बगहा: बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. सर्दी का मौसम आलू की फसल के अनुकूल माना जाता है. लेकिन बीते दिनों से तापमान में गिरावट ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. आलू की खेती में झुलसा रोग लगने से बगहा के किसानों को नुकसान का डर सता रहा है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को झुलसा रोग से बचने के लिए कुछ उपाय बताए हैं.
आलू की फसल में लगा झुलसा रोग: बता दें कि पाला पड़ने की वजह से आलू की फसल में झुलसा रोग लग गया है. जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि 'आलू की पत्तियां बिलकुल पीली और काली पड़ गईं हैं. ऐसा लगता है की उनकी लागत भी नहीं निकल पाएगी.'
"ठंड पड़ने के कारण आलू की पत्तियां पूरी झुलस गई हैं. सारे पत्ते नष्ट हो रहे हैं. हमें बहुत नुकसान हो रहा है. फसल ही नष्ट हो गई है, तो आलू कहां से आएगा?"- महेश प्रसाद, किसान
"सारी फसल पर शीत, पाला गिर गया है, जिससे आधी से ज्यादी फसल बर्बाद हो गई. यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले कुछ दिनों में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा, जिससे आलू की कीमतों पर भी इसका असर पड़ेगा."- श्रीराम, किसान
कृषि वैज्ञानिक ने बताया बचाव के उपाय: इसको लेकर कृषि विशेषज्ञ विनय कुमार सिंह ने बताया कि खेतों में पाला जमने से आलू की पैदावार प्रभावित होती है. दिन में धूप निकलने से आलू की फसल की आल मुरझा जाती है और आलू का आकार बढ़ने से रुक जाता है, जिससे उसकी गुणवत्ता कमजोर पड़ जाएगी. ऐसे में किसान भाई कोई भी फंगीसाइड का छिड़काव अपने फसल में करें.
"अधिकांश किसान अपने खेतों में सिर्फ यूरिया, डाई और पोटाश आदि डालते हैं. जबकि खेत की जमीन को सल्फर, कैल्शियम और जिंक समेत कई माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता पड़ती है. लिहाजा अपने खेतों की मृदा जांच करवाकर आवश्यकतानुसार उचित उर्वरक का उपयोग करें ताकि फसल को झुलसा रोग से बचाया जा सके."- विनय कुमार सिंह, कृषि वैज्ञानिक
कैसे लगता है झुलसा रोग: आलू की खेती के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त होता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिले में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है. इससे आलू की खेती में झुलसा रोग लगने लगा है. झुलसा रोग से आलू की पत्तियां और कंद दोनों प्रभावित होते हैं. इससे आलू की पैदावार कम हो जाती है.
किसानों के सिर पर खतरे के बादल: बता दें कि आलू खुदाई के लिए लगभग तैयार है. अगले माह से इसकी खुदाई होगी. लिहाजा इस समय खेतों में पाला पड़ना अच्छा संकेत नहीं हैं. मौसम में सुधार नहीं हुआ तो आलू की फसल को भारी नुकसान होने के आसार हैं और किसानों को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में आलू की खेती करने वाले किसानों के सिर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
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