बगहा: भाईचारे और सद्भावना के दूत ईसा मसीह का जन्मदिन क्रिसमस का पर्व बगहा में धूमधाम से मनाया जा रहा है. जैसे ही मध्यरात्रि में प्रभु यीशु का जन्म हुआ तो 135 वर्ष पुराने गिरिजाघर में उपस्थित लोग खुशी में डूब गए और केक काटकर ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया. इस दौरान सभी ने एक दूसरे को बधाई दी.
ईसाई समुदाय के लोगों में उत्साह: क्रिसमस को लेकर कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट गिरजाघरों में मध्यरात्रि के बाद ग्रेट यीशु कम्स और टूथ इज विक्ट्री जैसे गीतों पर यीशु के अनुयायी खुशी में खूब झूमें. बगहा के चखनी स्थित 135 साल पुराने प्राचीन गिरिजाघर में सुबह से ही प्रार्थना के लिए लोगों का आना शुरू हो गया था. तभी से एक दूसरे को केक खिलाकर बधाई देने का सिलसिला चलता रहा.
135 साल पुराने चर्च में क्रिसमस सेलिब्रेशन: यीशु के जन्म की खबर सुनकर लोगों की आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे. प्रभु की शान में लोगों ने देखो जरा, आज खुश है धरा, हाले लुइया-हाले लुइया, प्रेज द लॉर्ड समेत अन्य कैरल्स गाए और गले लगकर एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाइयां दी. अनुयायियों ने बताया की ईशा मसीह का जन्म गोशाला में हुआ था, लिहाजा उन्होंने अपने अपने घरों में गोशाला बनाकर प्रार्थना की.
प्रभु यीशु से विश्व शांति की कामना: इस दौरान चर्च के फादर नोबट ने कहा कि ईश्वर सभी लोगों का भला करें, सभी को शांति, धन-संपदा प्रदान करें. उन्होंने नववर्ष मंगलमय होने की बता कही. कहा कि प्रभु यीशु लोगों की कठिनाइयां दूर करें. साथ ही उन्होंने बताया कि चर्च में देर रात्रि से ही अनुयायियों की भीड़ जुटने लगी थी और सुबह में मिशा पूजा की गई. यहां अन्य धर्मों के लोगों ने भी इसमें शिरकत की.
"प्रभु यीशु के जन्मदिन को लेकर मध्यरात्रि से ही लोगों की भीड़ जुटने लगी, सभी ने केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी. सुबह में मिशा पूजा की गई. चर्च में दूसरे धर्म के लोग भी पहुंचे थे."- नोबट, चर्च के फादर
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