बगहा: पूर्वी चंपारण के वाड़ीपट्टी में एक अद्भुत घटना (Amazing Incident in Wadipatti of East Champaran) हुई है. जिसे लोग देवी-देवताओं का चमत्कार मान रहे हैं. दरअसल विगत 20 मई को आए आंधी-पानी में स्थानीय राजकीय प्राथमिक विद्यालय तिवारी टोला परिसर मे एक विशालकाय पीपल का पेड़ जड़ से उखड़कर गिर गया. जिसके बाद विद्यालय का गेट जाम हो गया और बच्चों को स्कूल आने में परेशानी होने लगी. लिहाजा विद्यालय के प्रधानाचार्य ने एक लकड़ी व्यापारी को पेड़ बेच दिया. उसके बाद व्यापारी ने पेड़ की शाखाओं और पेड़ को कई टुकड़ों में कटवाकर ले जाने लगा.
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जड़ से उखड़ा पेड़ फिर जमीन पर हुआ खड़ा: जब पेड़ का आधा से कम हिस्सा बचा था तो वह खुद ब खुद गुरुवार को जड़ के साथ तेज आवाज के साथ फिर से खड़ा हो गया. यह बात पूरे इलाके में जंगल में आग की तरह फैल गई. उसके बाद लोग इसे दैवीय शक्ति मानकर पूजा-पाठ के लिए वहां पहुंच रहे हैं. वहीं, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) के बगहा रेंज के रेंजर मनोज कुमार जो हरियाली मिशन का काम देखते हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह की घटना समझ से परे है.
'वैज्ञानिक तौर पर ऐसी घटनाओं के प्रमाण नहीं है. यह हो सकता है कि पेड़ की शाखा काटा गया हो और उसके जड़ें जमीन के काफी नीचे रह जाने के कारण पेड़ दोबारा खड़ा हो गया हो, लेकिन इस तरह की घटना समझ से परे है.' - मनोज कुमार, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बगहा रेंज के रेंजर
'पेड़ की टहनियां और शाखाएं व्यापारी द्वारा काट कर ले जाने के चार दिनों बाद पेड़ पुनः तेज गर्जना के साथ अचानक खड़ा हो गया. अब इसे दैवीय चमत्कार माना जाए या अंधविश्वास.' - के तिवारी, स्कूल बनाने के लिए जमीन देने वाले
अंधविश्वास या वैज्ञानिक पहलू?: दूसरी तरफ स्थानीय लोगों की माने तो जहां पर पीपल के वृक्ष का पुर्नजन्म हुआ है, वहां पर अब चबूतरा बनाकर पूजा-पाठ कराने की तैयारी है. यहां और पूजा-पाठ और संकीर्तन के लिए दान पेटी तक रख दिया गया है. नगर के हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी चंद्रिका पाठक एवं केशव तिवारी यहां अनुष्ठान करवाने की बात कर रहे हैं. विद्यालय के भू-स्वामी के तिवारी ने बताया कि जड़ से उखड़ कर गिरने के उपरांत पेड़ का अचानक से खड़ा हो जाना दैवीय चमत्कार से कम नहीं है.
नोट- ईटीवी भारत अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता.
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