिम कार्ड प्राप्त करने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था.

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फर्जी वोटिंग कार्ड के जरिए सिम लेने का मामला: थानाध्यक्ष ने अपने लिखित बयान में बताया है कि संलग्न कागजातों के अवलोकन से पाया गया है कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के केस नम्बर 38807/2020 शिव कुमार बनाम बिहार राज्य एवं अन्य आदेश में यह बताया गया है कि थाना प्रभारियों के द्वारा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है जो कि उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है. लिहाजा जांच पड़ताल के क्रम में सीमाई क्षेत्र में चार ऐसे लोगों का नाम सामने आया है जिन्होंने फर्जी कागजात जमा कर सिम का आवंटन प्राप्त किया है.

चार लोग पाए गए दोषी: मिली जानकारी के अनुसार इन चारों उपभोक्ताओं के नाम क्रमशः नीरज पटेल, साकिन विजय पुर, प्रिंस उरांव साकिन धगरहिया, कलावती देवी साकिन सन्तपुर सोहरिया और रामधारी पंजियार साकिन कनघुसरी सोहरिया है. आश्चर्य की बात यह है कि इनके द्वारा जमा कराए गए पहचान पत्रों में ना तो वोटर आईडी का क्रम संख्या अंकित है और ना ही पैरेंटस का नाम ही लिखा हुआ है. ये सभी फर्जी मतदाता पहचान पत्र जमा करा कर सिम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं.

आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही मामले का होगा खुलासा: ऐसे में नक्सल प्रभावित इलाका होने और सीमाई क्षेत्र होने की वजह से इन सिम कार्डों का गलत उपयोग भी किया जा सकता है जो कि काफी संवेदनशील मामला है. नतीजतन पुलिस फर्जी अभिलेख देकर सिम लेने के मामले में इनपर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई में जुटी है. इन आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा कि ये सभी फर्जी सिम आपराधिक गतिविधियों में उपयोग के लिए लिए गए हैं या इनका सही उपयोग किया जा रहा है.

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