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हजारों साल पुराने गेहूं की बंपर पैदावार, डायबिटीज मरीजों के लिए है रामबाण

पश्चिमी चंपारण में एक किसान सिंधु घाटी सभ्यता के समय की पारंपरिक गेहूं के प्रभेद की बंपर उपज हुई है. बिहार में पहली दफा सिंधु घाटी सभ्यता काल के गेहूं सोनमती की खेती हुई है. औषधीय गुणों से युक्त गेहूं की ये किस्म डायबिटीज और दिल के मरीजों के लिए रामबाण है.

पश्चिमी चम्पारण
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Published : Apr 19, 2021, 5:54 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 6:51 PM IST

पश्चिमी चम्पारण: जिले के रामनगर प्रखण्ड के अंतर्गत हरपुर गांव में एक किसान ने गेहूं के चार किस्मों की खेती की है. इसमें सिंधु घाटी सभ्यता के समय की 2000 ईसा वर्ष पुराने गेहूं की किस्म सोनामोती भी शामिल है. ये सभी किस्म औषधीय गुणों से परिपूर्ण हैं और डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए रामबाण साबित होगी. लिहाजा कृषि विभाग इसे अन्य किसानों को उपजाने के लिए प्रेरित कर रहा है.

ये भी पढ़ें- पश्चिमी चंपारण: सिंधु घाटी सभ्यता का सोनामोती गेंहू करेगा दिल की बीमारी का इलाज

सोनामोती गेहूं की बंपर उपज
इस बार 2000 ईसा वर्ष पुराने इस गेहूं के किस्म की बम्पर उपज हुई है. रामनगर के हरपुर गांव निवासी विजय गिरी ने सिंधु घाटी सभ्यता काल के सोनामोती गेहूं समेत चार किस्म के गेहूं का उत्पादन किया है. सोनामोती गेहूं के अलावा ब्लू, पर्पल और ब्लैक गेंहू सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं. जिसकी इलाके के किसानों के बीच काफी चर्चा है.

गेहूं की बंपर पैदावार
गेहूं की बंपर पैदावार

''सोनामोती गेहूं की खेती बिहार में पहली दफा हुई है और इसकी बम्पर पैदावार से आगे का रास्ता भी साफ हो गया है और आने वाले समय में इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा''- विजय गिरी, किसान

ईटीवी भारत GFX
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औषधीय गुणों से भरपूर गेहूं
किसान ने अपने खेतों में प्रयोग के तौर पर सोनामोती गेहूं के साथ-साथ पर्पल गेहूं, ब्लू गेहूं और ब्लैक गेहूं की खेती भी की. ये सभी प्रभेद औषधीय गुणों से भरपूर हैं. डायबिटीज और दिल के मरीजों के लिए रामबाण औषधि है. किसान के मुताबिक इन सभी प्रभेदों के गेहूं में फॉलिक एसिड प्रचुर मात्रा में है, जबकि ग्लाइसिमिक और ग्लूटिन नामक तत्व कम मात्रा में हैं, लिहाजा इसे दिल और मधुमेह रोगियों के लिए काफी लाभप्रद माना जा रहा है.

हजारों साल पुराना गेहूं
हजारों साल पुराना गेहूं

ये भी पढ़ें- गया: क्रॉप कटिंग कर गेहूं की पैदावार का आकलन

कृषि विभाग करेगा प्रोत्साहित
रामनगर के कृषि प्रखण्ड पदाधिकारी कृष्ण नंदन सिंह ने बताया कि अभी तक किसान विजय गिरी को सिर्फ तकनीकी तौर पर मदद दी गई है. इसके बेहतर उपज को देखते हुए अब अन्य किसानों को भी सभी किस्मों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

ईटीवी भारत GFX
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''बाजार में इन सभी प्रभेदों के गेहूं का अच्छा बाजार रेट मिलेगा. लिहाजा ये किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा और इससे आर्थिक संपन्नता आएगी और प्रधानमंत्री मोदी के प्रत्येक किसान की आय दुगुना करने का जो लक्ष्य है, उसको बल मिलेगा''- कृष्ण नंदन सिंह, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी रामनगर

ब्लू गेहूं की खेती
ब्लू गेहूं की खेती

पंजाब के जलालपुर में होती है खेती
दरअसल, आधुनिकता के इस दौर में अनियंत्रित जीवन शैली और अनियमित खानपान ज्यादातर गंभीर बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. यही वजह है कि एक बड़ा तबका मधुमेह, हृदयरोग और रक्तचाप जैसी बीमारियों की चपेट में हैं. लिहाजा, इसी को ध्यान में रखकर श्री श्री रविशंकर महाराज ने पंजाब के जलालपुर में सोनामोती गेहूं की खेती हजारों एकड़ में करवाई है.

ब्लैक गेहूं की खेती
ब्लैक गेहूं की खेती

पंजाब से लाए थे 200 ग्राम बीज
55 वर्षीय किसान विजय गिरी ने 200 ग्राम बीज लाकर इसकी खेती की और उतने बीज से एक क्विन्टल से ज्यादा का उत्पादन हुआ है. कृषि विभाग भी इसको लेकर खुश है कि किसान ने 2000 ईसा वर्ष पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए लोगों की थाली तक स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक शुगर फ्री भोजन पहुंचाने की मुहिम चलाई है.

ये भी पढ़ें- लखीसराय में गेहूं की अच्छी पैदावार, उपज बेचने को लेकर किसान चिंतित

गेहूं लाएगा आर्थिक समृद्धि
रामनगर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी तरुण कुमार मिश्र का भी कहना है कि इलाके में अलग तरह की खेती काफी सराहनीय है. इसकी वेरायटी में कई तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से लाभकारी हैं. साथ ही सरकार ने कृषि क्रांति को लेकर 2021 तक का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसमें इस तरह की खेती आर्थिक समृद्धि लाएगी और किसान सुदृढ़ होंगे.

