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वैशाली में विशेष न्यायालय गठन के बाद सुनाई गई पहली सजा, दोषी को 5 वर्ष सश्रम कारावास और 1 लाख का जुर्माना

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Published : Mar 2, 2022, 8:38 PM IST

वैशाली में एक व्यक्ति को विशेष कोर्ट ने सजा सुनाई (Special Court Sentenced a Person in Vaishali) है. विशेष न्यायालय गठन के बाद वैशाली के रहने वाले एक शख्स को पहली सजा सुनाई गई है. विशेष न्यायालय ने व्यक्ति को 5 वर्ष सश्रम कारावास और 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय
विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय

वैशाली: बिहार के वैशाली में विशेष न्यायालय के गठन के बाद पहली सजा एक व्यक्ति को सुनाई (First Sentence After Formation of Special Court in Vaishali) गई है. उत्पाद मामलों के निवारण के लिए दो विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. जिसका यह पहला फैसला आया है. विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सुधाकर पांडे की अदालत में लालगंज थाना क्षेत्र के सिरसा निवासी भोला सिंह को सजा सुनाई गई. विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय ने बताया कि हर जिले में लंबित मामलों को लेकर दो विशेष न्यायलय का गठन किया गया है.

ये भी पढ़ें- होली में जाम छलकाने की सोच रहे हैं तो हो जायें सावधान, बिहार सरकार ने की है ये तैयारी

इस विषय में विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय ने बताया कि 31 जुलाई 2019 को सिरसा बिरन गांव में पुलिस ने छापेमारी की थी. जहां से 39 सौ 79 लीटर विदेशी शराब बरामद किया गया था. 'इस मामले में भोला सिंह और अनीश सिंह दोनों को पुलिस ने आरोपी बनाया था. इनकी गिरफ्तारी 26 जून 2020 को की गई थी. तब से यह दोनों जेल में ही थे. इस मामले में 4 गवाहों की गवाही हुई थी. जिसमें अनीश सिंह को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया. वहीं, भोला सिंह को 5 वर्ष की सश्रम कारावास और एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा न्यायालय ने सुनाई है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 3 माह के अतिरिक्त सजा का भी प्रावधान रखा गया है.' - लक्ष्मण प्रसाद राय, विशेष लोक अभियोजक

विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय ने ये भी कहा कि इस फैसले से समाज में एक मैसेज आएगा. जिससे शराब का अवैध कारोबार करने वाले डरेंगे. उन्होंने बताया कि उत्पाद मामलों के निवारण के लिए दो विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. जिसका यह पहला फैसला आया है. बताते चलें कि 7000 से ज्यादा मामले लंबित हैं. गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी के बाद बड़ी संख्या में अवैध शराब के कारोबारी पकड़े गए थे. जिनका काफी लंबित मामला न्यायालय में है. यही कारण है कि 2 विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. जिससे उम्मीद की जा सकती है कि अब जल्दी-जल्दी मामलों के निपटारे होंगे.

गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. वहीं बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार में शराबबंदी कानून में परिवर्तन को लेकर LJPR ने सरकार पर साधा निशाना

ये भी पढ़ें- शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग का तुगलकी फरमान, विपक्ष ने उठाए सवाल..

बिहार में मद्य निषेध अर्थात् शराब से जुड़ी कोई भी शिकायत टोल फ्री नंबर 15545 पर की जा सकेगी.

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वैशाली: बिहार के वैशाली में विशेष न्यायालय के गठन के बाद पहली सजा एक व्यक्ति को सुनाई (First Sentence After Formation of Special Court in Vaishali) गई है. उत्पाद मामलों के निवारण के लिए दो विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. जिसका यह पहला फैसला आया है. विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सुधाकर पांडे की अदालत में लालगंज थाना क्षेत्र के सिरसा निवासी भोला सिंह को सजा सुनाई गई. विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय ने बताया कि हर जिले में लंबित मामलों को लेकर दो विशेष न्यायलय का गठन किया गया है.

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इस विषय में विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय ने बताया कि 31 जुलाई 2019 को सिरसा बिरन गांव में पुलिस ने छापेमारी की थी. जहां से 39 सौ 79 लीटर विदेशी शराब बरामद किया गया था. 'इस मामले में भोला सिंह और अनीश सिंह दोनों को पुलिस ने आरोपी बनाया था. इनकी गिरफ्तारी 26 जून 2020 को की गई थी. तब से यह दोनों जेल में ही थे. इस मामले में 4 गवाहों की गवाही हुई थी. जिसमें अनीश सिंह को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया. वहीं, भोला सिंह को 5 वर्ष की सश्रम कारावास और एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा न्यायालय ने सुनाई है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 3 माह के अतिरिक्त सजा का भी प्रावधान रखा गया है.' - लक्ष्मण प्रसाद राय, विशेष लोक अभियोजक

विशेष लोक अभियोजक लक्ष्मण प्रसाद राय ने ये भी कहा कि इस फैसले से समाज में एक मैसेज आएगा. जिससे शराब का अवैध कारोबार करने वाले डरेंगे. उन्होंने बताया कि उत्पाद मामलों के निवारण के लिए दो विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. जिसका यह पहला फैसला आया है. बताते चलें कि 7000 से ज्यादा मामले लंबित हैं. गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी के बाद बड़ी संख्या में अवैध शराब के कारोबारी पकड़े गए थे. जिनका काफी लंबित मामला न्यायालय में है. यही कारण है कि 2 विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. जिससे उम्मीद की जा सकती है कि अब जल्दी-जल्दी मामलों के निपटारे होंगे.

गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) है. बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. वहीं बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

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