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Tamil Nadu Violence: 'माहौल बहुत खराब हो गया है.. बहुत डर लग रहा था, इसलिए घर वापस आ गए'

बिहारी मजदूर दहशत के साए में तमिलनाडु से वापस घर (Laborers of Vaishali Return From Tamil Nadu) लौट रहे हैं. वैशाली के देसरी पहुंचे रोनित और अभिषेक ने आपबीती सुनाई और कहा कि वहां की सच्चाई बहुत ही बदतर है. सभी बिहारी मजदूरों में खौफ का माहौल बना हुआ है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

तमिलनाडु से लौटे बिहारी मजदूर
तमिलनाडु से लौटे बिहारी मजदूर
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Published : Mar 4, 2023, 2:15 PM IST

तमिलनाडु से लौटे बिहारी मजदूर

वैशाली: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई (Bihar Laborers Thrashed in Tamil Nadu) के मामले को लेकर वहां काम कर रहे उत्तर भारत के प्रवासी श्रमिकों में खौफ का माहौल है. हिंदी भाषी खासकर बिहारियों के साथ लगातार हो रहे बर्ताव और मारपीट की घटना को लेकर लोगों में डर पैदा हो गया है. जिसके कारण बड़े पैमाने पर बिहारी लोग पलायन कर अपने घर पहुंच रहे है. इसी कड़ी में वैशाली के देशरी प्रखंड क्षेत्र के चार युवक अपने घर लौट आएं हैं. घर लौटने के बाद तमिलनाडु में काम करने वाले युवक ने बताया कि हिंदी भाषी लोगों में काफी डर और दहशत फैल गई है और हर कोई वहां से अपने घर लौटना चाहता है.

पढ़ें-Tamil Nadu Violence: तिरुपुर रेलवे ट्रैक से बिहार के मजदूर का शव बरामद, उत्तर भारतीय लोगों ने किया थाने का घेराव


लौटे युवकों का छलका दर्द: वैशाली के देशरी प्रखंड क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 के रहनेवाले रोनित ने बताया कि इन लोगों के साथ भी गाली गलौज और धमकी दी गई. जिसके बाद वह डर कर घर वापस आ गए. जबकि उसका भाई अभी भी तमिलनाडु में ही फंसा हुआ है. देसरी प्रखंड के 14 नंबर वार्ड के दो लड़के वापस आए हैं. जबकि बगल के मठिया गांव के भी दो लड़के वापस लौट आए हैं. यहां के 100 के करीब लोग और वहां फंसे हुए हैं. मटिया से नीतीश कुमार और चक मोहम्मद गांव से अमित कुमार वापस आए हैं. वहीं वापस आए अभिषेक कुमार और रोनित कुमार ने बताया कि हालात काफी बदतर है.

कैसा है माहौल: वापस लौटे युवक ने बताया कि वीरपुर में हम लोग 3 महीना पहले गए थे, वहां पर स्पोर्ट लाइन में काम करते थे. वहां पर झगड़ा हो रहा है तमिल वाले और उड़ीसा वालों के बीच झगड़ा हुआ था. माहौल पूरा खराब है. सभी डर गए हैं, मैं खुद बस से काम करने जा रहा था तो सामने वाला उतरा और पूछा कहां जा रहे हो. मैंने बोले कंपनी जा रहा हूं तो बोला तमिल वालो को काम नहीं और हिंदी वाले को काम है. गाली-गलौज करने लगा जिसके बाद मैं उसे इग्नोर करके जाने लगा. वहां बिहारियों के साथ बहुत गंभीर स्थिति है.

"हम हिंदी भाषी लोगों को वो गाली देते हैं. वहां का माहौल पूरा गंभीर है. 3 महीना पहले हम लोग आ गए थे. हम लोगों के रूम से कुछ दूरी पर एक आदमी को मारा जा रहा था. बस में वो लोग बोल रहे थे कि मेरे पास काम नहीं है और हिंदी वाले काम कर रहे हैं. जब ये सब सुने तो बहुत डर लगा. हम लोग के मन में बहुत दहशत बना कि हम लोगों को भी ये मारेंगे इसलिए हम लोग लौट आएं." -अभिषेक कुमार, तमिलनाडु, मजदूर

"वीरपुर में हम लोग 3 महीना पहले गए थे, वहां पर स्पोर्ट लाइन में काम करते थे. वहां पर झगड़ा हो रहा है तमिल वाले और उड़ीसा वालों के बीच झगड़ा हुआ था. माहौल पूरा खराब है. सभी डर गए हैं, मैं खुद बस से काम करने जा रहा था तो सामने वाला उतरा और पूछा कहां जा रहे हो. मैंने बोले कंपनी जा रहा हूं तो बोला तमिल वालो को काम नहीं और हिंदी वाले को काम है. गाली-गलौज करने लगा जिसके बाद मैं उसे इग्नोर करके जाने लगा. वहां बिहारियों के साथ बहुत गंभीर स्थिति है. रोज कुछ ना कुछ होता रहता है, रास्ते में टॉर्चर और मारा-पीटा जाता है, ये मेरे साथ भी ही हुआ है. मेरे गांव के आसपास से बहुत लोग गए हैं. मेरा सगा भाई वहां पर फंसा हुआ है जो अभी नहीं आ पाया है. वहां के लोग ट्रेन में भी बिहारियों को मारते हैं." -रोनित कुमार, मजदूर

