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शिक्षा विभाग के फरमान से शिक्षक परेशान, कहा- आदेश है तो मानना ही पड़ेगा, लेकिन...

शराब पर रोक लगाने की दिशा में शिक्षा विभाग के फरमान से शिक्षक परेशान (Teachers Upset Due to New Iinstructions on Prohibition) हैं. शिक्षकों का कहना है कि जब पुलिस और प्रशासन की सख्ती के बावजूद इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई तो भला हमलोग क्या कर पाएंगे. वहीं किसी की सूचना देने पर मुमकिन है कि वैसे लोग हमारे खिलाफ हो जाएंगे. साथ ही इससे पठन-पाठन के काम पर भी असर पड़ सकता है.

शिक्षा विभाग के फरमान से शिक्षक परेशान
शिक्षा विभाग के फरमान से शिक्षक परेशान
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Published : Jan 29, 2022, 5:00 PM IST

वैशाली: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को सख्ती से लागू कराने के लिए शिक्षकों को बड़ा टास्क दिया गया है. बिहार शिक्षा विभाग के नए निर्देश (Bihar Education Department Notification) के मुताबिक अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे. इस नए फरमान से शिक्षक काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि इससे न केवल पठन-पाठन पर असर पड़ेगा, बल्कि शराबियों की ओर से खतरा भी बना रहेगा.

ये भी पढ़ें: शिक्षा विभाग के नए फरमान पर बोले मंत्री, शराबबंदी लागू करना सब की है जिम्मेदारी

वैशाली के हाजीपुर में आदर्श मध्यविद्यालय कुत्तूपुर में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रधानाध्यापक आलोक रंजन का कहना है कि सरकार की ओर से जो नया पत्र आया है, उससे परेशानी जरूर है. जागरूकता अभियान तक तो ठीक था लेकिन अब शराबियों की सूचना देनी है. अब कोई दूसरा भी इसकी सूचना देगा तो हमलोग फंस जाएंगे. वहीं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के महामंत्री पंकज कुमार का कहना है कि जब पुलिस शराब के नेटवर्क को ध्वस्त नहीं कर सकी हैं और शराब की तस्करी जारी है, तब उस काम को शिक्षक कैसे कर सकते हैं. ऐसे में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो जाएगी. हम शिक्षक इसका विरोध करते हैं.

वहीं, विद्यालय के एक अन्य शिक्षक ने कहा कि हमारे लिए परेशानी यह है कि शराब माफिया टारगेट करेंगे और सरकार ने फरमान दे दिया तो विद्यालय छोड़कर शराब बेचने वाले और पीने वाले खोज कर करना होगा. वहीं महिला शिक्षिका डॉ. सुधा शर्मा का कहना है कि सरकार के आदेश को पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगी. पहले भी कई आदेश सरकार ने दिए हैं, जिसको शिक्षक पूरा करते रहे हैं. दूसरी ओर एक अन्य शिक्षिका फाजिया नफीस का कहना है कि आदेश आया है तो करना ही होगा, नहीं तो वेतन काट लिया जाएगा.

आपको बताएं कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश जारी किया है. उन्होंने जारी किए गए पत्र में लिखा है कि ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं कि अभी भी शराबियों द्वारा चोरी-छुपे शराब का सेवन किया जा रहा है. इसका दुष्परिणाम शराब पीने वाले और उनके परिवार पर पड़ रहा है. इसे रोकना जरूरी है. इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक आहूत कर नशामुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दी जाए.


ये भी पढ़ें: गुरुजी के शराब ढूंढने के फरमान पर शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी, कहा- 'सरकार वापस ले आदेश'

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वैशाली: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को सख्ती से लागू कराने के लिए शिक्षकों को बड़ा टास्क दिया गया है. बिहार शिक्षा विभाग के नए निर्देश (Bihar Education Department Notification) के मुताबिक अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे. इस नए फरमान से शिक्षक काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि इससे न केवल पठन-पाठन पर असर पड़ेगा, बल्कि शराबियों की ओर से खतरा भी बना रहेगा.

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वैशाली के हाजीपुर में आदर्श मध्यविद्यालय कुत्तूपुर में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रधानाध्यापक आलोक रंजन का कहना है कि सरकार की ओर से जो नया पत्र आया है, उससे परेशानी जरूर है. जागरूकता अभियान तक तो ठीक था लेकिन अब शराबियों की सूचना देनी है. अब कोई दूसरा भी इसकी सूचना देगा तो हमलोग फंस जाएंगे. वहीं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के महामंत्री पंकज कुमार का कहना है कि जब पुलिस शराब के नेटवर्क को ध्वस्त नहीं कर सकी हैं और शराब की तस्करी जारी है, तब उस काम को शिक्षक कैसे कर सकते हैं. ऐसे में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो जाएगी. हम शिक्षक इसका विरोध करते हैं.

वहीं, विद्यालय के एक अन्य शिक्षक ने कहा कि हमारे लिए परेशानी यह है कि शराब माफिया टारगेट करेंगे और सरकार ने फरमान दे दिया तो विद्यालय छोड़कर शराब बेचने वाले और पीने वाले खोज कर करना होगा. वहीं महिला शिक्षिका डॉ. सुधा शर्मा का कहना है कि सरकार के आदेश को पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगी. पहले भी कई आदेश सरकार ने दिए हैं, जिसको शिक्षक पूरा करते रहे हैं. दूसरी ओर एक अन्य शिक्षिका फाजिया नफीस का कहना है कि आदेश आया है तो करना ही होगा, नहीं तो वेतन काट लिया जाएगा.

आपको बताएं कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश जारी किया है. उन्होंने जारी किए गए पत्र में लिखा है कि ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं कि अभी भी शराबियों द्वारा चोरी-छुपे शराब का सेवन किया जा रहा है. इसका दुष्परिणाम शराब पीने वाले और उनके परिवार पर पड़ रहा है. इसे रोकना जरूरी है. इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक आहूत कर नशामुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दी जाए.


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