पटना: वैशाली में शुक्रवार को जन सुराज पदयात्रा के 216 वें दिन की शुरुआत वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड से हुई. इस दौरान जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने जमकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना (Prashant Kishore targeted PM Modi in Vaishali ) साधा. उन्होंने कहा कि 2014 से बिहार-यूपी में आधी से अधिक जनता मोदी का नाम तक नहीं जानती थी. उनके लिए मैंने ही प्रचार किया. अब वही लोग मुझसे लड़ते हैं कि पीएम मोदी के आने से काफी सुधार हुआ है. ऐसे लोगों से मैं पूछता हूं कि बिहार के विकास के लिए क्या नरेंद्र मोदी ने एक भी बैठक की. अगर की है तो प्रमाण दें. मैं कल से उनका झंडा लेकर चलने को तैयार हो जाउंगा.
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प्रधानमंत्री पर कसा तंजः प्रशांत किशोर ने आगे प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि उनका पीएम बने नौ साल हो गया. इतने दिनों में उन्होंने बिहार के लिए या बिहार के विकास के लिए एक भी बैठक नहीं की. फिर भी हमलोग उन्हें वोट दिया. ऐसे में गलती हमारी है. हमारे बिहार के युवा मजदूर नहीं बनेंगे तो क्या बनेंगे. अब संकल्प लीजिए कि हम गलत वोट नहीं देंगे. हम अपने बच्चों के लिए वोट देंगे. पीके ने राजापाकर उत्तरी पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरुआत की.
" 2014 से बिहार-यूपी में आधी से अधिक जनता मोदी का नाम तक नहीं जानती थी. उनके लिए मैंने ही प्रचार किया. अब वही लोग मुझसे लड़ते हैं कि पीएम मोदी के आने से काफी सुधार हुआ है. ऐसे लोगों से मैं पूछता हूं कि बिहार के विकास के लिए क्या नरेंद्र मोदी ने एक भी बैठक की. अगर की है तो प्रमाण दें. मैं कल से उनका झंडा लेकर चलने को तैयार हो जाउंगा" -प्रशांत किशोर, जन सुराज संयोजक
बिहार में बन रहे मजदूरः जन सुराज के सयोजक प्रशांत किशोर ने सूबे की सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर भी तंज किया. उन्होंने कहा कि सड़कों पर जो बाइक चलती है, वह हरियाणा और महाराष्ट्र में बनती है. हम जिस सीमेंट से घर बनाते हैं, वह झारखंड व एमपी में बन रही है. गांव में हम जिस बस और ट्रैक्टर से सफर करते हैं वह महाराष्ट्र और गुजरात की फैक्ट्रियों में बनती है. ऐसे में अब ये बताइए कि बिहार में क्या बनता है. बिहार में मजदूर बन रहे हैं. बिहार मैं हमलोग बच्चों को पैदा करते हैं वो दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी का काम करते हैं. हम अपने बच्चों को बड़ा करते हैं और मजदूरी के लिए बाहर भेज देते हैं. देशभर में जिसको जरूरत होता है बोलता है जाओ बिहार से पकड़कर मजदूर लेते आओ. यहां के युवा बाहर एक छोटे कमरे में चार-पांच की संख्या में रहकर काम कर रहे हैं.