तमिलनाडु से लौटे बिहारी मजदूर

वैशाली: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई (Bihar Laborers Thrashed in Tamil Nadu) के मामले को लेकर वहां काम कर रहे उत्तर भारत के प्रवासी श्रमिकों में खौफ का माहौल है. हिंदी भाषी खासकर बिहारियों के साथ लगातार हो रहे बर्ताव और मारपीट की घटना को लेकर लोगों में डर पैदा हो गया है. जिसके कारण बड़े पैमाने पर बिहारी लोग पलायन कर अपने घर पहुंच रहे है. इसी कड़ी में वैशाली के देशरी प्रखंड क्षेत्र के चार युवक अपने घर लौट आएं हैं. घर लौटने के बाद तमिलनाडु में काम करने वाले युवक ने बताया कि हिंदी भाषी लोगों में काफी डर और दहशत फैल गई है और हर कोई वहां से अपने घर लौटना चाहता है.

पढ़ें-Tamil Nadu Violence: तिरुपुर रेलवे ट्रैक से बिहार के मजदूर का शव बरामद, उत्तर भारतीय लोगों ने किया थाने का घेराव


लौटे युवकों का छलका दर्द: वैशाली के देशरी प्रखंड क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 के रहनेवाले रोनित ने बताया कि इन लोगों के साथ भी गाली गलौज और धमकी दी गई. जिसके बाद वह डर कर घर वापस आ गए. जबकि उसका भाई अभी भी तमिलनाडु में ही फंसा हुआ है. देसरी प्रखंड के 14 नंबर वार्ड के दो लड़के वापस आए हैं. जबकि बगल के मठिया गांव के भी दो लड़के वापस लौट आए हैं. यहां के 100 के करीब लोग और वहां फंसे हुए हैं. मटिया से नीतीश कुमार और चक मोहम्मद गांव से अमित कुमार वापस आए हैं. वहीं वापस आए अभिषेक कुमार और रोनित कुमार ने बताया कि हालात काफी बदतर है.

कैसा है माहौल: वापस लौटे युवक ने बताया कि वीरपुर में हम लोग 3 महीना पहले गए थे, वहां पर स्पोर्ट लाइन में काम करते थे. वहां पर झगड़ा हो रहा है तमिल वाले और उड़ीसा वालों के बीच झगड़ा हुआ था. माहौल पूरा खराब है. सभी डर गए हैं, मैं खुद बस से काम करने जा रहा था तो सामने वाला उतरा और पूछा कहां जा रहे हो. मैंने बोले कंपनी जा रहा हूं तो बोला तमिल वालो को काम नहीं और हिंदी वाले को काम है. गाली-गलौज करने लगा जिसके बाद मैं उसे इग्नोर करके जाने लगा. वहां बिहारियों के साथ बहुत गंभीर स्थिति है.

"हम हिंदी भाषी लोगों को वो गाली देते हैं. वहां का माहौल पूरा गंभीर है. 3 महीना पहले हम लोग आ गए थे. हम लोगों के रूम से कुछ दूरी पर एक आदमी को मारा जा रहा था. बस में वो लोग बोल रहे थे कि मेरे पास काम नहीं है और हिंदी वाले काम कर रहे हैं. जब ये सब सुने तो बहुत डर लगा. हम लोग के मन में बहुत दहशत बना कि हम लोगों को भी ये मारेंगे इसलिए हम लोग लौट आएं." -अभिषेक कुमार, तमिलनाडु, मजदूर

"वीरपुर में हम लोग 3 महीना पहले गए थे, वहां पर स्पोर्ट लाइन में काम करते थे. वहां पर झगड़ा हो रहा है तमिल वाले और उड़ीसा वालों के बीच झगड़ा हुआ था. माहौल पूरा खराब है. सभी डर गए हैं, मैं खुद बस से काम करने जा रहा था तो सामने वाला उतरा और पूछा कहां जा रहे हो. मैंने बोले कंपनी जा रहा हूं तो बोला तमिल वालो को काम नहीं और हिंदी वाले को काम है. गाली-गलौज करने लगा जिसके बाद मैं उसे इग्नोर करके जाने लगा. वहां बिहारियों के साथ बहुत गंभीर स्थिति है. रोज कुछ ना कुछ होता रहता है, रास्ते में टॉर्चर और मारा-पीटा जाता है, ये मेरे साथ भी ही हुआ है. मेरे गांव के आसपास से बहुत लोग गए हैं. मेरा सगा भाई वहां पर फंसा हुआ है जो अभी नहीं आ पाया है. वहां के लोग ट्रेन में भी बिहारियों को मारते हैं." -रोनित कुमार, मजदूर

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