बगहाः जिले के नारायनापुर घाट पर गंडक नदी में सुबह सुबह नाव पलट गई. जिसके बाद अफरातफरी का माहौल कायम हो गया. लोग नाव पर सवार हो गंडक दियारा पार खेतों में काम करने और दूध लाने जा रहे थे. इसी समय नाव एक पुल के पाया से टकराकर चकनाचूर हो गई. मौके पर मौजूद मछुआरों ने सभी लोगों को डूबने से बचा लिया.
गंडक नदी में नाव हादसा
दरअसल, बगहा के नारायनापुर घाट के पास से प्रतिदिन दर्जनों नाव गंडक दियारा पार के इलाके में जाती है और सैकड़ों लोग उस इलाके में खेती और मजदूरी करने जाते हैं. शुक्रवार की सुबह भी एक नाव पर सवार दर्जनों लोग दियारा जा रहे थे, तभी नाव गंडक नदी में पलट गई.
नाव के हो गए टुकड़े-टुकड़े
नाव पर सवार लोगों का कहना था कि प्रतिदिन की तरह जब वे नाव पर सवार हो दियारा के क्षेत्र में दूध लाने और खेती-मजदूरी करने जा रहे थे. तभी नाव एक पुराने पुल के पिलर से टकरा गई और नाव के दो टुकड़े हो गए. नाव पर साइकिल, दूध का ड्रम सहित 10 पुरुष और तीन महिलाएं बैठी थी. नाव टूटने के बाद कुछ लोग तैर कर निकल गए. वहीं गंडक नदी में मछली मार रहे मछुआरों ने हादसा देख कई लोगों को जाकर डूबने से बचा लिया.
पहले भी हो चुका है हादसा
बता दें कि गंडक नदी में नाव दुर्घटना कोई नई बात नहीं है. इसके पूर्व भी प्रत्येक वर्ष बरसात के समय इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं. स्थानीय वार्ड पार्षद भोला कुमार का कहना है कि नाव दुर्घटनाओं से ना तो प्रशासन सबक लेती है और ना ही ग्रामीण. हालांकि लोगों की मजबूरी है कि वे खेती के लिए उस इलाके में जाते हैं क्योंकि अधिकांश लोगों का खेती और घड़ारी दियारा पार के इलाकों में है. यदि पुराने पुल पर ही निर्माण करा दिया जाता, तो इस तरह के हादसा नहीं होता.
प्रशासन करेगी कार्रवाई
बता दें कि एसडीएम विशाल राज ने हाल ही में मछुआरों और निजी नाव मालिकों से अपील की थी कि गंडक दियारा का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसे में नदी में न जाएं. एसडीएम ने चेतावनी देते हुए कहा था कि जो लोग गैर निबंधित नावों का परिचालन करेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे में मौके पर पहुंचे एसडीएम विशाल राज ने कहा कि किसी भी तरह के हताहत और जान माल का नुकसान नहीं हुआ है. जांच की जा रही है यदि दुर्घटनाग्रस्त नाव गैर निबंधित होगी तो कार्रवाई की जाएगी.