बेतिया: अनुमंडल अस्पताल में बुधवार को आशा वर्कर ने जमकर हंगामा किया. आशा वर्करों का कहना है कि आशा फैसलेटर उनसे उगाही कर रहे हैं. वेतन भुगतान के लिए अस्पताल प्रशासन से कहने पर टालमटोल किया जा रहा है.
जनवरी से नहीं मिला वेतन
आशा वर्करों ने कहा कि जनवरी से बकाए भुगतान को लेकर हम सभी आशा परेशान हैं. आशा ने कहा कि जब राशि की मांग कर रहे हैं तो आशा फैसलेटर एक हजार की रिश्वत की मांग कर रहे हैं. रिश्वत नहीं देने पर भुगतान नहीं किया जा रहा है. आशा ने कहा कि मामले में जांच होनी चाहिए कि इस उगाही में कौन-कौन से लोग जुड़े हुए हैं. प्रदर्शन कर रही आशा सुंदरम मिश्रा ने बताया कि कोरोना काल में उन लोगों के द्वारा जो सर्वे किया गया उस पेमेंट में भी फैसिलेटरों ने कटौती की है.
सर्वे के रुपयों में भी कटौती
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी की घड़ी में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर सर्वे का काम किया. फिर भी वेतन नहीं दिया गया. एक तो अस्पताल प्रशासन के द्वारा उनमें सुरक्षा सामग्री का वितरण नहीं किया गया. वहीं, उल्टे में सरकार के द्वारा मिलने वाली सर्वे के राशि में भी कटौती कर ली गई. जब इस बात को लेकर वे लोग हेल्थ मैनेजर और चिकित्सा पदाधिकारी से मिले तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम लोग कुछ नहीं जानते हैं.
दोषी पर होगी कार्रवाई
वहीं, प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी शिव कुमार ने कहा कि आशा के बकाए राशि के भुगतान के लिए अकाउंटेंट को आदेश दिया गया है. उनके द्वारा इस तरह की कोई शिकायत उनसे नहीं की गई है. अगर ऐसी शिकायत मिल रही है तो छानबीन कर संबंधित व्यक्ति पर कार्यवाई की जाएगी.