पटना : बिहार के पहले केबल पुल का दर्जा मिलने से पहले ही अगुवानी पुल धराशायी हो गया. सियासी गलियारे में चर्चा है कि सुल्तानगंज-अगुवानी घाट को जोड़ने वाला पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. पुल के गिरते ही बीजेपी ने सरकार को आड़े हाथों लिया. बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है.
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गिरे पुल पर दौड़ रही बिहार की सियासत : डॉक्टर संजय जयसवाल ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अगुवानी पुल के गिरने पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब पहली बार पुल गिरा था, उसी समय नितीन नवीन ने कॉन्ट्रैक्ट के कार्य पर रोक लगा दी थी. आईआईटी रूड़की को मामले की जांच के आदेश दिए थे. लेकिन बिना जांच रिपोर्ट के ही तेजस्वी यादव ने पुल का निर्माण शुरू करा दिए.
''अगस्त में तेजस्वी यादव पथ निर्माण मंत्री बनते हैं और सितंबर में पुल निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जाता है. आज जब पुल टूट चुका है तब तेजस्वी यादव को याद आता है कि इसके स्ट्रेचर में ही गड़बड़ी थी. यह तेजस्वी यादव की लापरवाही है कि जब एक बार पुल टूट चुका है तब दोबारा पुल बनाना, वह भी बिना जांच रिपोर्ट के तेजस्वी यादव की घोटालेबाज नीति को दर्शाता है.''- डॉ. संजय जयसवाल, पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
बीजेपी करेगी 9 जून को आंदोलन : बता दें की सुल्तानगंज-अगुवानी घाट को जोड़ने वाला पुल ध्वस्त होने से सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति हुई है. इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले को लेकर बीजेपी तेवर में है और सरकार को घेरने की तैयारी कर चुकी है. बीजेपी ने 9 जून को राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान कर दिया है. रविवार 4 जून की शाम को ये पुल का स्ट्रक्चर ढह गया था.
सीबीआई जांच की मांग : पुल के गिरने पर बिहार में सियासत भी गरम है. बीजेपी ने इसकी सीबीआई से जांच की मांग की है. जबकि महागठबंधन सरकार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का जवाब है कि सीबीआई वाले इंजीनियर नहीं होते. वहीं जेडीयू कह रही है कि एसपी सिंगला कंपनी केंद्र सरकार की दुलरुआ है. उसे केंद्र सरकार ने अरबों का प्रोजेक्ट दे रखा है.