वैशाली: जिले के घोसवर गांव में कोरोना संक्रमण का असर भयावह तरीके से देखने को मिला है. जहां पिछले 20 से 25 दिन में बीमार परे 15 लोगों की मौत हो गई है. जिस कारण गांव के लोग पूरी तरह से भय की साये में जी रहे हैं. वहीं चिकित्सा पदाधिकारी इस गांव में हुई मौत को सिरे से नकार रहे हैं.
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भगवान भरोसे जी रहे गांव के लोग
दरअसल हाजीपुर-मुजफ्फरपुर नेशनल हाइवे 22 पर स्थित घोसवर गांव को कोरोना संक्रमण ने बुरी तरह जकड़ रखा है. जिला मुख्यालय हाजीपुर शहर से 12 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र भी है. लेकिन ये उपकेंद्र केवल नाम मात्र का है. इस गावं में करीब एक हजार घर है. जहां गांव के आधे लोग सर्दी खांसी और बुखार होने के कारण बीमार परे हैं.
वहीं गांव में पिछले 20 से 25 दिनों में 15 लोग मौत बीमार पड़ने के बाद हो चुका है. बड़ी बात यह है कि उन्हें ये भी पता नहीं है कि उन्हें कोरोना है या नहीं क्योकि गावं के स्वास्थ्य उपकेंद्र पर कोरोना जांच की व्यवस्था नही है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य उपकेंद्र में डॉक्टर तैनात नहीं हैं और ना ही दवाइयां है. जिस कारण इस गावं के बीमार लोग भगवान भरोसे जी रहे हैं.
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स्वास्थ्य उपकेंद्र में नहीं है जांच की व्यवस्था
बहरहाल घोसवर गांव के राजीव कुमार और रामजी साह ने बताया कि घोसवर गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र जरूर है. लेकिन कभी-कभी खुलता है वही नाम मात्र के जिस कारण इस गांव के गरीब लोगों का इलाज नहीं हो पाता है और ना ही कोरोना का टेस्ट हो रहा है. यहां तक की दवाइयां भी नहीं मिलती जिस कारण इलाज के अभाव में लोग मर रहे हैं.
वहीं सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन ने बताया कि घोसवर गांव थाथन बुजुर्ग पंचायत में पड़ता है और पूरे पंचायत में अप्रैल माह से लेकर अब तक कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है. अप्रैल 2021 से पूर्व इस पंचायत के तीन चार गावं में 13 लोगों की मौत का सूचना है. वहीं कोरोना से किसी की भी मौत नहीं हुई है.