पश्चिमी चंपारण: वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (Valmiki Tiger Reserve) के तहत नेपाल में विकसित हो रहे घड़ियाल (alligator) गंडक नदी की शोभा बढ़ाएंगे. पर्यटकों को लुभाने और घड़ियालों की संख्या बढ़ाने के लिए नेपाल (Nepal) का चितवन राष्ट्रीय निकुंज (Chitwan National Park) करीब 500 घड़ियालों का प्रजनन करा रहा है. इन घड़ियालों को नारायणी, गंडक , कोसी और राप्ती नदी में छोड़ा जाएगा. ऐसा होने से गंडक नदी में घड़ियालों की संख्या 500 से अधिक हो जाएगी.
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इस बार बेहतर हुआ है प्रजनन: प्रजनन केंद्र के प्रभारी सरोज मणि पौडेल ने बताया कि घड़ियाल के अंडे नारायणी और राप्ती नदी के किनारे बालू में रखे गए थे. हर बार की तुलना में इस बार प्रजनन बेहतर हुआ है. प्रजनन केंद्र प्रभारी पौडेल ने बताया कि पिछले वर्ष 436 अंडे लाए गए थे जिनमें 250 का ही प्रजनन हो पाया था. इस बार एकत्र किए गए 20 अंडों को इनक्यूबेटर में रखा गया था जबकि शेष अंडों को बालू में संरक्षित किया गया था. उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में प्रजनन केंद्र से 1692 घड़ियाल निकले थे, जिसमें से करीब 300 घड़ियाल गंडक नदी में छोड़े गए.
बढ़ रही घड़ियालों की संख्या: राष्ट्रीय चितवन निकुंज नेपाल स्थित घड़ियाल प्रजनन केंद्र में इस साल अप्रैल से अब तक 563 घड़ियाल के अंडे नदी किनारे से लाकर रखे गए थे. इनमें से 496 घड़ियाल के बच्चों पैदा हुए हैं. चितवन राष्ट्रीय निकुंज के प्रमुख संरक्षण अधिकृत हरिभद्र आचार्य ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 107 घड़ियाल नारायणी, राप्ती व कोसी नदी में छोड़े गए हैं. बता दें कि चितवन घड़ियाल प्रजनन केंद्र में 12 मादा घड़ियाल हैं, जबकि एक नर घड़ियाल है. इनसे प्रजनन कराए गए 531 घड़ियाल प्रजनन केंद्र में अभी मौजूद हैं.
नदी में घड़ियाल पांच माह बाद दिखेंगे: जानने वाली बात ये है कि घड़ियाल (alligator) के इन बच्चों की उम्र महज एक हफ्ता है. जब ये 5 माह के हो जाएंगे तो गंडक, कोसी और राप्ती नदी में छोड़ दिए जाएंगे. भारत के हिस्से में दिखने वाले घड़ियालों का रंग अलग है जबकि नेपाल से छोड़े गए घड़ियाल अलग रंग-रूप के हैं जो भारत- नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ खूब आकर्षित करेंगे.