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कार्तिक पूर्णिमा आज, बाबा हरिहरनाथ के अवतरण पर 4 से 5 लाख श्रद्धालु संगम में करेंगे स्नान

Kartik Purnima 2023 : कार्तिक मास के पूर्णिमा को ही बाबा हरिहरनाथ का अवतरण हुआ था. यहां एक ही शिला में नारायण और भोलेनाथ स्थापित है. 4 से 5 लाख श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा को जल चढ़ाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा को लेकर जिला प्रशासन और बाबा हरिहरनाथ मंदिर न्यास समिति की ओर से तमाम व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

कार्तिक पूर्णिमा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 26, 2023, 10:59 PM IST

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सोनपुर : आज कार्तिक पूर्णिमा है और इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. ऐसे में बिहार के सोनपुर में बाबा हरिहरनाथ की महिमा अपरंपार है. देश के कोने-कोने से लोग बाबा हरिहरनाथ का दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि यहां दर्शन और पूजा से सांसारिक सुखों के अलावा भक्ति और मुक्ति की भी प्राप्ति होती है. गंगा और गंडक के संगम स्थल पर स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर में एक ही शीला में नारायण और शिव दोनों वास करते हैं. यही कारण है कि गंगा और गंडक के संगम का जल शिला पर अभिषेक करने भीड़ उमड़ती है.

कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था हरिहरनाथ का अवतरण : मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा को ही बाबा हरिहरनाथ का अवतरण हुआ था यही कारण है की बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां जल चढ़ाने आते हैं. अनुमान है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन 4 से 5 लाख की संख्या में श्रद्धालु यहां जल चढ़ाने आएंगे जिसको लेकर जिला प्रशासन और बाबा हरिहरनाथ न्यास समिति व्यवस्था को अंतिम रूप देने में लगा है. इस विषय में बाबा हरिहरनाथ मंदिर के पुजारी बमबम बाबा ने बताया कि गंगा गंडक के संगम पर यहां नारायणी नदी है यह संगम स्थल है यहां पर श्रद्धालु स्नान करते हैं.

"श्रद्धालु यहां से स्नान करके बाबा हरिहरनाथ पर जलाभिषेक करेंगे इसके लिए यहां पर सभी तैयारी की जा रही है. ऐसा मानता है कि कार्तिक महीने में ही भगवान हरि और हर के रूप में प्रकट हुए थे वह कार्तिक पूर्णिमा को ही हुए थे. इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा को यहां गंगा स्नान होता है और लाखों श्रद्धालु यहां गंगा गंडक स्नान के बाद जलाभिषेक करने आते हैं. मान्यता है कि शिला पर संगम का जल चढ़ाने से लोगों की मनौती पूरी होती है. उसके बाद सोनपुर मेला का भ्रमण करते हैं." -बमबम बाबा, पुजारी, हरिहरनाथ मंदिर

यहां एक साथ विराजमान है शिव और विष्णु : बमबम बाबा ने बताया कि यहां विष्णु भगवान और शिवजी एक साथ है दोनों का पूजा एक साथ होता है उसकी पूरी तैयारी हो चुकी है. जो स्थानीय जिला प्रशासन है जिला अधिकारी, एसपी साहब यह सभी आए थे स्थानीय प्रशासन पूरी चाक चौवन्द व्यवस्था कर रहे हैं ताकि श्रद्धालु भक्तों को किसी प्रकार का असुविधा का सामना नहीं करना पड़े. यहां विभिन्न संप्रदाय के साधु संत आते हैं और अपना खालसा लगते हैं. अपने-अपने पथ का धर्म प्रचार करते हैं, भंडारा करते हैं.

साधु-संतों का लगता है जमावड़ा : बाबा ने बताया कि इसी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जितने भी घाट है सभी घाटों पर यह लोग अपना प्रवचन करते हैं. बाबा हरिहरनाथ मंदिर की तरफ से सुद्ध पेयजल की व्यवस्था है रैन बसेरा, यात्री निवास आदि सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. मंदिर में हम लोग 25 पंडित लोग हैं 25 सालों से देखते हैं प्रत्येक वर्ष 4 से 5 लाख श्रद्धालु लोग जल चढ़ाते हैं. जिसमें बढ़ोतरी होते ही जा रहा है प्रत्येक साल बढ़ रहा है.

