ETV Bharat / state

बाढ़ग्रस्त इलाकों की समस्या दिखाने के बाद प्रशासन ने ली सुध, पीड़ितों ने कहा- थैंक्यू ईटीवी भारत - बगहा

भारत-नेपाल सीमा के नजदीक नो मेंस लैंड कहे जाने वाले चकदहवा इलाके में आई बाढ़ से लोगों का जनजीवन बेहाल है. ईटीवी भारत द्वारा यहां के लोगों की समस्या दिखाए जाने के बाद प्रशासन यहां मदद पहुंचा रहा है.

flood
flood
author img

By

Published : Jul 24, 2020, 9:55 PM IST

बेतिया: भारत-नेपाल सीमा के नजदीक नो मेंस लैंड कहे जाने वाले चकदहवा इलाके में आई बाढ़ से लोगों का जनजीवन बेहाल है. एसएसबी और ग्रामीणों के सहयोग से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है, लेकिन अभी भी दर्जनों परिवार मवेशी और घर की रखवाली के लिए बांध पर शरण लिए हुए हैं. कुछ कटाव पीड़ित अभी भी अपने मवेशियों के साथ ऊंचे स्थलों का रुख कर रहे हैं.

हमारे संवाददाता ने सबसे पहले इस इलाके के बाढ़ पीड़ितों की परेशानियों को साझा किया था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पीड़ितों के लिए कम्युनिटी किचन सहित उनके स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई. बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों ने अपनी समस्याओं को सबसे पहले उजागर करने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

बाढ़ और कटाव झेल रहे लोग अब भी कर रहे पलायन
लगातार हो रही बारिश और नदियों के बढ़ते जल स्तर से कई जिलों में बाढ़ आ गई है. नेपाल से गण्डक नदी में दाखिल हो रहे पानी ने जिले के कई इलाकों में भारी तबाही मचायी है. भारत-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के चकदहवा पर बसे 5 गांव भी एक पखवारे से जलमग्न है और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. लोग अब भी अपने मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थनों की तरफ पलायन कर रहे हैं. वही दर्जनों ग्रामीण अपने मवेशियों और घर की सुरक्षा के लिए बांध पर टेंट लगाकर रह रहे हैं.

टेंट लगाकर रह रहे बाढ़ पीड़ित
टेंट लगाकर रह रहे बाढ़ पीड़ित

ग्रामीणों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
10 जुलाई को जब भारत नेपाल सीमा के इस नो मेंस लैंड कहे जाने वाले इलाके में बाढ़ आई तो ग्रामीणों के हालात का जायजा लेने सबसे पहले हमारे संवाददाता वहां पहुंचे. दुर्गम रास्तों का सफर पैदल और नाव से तय कर इस इलाके की समस्याओं को उजागर किया. आवागमन का साधन नहीं होने के कारण अब तक प्रशासन और कोई जनप्रतिनिधी भी यहां नही पहुंच सके हैं. वहीं ग्रामीणों ने धन्यवाद देते हुए कहा कि ईटीवी भारत द्वारा उनकी समस्याओं को दिखाए जाने के बाद ही प्रशासन ने उनकी सुधी ली है और उनके लिए कम्युनिटी किचन का इंतजाम किया गया है.

200 से अधिक परिवार हैं बाढ़ से प्रभावित
जिले के बगहा अनुमंडल के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के चकदहवा, कान्हा टोली, झंडू टोला और बिनटोली में 200 से ज्यादा परिवार रहते हैं जो बाढ़ और कटाव की आपदा झेल रहे हैं. यहां एसएसबी कैम्प भी पूरी तरह जलमग्न हो गया है और एसएसबी जवान भी सुरक्षित स्थान पर शरण लिए हुए हैं. वहीं गण्डक नदी में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाने से यहां की स्थिति और भयावह हो गई. एसएसबी ने ग्रामीणों के सहयोग से सैकड़ों परिवारों को प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आश्रय स्थल पहुंचाया जहां कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है.

नहीं मिला शौचालय और आवास योजना का लाभ
इलाके के बीडीसी गुलाब अंसारी का कहना है कि यहां के लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ अब तक नही मिला पाया है और ना ही घर घर शौचालय का निर्माण हुआ है. ऐसे में बाढ़ के समय शौच जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बीडीसी ने ईटीवी भारत की धन्यवाद देते हुए कहा कि इस इलाके में कोई अधिकारी अब तक नही पहुंचा. सिर्फ हम प्रतिनिधियों के सहारे ही लोगों को मदद पहुंचाने का काम किया गया है. हमारी समस्याओं को ईटीवी भारत द्वारा शासन प्रशासन को अवगत कराया गया. जिसके बाद प्रशासनिक मदद मिलनी शुरू हुई है.