पश्चिमी चम्पारण: जिले के रामनगर प्रखण्ड के अंतर्गत हरपुर गांव में एक किसान ने गेहूं के चार किस्मों की खेती की है. इसमें सिंधु घाटी सभ्यता के समय की 2000 ईसा वर्ष पुराने गेहूं की किस्म सोनामोती भी शामिल है. ये सभी किस्म औषधीय गुणों से परिपूर्ण हैं और डायबिटीज और हृदय रोगियों के लिए रामबाण साबित होगी. लिहाजा कृषि विभाग इसे अन्य किसानों को उपजाने के लिए प्रेरित कर रहा है.

ये भी पढ़ें- पश्चिमी चंपारण: सिंधु घाटी सभ्यता का सोनामोती गेंहू करेगा दिल की बीमारी का इलाज

सोनामोती गेहूं की बंपर उपज
इस बार 2000 ईसा वर्ष पुराने इस गेहूं के किस्म की बम्पर उपज हुई है. रामनगर के हरपुर गांव निवासी विजय गिरी ने सिंधु घाटी सभ्यता काल के सोनामोती गेहूं समेत चार किस्म के गेहूं का उत्पादन किया है. सोनामोती गेहूं के अलावा ब्लू, पर्पल और ब्लैक गेंहू सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं. जिसकी इलाके के किसानों के बीच काफी चर्चा है.

गेहूं की बंपर पैदावार
गेहूं की बंपर पैदावार

''सोनामोती गेहूं की खेती बिहार में पहली दफा हुई है और इसकी बम्पर पैदावार से आगे का रास्ता भी साफ हो गया है और आने वाले समय में इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा''- विजय गिरी, किसान

ईटीवी भारत GFX
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औषधीय गुणों से भरपूर गेहूं
किसान ने अपने खेतों में प्रयोग के तौर पर सोनामोती गेहूं के साथ-साथ पर्पल गेहूं, ब्लू गेहूं और ब्लैक गेहूं की खेती भी की. ये सभी प्रभेद औषधीय गुणों से भरपूर हैं. डायबिटीज और दिल के मरीजों के लिए रामबाण औषधि है. किसान के मुताबिक इन सभी प्रभेदों के गेहूं में फॉलिक एसिड प्रचुर मात्रा में है, जबकि ग्लाइसिमिक और ग्लूटिन नामक तत्व कम मात्रा में हैं, लिहाजा इसे दिल और मधुमेह रोगियों के लिए काफी लाभप्रद माना जा रहा है.

हजारों साल पुराना गेहूं
हजारों साल पुराना गेहूं

ये भी पढ़ें- गया: क्रॉप कटिंग कर गेहूं की पैदावार का आकलन

कृषि विभाग करेगा प्रोत्साहित
रामनगर के कृषि प्रखण्ड पदाधिकारी कृष्ण नंदन सिंह ने बताया कि अभी तक किसान विजय गिरी को सिर्फ तकनीकी तौर पर मदद दी गई है. इसके बेहतर उपज को देखते हुए अब अन्य किसानों को भी सभी किस्मों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

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''बाजार में इन सभी प्रभेदों के गेहूं का अच्छा बाजार रेट मिलेगा. लिहाजा ये किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा और इससे आर्थिक संपन्नता आएगी और प्रधानमंत्री मोदी के प्रत्येक किसान की आय दुगुना करने का जो लक्ष्य है, उसको बल मिलेगा''- कृष्ण नंदन सिंह, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी रामनगर

ब्लू गेहूं की खेती
ब्लू गेहूं की खेती

पंजाब के जलालपुर में होती है खेती
दरअसल, आधुनिकता के इस दौर में अनियंत्रित जीवन शैली और अनियमित खानपान ज्यादातर गंभीर बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. यही वजह है कि एक बड़ा तबका मधुमेह, हृदयरोग और रक्तचाप जैसी बीमारियों की चपेट में हैं. लिहाजा, इसी को ध्यान में रखकर श्री श्री रविशंकर महाराज ने पंजाब के जलालपुर में सोनामोती गेहूं की खेती हजारों एकड़ में करवाई है.

ब्लैक गेहूं की खेती
ब्लैक गेहूं की खेती

पंजाब से लाए थे 200 ग्राम बीज
55 वर्षीय किसान विजय गिरी ने 200 ग्राम बीज लाकर इसकी खेती की और उतने बीज से एक क्विन्टल से ज्यादा का उत्पादन हुआ है. कृषि विभाग भी इसको लेकर खुश है कि किसान ने 2000 ईसा वर्ष पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए लोगों की थाली तक स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक शुगर फ्री भोजन पहुंचाने की मुहिम चलाई है.

ये भी पढ़ें- लखीसराय में गेहूं की अच्छी पैदावार, उपज बेचने को लेकर किसान चिंतित

गेहूं लाएगा आर्थिक समृद्धि
रामनगर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी तरुण कुमार मिश्र का भी कहना है कि इलाके में अलग तरह की खेती काफी सराहनीय है. इसकी वेरायटी में कई तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से लाभकारी हैं. साथ ही सरकार ने कृषि क्रांति को लेकर 2021 तक का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसमें इस तरह की खेती आर्थिक समृद्धि लाएगी और किसान सुदृढ़ होंगे.

Last Updated : Apr 19, 2021, 6:51 PM IST
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