नारायणी नदी में उमड़ती है भीड़ : बमबम बाबा ने बताया कि पिछले बार कोविड काल था तो भीड़ कम थी. जल यहां चढ़ाने से हरि और हर दोनों प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. सबसे बड़ी बात है कि नारायणी नदी सामने है जिसमें गंगा और गंडक दोनों का संगम है. इसमें स्नान करके जल चढ़ाने से सारे सुखों का लाभ होता है. जो गंडक का जलपान करते हैं वह नर नारायण के समान हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें : कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान को पटना में तैयारी पूरी, 172 जगह मजिस्ट्रेट तैनात

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सोनपुर : आज कार्तिक पूर्णिमा है और इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. ऐसे में बिहार के सोनपुर में बाबा हरिहरनाथ की महिमा अपरंपार है. देश के कोने-कोने से लोग बाबा हरिहरनाथ का दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि यहां दर्शन और पूजा से सांसारिक सुखों के अलावा भक्ति और मुक्ति की भी प्राप्ति होती है. गंगा और गंडक के संगम स्थल पर स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर में एक ही शीला में नारायण और शिव दोनों वास करते हैं. यही कारण है कि गंगा और गंडक के संगम का जल शिला पर अभिषेक करने भीड़ उमड़ती है.

कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था हरिहरनाथ का अवतरण : मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा को ही बाबा हरिहरनाथ का अवतरण हुआ था यही कारण है की बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां जल चढ़ाने आते हैं. अनुमान है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन 4 से 5 लाख की संख्या में श्रद्धालु यहां जल चढ़ाने आएंगे जिसको लेकर जिला प्रशासन और बाबा हरिहरनाथ न्यास समिति व्यवस्था को अंतिम रूप देने में लगा है. इस विषय में बाबा हरिहरनाथ मंदिर के पुजारी बमबम बाबा ने बताया कि गंगा गंडक के संगम पर यहां नारायणी नदी है यह संगम स्थल है यहां पर श्रद्धालु स्नान करते हैं.

"श्रद्धालु यहां से स्नान करके बाबा हरिहरनाथ पर जलाभिषेक करेंगे इसके लिए यहां पर सभी तैयारी की जा रही है. ऐसा मानता है कि कार्तिक महीने में ही भगवान हरि और हर के रूप में प्रकट हुए थे वह कार्तिक पूर्णिमा को ही हुए थे. इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा को यहां गंगा स्नान होता है और लाखों श्रद्धालु यहां गंगा गंडक स्नान के बाद जलाभिषेक करने आते हैं. मान्यता है कि शिला पर संगम का जल चढ़ाने से लोगों की मनौती पूरी होती है. उसके बाद सोनपुर मेला का भ्रमण करते हैं." -बमबम बाबा, पुजारी, हरिहरनाथ मंदिर

यहां एक साथ विराजमान है शिव और विष्णु : बमबम बाबा ने बताया कि यहां विष्णु भगवान और शिवजी एक साथ है दोनों का पूजा एक साथ होता है उसकी पूरी तैयारी हो चुकी है. जो स्थानीय जिला प्रशासन है जिला अधिकारी, एसपी साहब यह सभी आए थे स्थानीय प्रशासन पूरी चाक चौवन्द व्यवस्था कर रहे हैं ताकि श्रद्धालु भक्तों को किसी प्रकार का असुविधा का सामना नहीं करना पड़े. यहां विभिन्न संप्रदाय के साधु संत आते हैं और अपना खालसा लगते हैं. अपने-अपने पथ का धर्म प्रचार करते हैं, भंडारा करते हैं.

साधु-संतों का लगता है जमावड़ा : बाबा ने बताया कि इसी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जितने भी घाट है सभी घाटों पर यह लोग अपना प्रवचन करते हैं. बाबा हरिहरनाथ मंदिर की तरफ से सुद्ध पेयजल की व्यवस्था है रैन बसेरा, यात्री निवास आदि सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. मंदिर में हम लोग 25 पंडित लोग हैं 25 सालों से देखते हैं प्रत्येक वर्ष 4 से 5 लाख श्रद्धालु लोग जल चढ़ाते हैं. जिसमें बढ़ोतरी होते ही जा रहा है प्रत्येक साल बढ़ रहा है.

नारायणी नदी में उमड़ती है भीड़ : बमबम बाबा ने बताया कि पिछले बार कोविड काल था तो भीड़ कम थी. जल यहां चढ़ाने से हरि और हर दोनों प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. सबसे बड़ी बात है कि नारायणी नदी सामने है जिसमें गंगा और गंडक दोनों का संगम है. इसमें स्नान करके जल चढ़ाने से सारे सुखों का लाभ होता है. जो गंडक का जलपान करते हैं वह नर नारायण के समान हो जाते हैं.

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