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अब कनाडा की गोभी का स्वाद चखेंगे चंपारण के लोग, इम्युनिटी बढ़ाएंगी रंग बिरंगी गोभी - बेतिया में परंपरागत खेती

बिहार के पश्चिमी चंपारण में खेती (Farming in West Champaran) किसानी के क्षेत्र में चंपारण के किसान नित्य नई उपलब्धियां गिना रहे हैं. वहीं, अब विदेशी मूल की सब्जी की खेती (foreign origin vegetable cultivation) कर नई कहानी भी गढ़ी जा रही है. आधुनिक और विदेशी मूल की सब्जी की खेती अपने देश में करके किसान अब दोगुना और चार गुना लाभ कमाने की कोशिश में हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट..

कनाडा की रंगीन फूलगोभी
कनाडा की रंगीन फूलगोभी
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Published : Jan 24, 2022, 11:11 AM IST

पश्चिमी चंपारण: पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया में परंपरागत खेती (Traditional farming in Bettiah) किसानी से धीरे-धीरे किनारा करने वाले किसान अब आधुनिक खेती कर तरक्की की इबारत लिखने को बेताब हैं. इन्हीं किसानों में आनंद उर्फ गुड्डू सिंह भी शामिल हैं. दरअसल, नरकटियागंज प्रखंड के सोमगढ़ पंचायत के समहौता गांव निवासी के किसान आनंद शुरू से ही आधुनिक खेती किसानी के लिए जाने जाते हैं. इस बार कनाडा की रंगीन फूलगोभी (Colorful Cauliflower of Canada), बैंगनी गोभी और स्ट्रॉबेरी की खेती कर एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हैं.

ये भी पढ़ें- रंगीन फूलगोभी कभी देखा है आपने, बाजार में बिकने के लिए तैयार

आनंद सिंह (Anand Singh Cultivated colorful Cauliflower of Canada) ने बताया कि नारंगी गोभी (ब्रेसीका ओलेरेशिया) जो कनाडा की वैरायटी है. विटामिन ए और यूम्निटी सिस्टम को बढ़ाती है. यह दुनिया में अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है. इसमें विटामिन ए पाया जाता है और ये यूम्निटी सिस्टम को भी बढ़ाता है. इसमें विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. जबकि कनाडा की बैंगनी गोभी में एटीका सिडेंट प्रचुर मात्रा में होता है. साथ ही पाचन तंत्र को नियंत्रित करने के लिए कैल्शियम क्लोराइड और विटामिन पाया जाता है. यह ह्रदय, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी है.

विदेशी मूल की सब्जी की खेती

''पहली बार में करीब एक एकड़ जमीन में इसका उत्पादन किया है. इसकी खेती अगले साल से वृहत पैमाने पर की जाएगी. एक एकड़ में दस हजार की लागत से 70-80 हजार रुपये का मुनाफा आया है. स्थानीय बाजार में नारंगी और बैंगनी गोभी का भाव 50 से ₹60 रुपये प्रति किलो है. अगर एक एकड़ में इसकी खेती की जाए तो कुल लागत 10 से 12 हजार रुपए आएगी, जबकि आमदनी 70 से 80 हजार रुपये होगी.''- आनंद सिंह, किसान

ये भी पढ़ें- फूलगोभी इतनी अजीब क्यों दिखती है ? जानें वजह

आनंद सिंह ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर इस खेती के बारे में जानकारी ली और ऑनलाइन इसका बीज मंगाया. अगर वैज्ञानिक विधि से खेती की जाए तो लागत से चार गुना मुनाफा खेती में है. उन्होंने युवा पीढ़ी का ध्यान खेती की ओर आकृष्ट कराते हुए कहा कि जो युवा इस खेती से भाग रहे हैं. वैज्ञानिक तरीके से खेती करें तो उन्हें घर बैठे ही चार गुना मुनाफा होगा.

ये भी पढ़ें- पूर्णिया: रंग-बिरंगी गोभी से किसानों की बढ़ी आमदनी, अब तो फोन पर होती है बुकिंग

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आनंद सिंह (Anand Singh Cultivated colorful Cauliflower of Canada) ने बताया कि नारंगी गोभी (ब्रेसीका ओलेरेशिया) जो कनाडा की वैरायटी है. विटामिन ए और यूम्निटी सिस्टम को बढ़ाती है. यह दुनिया में अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है. इसमें विटामिन ए पाया जाता है और ये यूम्निटी सिस्टम को भी बढ़ाता है. इसमें विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. जबकि कनाडा की बैंगनी गोभी में एटीका सिडेंट प्रचुर मात्रा में होता है. साथ ही पाचन तंत्र को नियंत्रित करने के लिए कैल्शियम क्लोराइड और विटामिन पाया जाता है. यह ह्रदय, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी है.

विदेशी मूल की सब्जी की खेती

''पहली बार में करीब एक एकड़ जमीन में इसका उत्पादन किया है. इसकी खेती अगले साल से वृहत पैमाने पर की जाएगी. एक एकड़ में दस हजार की लागत से 70-80 हजार रुपये का मुनाफा आया है. स्थानीय बाजार में नारंगी और बैंगनी गोभी का भाव 50 से ₹60 रुपये प्रति किलो है. अगर एक एकड़ में इसकी खेती की जाए तो कुल लागत 10 से 12 हजार रुपए आएगी, जबकि आमदनी 70 से 80 हजार रुपये होगी.''- आनंद सिंह, किसान

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आनंद सिंह ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर इस खेती के बारे में जानकारी ली और ऑनलाइन इसका बीज मंगाया. अगर वैज्ञानिक विधि से खेती की जाए तो लागत से चार गुना मुनाफा खेती में है. उन्होंने युवा पीढ़ी का ध्यान खेती की ओर आकृष्ट कराते हुए कहा कि जो युवा इस खेती से भाग रहे हैं. वैज्ञानिक तरीके से खेती करें तो उन्हें घर बैठे ही चार गुना मुनाफा होगा.

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