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चारे के संकट से जूझ रहे हैं पशुपालक, जानवरों को चरने के लिए भेज रहे दियारा क्षेत्र - बगहा में पशु चारा

देशभर में जारी लॉकडाउन का असर पशुओं पर भी पड़ने लगा है. पशुपालक उनके चारे को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में पशुपालकों ने मिलकर एक चरवाहा रख लिया है. जो प्रतिदिन पशुओं को चराने के लिए दियारा या जंगलों में ले जाता है.

बगहा
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Published : Apr 18, 2020, 1:43 PM IST

Updated : May 24, 2020, 11:20 PM IST

बगहाः कोरोना वायरस की कड़ी को तोड़ने के लिए बिहार सहित पूरा देश में लॉकडाउन है. ऐसे में सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं. इसका असर मवेशियों पर भी देखा जा रहा है. पशुपालक उनके चारे के इंतजाम को लेकर परेशान हैं. ऐसे में वो अपने पशुओं को चरने के लिए दियारा क्षेत्र या जंगलों में भेज रहे हैं.

बगहा
पशुओं को चराने के लिए दियारा और जंगल की ओर ले जाते चरवाहा

पशुलापकों ने मिलकर रख लिया चरवाहा
अधिकांश ग्रामीण इलाकों में चारे के संकट से जूझ रहे मवेशी पालकों ने चरवाहा रख लिया है. जो उनके मवेशियों को दियारा या वन क्षेत्र में चराने के लिए ले जाते हैं. चरवाहों का कहना है कि पशुपालक अपनी मवेशी उन्हें सुपुर्द कर देते हैं और वे सुबह-सुबह पशुओं को लेकर दियारा या जंगलों में चले जाते हैं. दिनभर उधर बिताने के बाद शाम को पशुओं को लेकर लौटते हैं.

21 अप्रैल से लॉकडाउन में छूट
पशुपालकों ने कहा कि गेहूं की कटाई हो जाएगी तो उसका भूसा पशुओं के खाने के काम आएगा, तब जाकर थोड़ी राहत मिलेगी. बता दें कि सरकार ने 21 अप्रैल से लॉकडाउन में थोड़ी ढ़ील देते हुए पशु चारे की दुकानों को खोलने के निर्देश दिए हैं.

बगहाः कोरोना वायरस की कड़ी को तोड़ने के लिए बिहार सहित पूरा देश में लॉकडाउन है. ऐसे में सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं. इसका असर मवेशियों पर भी देखा जा रहा है. पशुपालक उनके चारे के इंतजाम को लेकर परेशान हैं. ऐसे में वो अपने पशुओं को चरने के लिए दियारा क्षेत्र या जंगलों में भेज रहे हैं.

बगहा
पशुओं को चराने के लिए दियारा और जंगल की ओर ले जाते चरवाहा

पशुलापकों ने मिलकर रख लिया चरवाहा
अधिकांश ग्रामीण इलाकों में चारे के संकट से जूझ रहे मवेशी पालकों ने चरवाहा रख लिया है. जो उनके मवेशियों को दियारा या वन क्षेत्र में चराने के लिए ले जाते हैं. चरवाहों का कहना है कि पशुपालक अपनी मवेशी उन्हें सुपुर्द कर देते हैं और वे सुबह-सुबह पशुओं को लेकर दियारा या जंगलों में चले जाते हैं. दिनभर उधर बिताने के बाद शाम को पशुओं को लेकर लौटते हैं.

21 अप्रैल से लॉकडाउन में छूट
पशुपालकों ने कहा कि गेहूं की कटाई हो जाएगी तो उसका भूसा पशुओं के खाने के काम आएगा, तब जाकर थोड़ी राहत मिलेगी. बता दें कि सरकार ने 21 अप्रैल से लॉकडाउन में थोड़ी ढ़ील देते हुए पशु चारे की दुकानों को खोलने के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : May 24, 2020, 11:20 PM IST
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