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पश्चिमी चंपारण: बाहर से लौटे मजदूरों को जिला प्रशासन ने बीच रास्ते में ही छोड़ा, तीन दिन से नहीं मिला है खाना - कोरोना वायरस

बेतिया जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण अहमदाबाद से बेतिया पहुंचे प्रवासी मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे. प्रशासन ने गृह जिला भेजने के बदले उन्हें मुजफ्फरपुर जंक्शन भेज दिया, जिसके कारण सभी मजदूर परेशान हैं.

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Published : May 8, 2020, 4:49 PM IST

Updated : May 9, 2020, 1:20 PM IST

मुजफ्फरपुर: प्रवासी मजदूरों को लेकर बेतिया जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन से आए आधा दर्जन मजदूरों को जिला प्रशासन ने मुजफ्फरपुर में ही छोड़ दिया. अब यह मजदूर अपने गृह जिला जाने के लिए मुजफ्फरपुर जंक्शन पर टकटकी लगाए बैठे हैं.

अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन से बेतिया पहुंचे पटना और वैशाली के प्रवासी मजदूरों को बेतिया जिला प्रशासन ने बस से मुजफ्फरपुर जंक्शन भेज दिया. मुजफ्फरपुर जंक्शन पर प्रवासी मजदूर अपने जिले में जाने के लिए परेशान दिखे, लेकिन प्रशासन ने इनकी खबर तक नहीं ली.

देखें रिपोर्ट

घर जाने का इंतजार

मजदूरों ने बताया कि अहमदाबाद में काम करते थे. ज्यादातर लोगों का मजदूरी से गुजर-बसर हो रहा था. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में उनका रोजगार छिन गया. अब उनके पास कमाने का न कोई जरिया न खाने के लिए जमा पूंजी. इसलिए घर वापस जाने को मजबूर हैं. यहां अपने राज्य पहुंचने के बाद भी उन्हें ऐसे ही परेशान छोड़ दिया गया. ये भी सभी भूखे-प्यासे खड़े होकर अपने घर जाने का इंतजार कर रहे हैं.

मुजफ्फरपुर: प्रवासी मजदूरों को लेकर बेतिया जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन से आए आधा दर्जन मजदूरों को जिला प्रशासन ने मुजफ्फरपुर में ही छोड़ दिया. अब यह मजदूर अपने गृह जिला जाने के लिए मुजफ्फरपुर जंक्शन पर टकटकी लगाए बैठे हैं.

अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन से बेतिया पहुंचे पटना और वैशाली के प्रवासी मजदूरों को बेतिया जिला प्रशासन ने बस से मुजफ्फरपुर जंक्शन भेज दिया. मुजफ्फरपुर जंक्शन पर प्रवासी मजदूर अपने जिले में जाने के लिए परेशान दिखे, लेकिन प्रशासन ने इनकी खबर तक नहीं ली.

देखें रिपोर्ट

घर जाने का इंतजार

मजदूरों ने बताया कि अहमदाबाद में काम करते थे. ज्यादातर लोगों का मजदूरी से गुजर-बसर हो रहा था. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में उनका रोजगार छिन गया. अब उनके पास कमाने का न कोई जरिया न खाने के लिए जमा पूंजी. इसलिए घर वापस जाने को मजबूर हैं. यहां अपने राज्य पहुंचने के बाद भी उन्हें ऐसे ही परेशान छोड़ दिया गया. ये भी सभी भूखे-प्यासे खड़े होकर अपने घर जाने का इंतजार कर रहे हैं.

Last Updated : May 9, 2020, 1:20 PM IST
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