वैशालीः बिहार के वैशाली सदर अस्पताल के कर्मियों से मारपीट के विरोध में प्रदर्शन किया गया. इस दौरान अस्पताल के कर्मियों ने अस्पताल का गेट बंद कर प्रदर्शन किया. अस्पताल की महिला नर्स हाथ में सरिया लेकर अस्पताल परिसर में घूमती रही. अस्पताल कर्मियों की पिटाई के विरोध में सदर अस्पताल के गेट में ताला जड़कर अस्पताल कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं. जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ेंः Samadhan Yatra in Katihar: कटिहार में CM के कार्यक्रम में बवाल, मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया तो जलाया पोस्टर
अस्पताल में पुलिस चौकी की मांगः अस्पताल में इलाजे के लिए पहुंचे उनका भी इलाज नहीं हो पा रहा है. यहां तक कि डिलीवरी के लिए आए महिला को भी वापस कर दिया गया. भगवानपुर से इलाज की उम्मीद लेकर आए बुजुर्ग ऑटो में ही अस्पताल गेट पर बैठे हुए हैं. गेट खुलने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन हड़ताल कर रहे कर्मी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. उनकी मांग है कि सदर अस्पताल में एक पुलिस चौकी लगाई जाए. जब तक पुलिस चौकी नहीं लगेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा. इस बीच सदर एसडीपीओ ओमप्रकाश मौके पर पहुंचे और गेट खुलवाने का प्रयास किया.
नोकझोंक और हाथापाईः अस्पताल कर्मियों के साथ नोकझोंक और हाथापाई भी हुई कुछ देर के लिए गेट खुला भी लेकिन फिर से अस्पताल कर्मियों ने गेट बंद कर दिया. पुलिस का विरोध करने के लिए एएनएम नर्स सरिया लेकर हड़ताल के समर्थन में उतर आई. जिसके बाद प्रशासन को भी पीछे हटना पड़ा. एएनएम कुमारी अनुप्रिया ने बताया कि हम लोगों ने सुरक्षा के लिए अपना सेल्फ प्रोटेक्शन के लिए आवाज उठाया है. एक गार्ड है वह मोबाइल में ही लगा हुआ था. पुलिस चौकी की व्यवस्था 24 घंटे के लिए दे दिया जाए. जब तक पुलिस चौकी स्टार्ट नहीं हो जाता हम लोग इस स्ट्राइक करेंगे.
"हम लोगों ने सुरक्षा के लिए अपना सेल्फ प्रोटेक्शन के लिए आवाज उठाया है. पुलिस चौकी की व्यवस्था 24 घंटे के लिए दे दिया जाए. हम लोगों को यह कहा गया है कि अभी पुलिस वाला आएगा लेकिन पुलिस चौकी नहीं होगी. जब तक पुलिस चौकी स्टार्ट नहीं हो जाता हम लोग इस स्ट्राइक करेंगे" - कुमारी अनुप्रिया अस्पताल कर्मी.
अस्पताल कर्मियों की पिटाईः बता दें कि पटना रेफर किए जाने से आक्रोशित एक मरीज के परिजनों ने लगभग आधे दर्जन अस्पताल कर्मियों की पिटाई कर दी थी. जिसके विरोध में अस्पताल कर्मियों ने सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर ताला जड़कर अपना विरोध प्रदर्शन किया है. लेकिन इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि उन मरीजों की क्या गलती है जो जिले के दूरदराज इलाके से इलाज की उम्मीद में सदर अस्पताल आए हैं. उन्हें बिना इलाज के ही लौटना पड़ा.
"डिलीवरी होने वाला है दर्द है लेकिन अस्पताल में डॉक्टर नहीं देख रहे हैं. बोले जहां मन में आए वहां ले जाइए तो हम क्या करें. बाहर जाने के लिए खड़े हैं, लेकिन गेट बंद है. गेट खुलेगा तभी न जाएंगे. पेशेंट बहुत परेशान है" - सुनीता देवी परिजन.
"भगवानपुर से मरीज लेकर के आए हैं. रोहुआ पंचायत का है. यहां इनको बहुत बड़ी परेशानी है. उनका इलाज कराने के लिए आए थे यहां पर देख रहे हैं तो अस्पताल बंद है. इसलिए इनको गाड़ी में ही रखे हैं. इनको बहुत ज्यादा परेशानी है. अंदर से बोला गया है कि अस्पताल बंद है" - दरोगा महतो, गाड़ी चालक