बेतिया: भारत-नेपाल सीमा के नजदीक नो मेंस लैंड कहे जाने वाले चकदहवा इलाके में आई बाढ़ से लोगों का जनजीवन बेहाल है. एसएसबी और ग्रामीणों के सहयोग से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है, लेकिन अभी भी दर्जनों परिवार मवेशी और घर की रखवाली के लिए बांध पर शरण लिए हुए हैं. कुछ कटाव पीड़ित अभी भी अपने मवेशियों के साथ ऊंचे स्थलों का रुख कर रहे हैं.

हमारे संवाददाता ने सबसे पहले इस इलाके के बाढ़ पीड़ितों की परेशानियों को साझा किया था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पीड़ितों के लिए कम्युनिटी किचन सहित उनके स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई. बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों ने अपनी समस्याओं को सबसे पहले उजागर करने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

बाढ़ और कटाव झेल रहे लोग अब भी कर रहे पलायन
लगातार हो रही बारिश और नदियों के बढ़ते जल स्तर से कई जिलों में बाढ़ आ गई है. नेपाल से गण्डक नदी में दाखिल हो रहे पानी ने जिले के कई इलाकों में भारी तबाही मचायी है. भारत-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के चकदहवा पर बसे 5 गांव भी एक पखवारे से जलमग्न है और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. लोग अब भी अपने मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थनों की तरफ पलायन कर रहे हैं. वही दर्जनों ग्रामीण अपने मवेशियों और घर की सुरक्षा के लिए बांध पर टेंट लगाकर रह रहे हैं.

टेंट लगाकर रह रहे बाढ़ पीड़ित
टेंट लगाकर रह रहे बाढ़ पीड़ित

ग्रामीणों ने ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
10 जुलाई को जब भारत नेपाल सीमा के इस नो मेंस लैंड कहे जाने वाले इलाके में बाढ़ आई तो ग्रामीणों के हालात का जायजा लेने सबसे पहले हमारे संवाददाता वहां पहुंचे. दुर्गम रास्तों का सफर पैदल और नाव से तय कर इस इलाके की समस्याओं को उजागर किया. आवागमन का साधन नहीं होने के कारण अब तक प्रशासन और कोई जनप्रतिनिधी भी यहां नही पहुंच सके हैं. वहीं ग्रामीणों ने धन्यवाद देते हुए कहा कि ईटीवी भारत द्वारा उनकी समस्याओं को दिखाए जाने के बाद ही प्रशासन ने उनकी सुधी ली है और उनके लिए कम्युनिटी किचन का इंतजाम किया गया है.

200 से अधिक परिवार हैं बाढ़ से प्रभावित
जिले के बगहा अनुमंडल के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के चकदहवा, कान्हा टोली, झंडू टोला और बिनटोली में 200 से ज्यादा परिवार रहते हैं जो बाढ़ और कटाव की आपदा झेल रहे हैं. यहां एसएसबी कैम्प भी पूरी तरह जलमग्न हो गया है और एसएसबी जवान भी सुरक्षित स्थान पर शरण लिए हुए हैं. वहीं गण्डक नदी में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाने से यहां की स्थिति और भयावह हो गई. एसएसबी ने ग्रामीणों के सहयोग से सैकड़ों परिवारों को प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आश्रय स्थल पहुंचाया जहां कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है.

नहीं मिला शौचालय और आवास योजना का लाभ
इलाके के बीडीसी गुलाब अंसारी का कहना है कि यहां के लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ अब तक नही मिला पाया है और ना ही घर घर शौचालय का निर्माण हुआ है. ऐसे में बाढ़ के समय शौच जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बीडीसी ने ईटीवी भारत की धन्यवाद देते हुए कहा कि इस इलाके में कोई अधिकारी अब तक नही पहुंचा. सिर्फ हम प्रतिनिधियों के सहारे ही लोगों को मदद पहुंचाने का काम किया गया है. हमारी समस्याओं को ईटीवी भारत द्वारा शासन प्रशासन को अवगत कराया गया. जिसके बाद प्रशासनिक मदद मिलनी शुरू हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.