वैशाली: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अबतक का सबसे बड़ा हमला बोला है. शराबबंदी कानून को लेकर प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार को अहंकारी तक कह डाला. साथ ही प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए असंवैधानिक शब्दों का भी प्रयोग किया. वहीं बिहार में जातीय जनगणना करवाने पर भी मुख्यमंत्री को जमकर कोसा.
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प्रशांत किशोर भूले शब्दों की मर्यादा: प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जनगणना होने से आपकी (नीतीश कुमार) स्थिति में सुधार हो जाता है तो जनगणना होनी चाहिए. लेकिन सिर्फ जनगणना से आपके हालात में कोई सुधार होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना सिर्फ सरकार और कुछ पत्रकारों की चिंता है. प्रशांत किशोर अपने पद यात्रा के दौरान वैशाली के भगवानपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने आम लोगों से संवाद किया. इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा जातीय जनगणना कराया गया था जिसको जारी करने के लिए आंदोलन करने की जरूरत थी न की एक और सर्वे कराने की.
"बिहार में प्रति व्यक्ति आय ₹35000 है जबकि देश में प्रति व्यक्ति आय ₹145000 है. इसका तो गणना हो चुका है. सरकार को शिक्षा पर काम करना चाहिए लेकिन सरकार बहाना बना रही है कि बिहार में समंदर नहीं है. चीनी मिल चालू करने में कौन सा समंदर चाहिए. पंजाब और तेलंगाना में कौन सा समंदर है. जब बीजेपी के साथ रहते हैं तो मोदी जी का गुणगान करते हैं और अब महागठबंधन के साथ लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए सर्वे करवा रहे हैं."- प्रशांत किशोर, जन सुराज के संयोजक
'जहरीली शराब से मौतों के जिम्मेदारी हैं सीएम नीतीश': प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से सवाल किया कि जातीय जनगणना तो हो चुकी है, आंकड़े जारी नहीं हुए, इसको लेकर सवाल क्यों नहीं किए. जब भाजपा के साथ थे भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया तो आपको अच्छा लग रहा था. आप से होशियार और बिहार की जनता से बेवकूफ कोई नहीं है. आपके अहंकार के कारण सैकड़ों लोगों की अवैध शराब पीकर मृत्यु हो गई, इस पर आप कुछ बोल नहीं रहे हैं. यहां उद्योग नहीं है, लोग बेरोजगारी से मर रहे हैं तो आप कह रहे हैं कि यहां समंदर नहीं है. आप मुख्यमंत्री बने हैं तो जो समंदर था वह क्या हट गया है.