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बोले पशुपति पारस- मैं ही हूं रामविलास पासवान का राजनीतिक उत्तराधिकारी

पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने एक बार फिर एलजेपी पर अपना दावा जताया है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) भले ही राम विलास पासवान की संपत्ति के वारिस हो सकते हैं, लेकिन राजनीतिक उत्तराधिकारी तो मैं ही हूं.

Pashupati Paras
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Published : Aug 23, 2021, 8:48 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 9:06 PM IST

हाजीपुर: केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Union Minister Pashupati Kumar Paras) ने एक बार फिर खुद को राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी बताया है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बेटा होने के नाते चिराग पासवान (Chirag Paswan) बेशक उनकी संपत्ति का उत्तराधिकारी हैं, लेकिन राजनीतिक उत्तराधिकारी तो उन्होंने मुझे ही घोषित किया था.

ये भी पढ़ें: चिराग के 'घर' में घुसकर बोले RCP सिंह- 'जो बुझ गया, उसे क्या घेरना'

मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर पहुंचे केंद्रीय केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस का एलजेपी (LJP) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने अपने बड़े भाई और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) को 'भारत रत्न' देने की मांग दोहराई.

पशुपति कुमार पारस का बयान

पारस ने कहा कि जब तक वे जिंदा रहेंगे हाजीपुर की जनता की सेवा करते रहेंगे और अपने बड़े भाई के अधूरे सपने को पूरा करेंगे. वे आज हाजीपुर की जनता का आभार प्रकट करते हैं, जिनके अपार प्यार व स्नेह के बल पर वे सांसद और भारत सरकार में मंत्री भी बने.

ये भी पढ़ें: Patna News: 27 अगस्त से आशीर्वाद यात्रा के आठवें चरण की शुरुआत करेंगे चिराग

हालांकि इस दौरान पशुपति पारस ने लगातार क्षेत्र से दूर रहने के लिए जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद उनके छोटे भाई रामचंद्र पासवान का निधन हो गया, जिस वजह से वे काफी दुखी रहे, फिर कोरोना और बाद में राम विलास पासवान के देहांत से 2 साल उनके और उनके परिवार के लिए बहुत दुखदायी रहा.

वहीं, चिराग पासवान के असली उत्तराधिकारी होने के दावे पर पशुपति कुमार पारस ने कहा कि पिता की संपत्ति पर कानूनन पुत्र का ही अधिकार होता है. लिहाजा भैया की संपत्ति के असली उत्तराधिकारी भी चिराग पासवान ही हैं, लेकिन उनके असली राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं हूं.

ये भी पढ़ें: पशुपति कुमार पारस के केंद्रीय मंत्री बनने से बिहार को होगा फायदा: सूरजभान सिंह

अपनी बात को मजबूती से रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राम विलास पासवान ने उसी दिन मुझे अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी मान लिया था, जब उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट अलौली से मुझे लड़ने के लिए कहा. पारस ने कहा कि पहले मैं अलौली में उनकी विरासत को संभाला और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी संसदीय सीट हाजीपुर को संभाला.

पारस ने चिराग पर एलजेपी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जिद की वजह से 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार हुई. आज पासवान जी इस दुनिया में नहीं हैं, तो वे किस बात का आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं. उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र जमुई में कार्य करना चाहिए. साथ ही कहा कि अगर चिराग हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो लड़ लें.

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि किसानों की उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है, इसके लिए सरकार कार्य कर रही है. प्रधानमंत्री का फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान है. इससे लोगों को रोजगार मिलता है. जल्द ही हाजीपुर और मुजफ्फरपुर के बीच एक फूस प्रोसेसिंग से जुड़ी यूनिवर्सिटी की स्थापना कराएंगे ताकि हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिल सके.

हाजीपुर: केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Union Minister Pashupati Kumar Paras) ने एक बार फिर खुद को राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी बताया है. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बेटा होने के नाते चिराग पासवान (Chirag Paswan) बेशक उनकी संपत्ति का उत्तराधिकारी हैं, लेकिन राजनीतिक उत्तराधिकारी तो उन्होंने मुझे ही घोषित किया था.

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मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर पहुंचे केंद्रीय केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस का एलजेपी (LJP) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने अपने बड़े भाई और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) को 'भारत रत्न' देने की मांग दोहराई.

पशुपति कुमार पारस का बयान

पारस ने कहा कि जब तक वे जिंदा रहेंगे हाजीपुर की जनता की सेवा करते रहेंगे और अपने बड़े भाई के अधूरे सपने को पूरा करेंगे. वे आज हाजीपुर की जनता का आभार प्रकट करते हैं, जिनके अपार प्यार व स्नेह के बल पर वे सांसद और भारत सरकार में मंत्री भी बने.

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हालांकि इस दौरान पशुपति पारस ने लगातार क्षेत्र से दूर रहने के लिए जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद उनके छोटे भाई रामचंद्र पासवान का निधन हो गया, जिस वजह से वे काफी दुखी रहे, फिर कोरोना और बाद में राम विलास पासवान के देहांत से 2 साल उनके और उनके परिवार के लिए बहुत दुखदायी रहा.

वहीं, चिराग पासवान के असली उत्तराधिकारी होने के दावे पर पशुपति कुमार पारस ने कहा कि पिता की संपत्ति पर कानूनन पुत्र का ही अधिकार होता है. लिहाजा भैया की संपत्ति के असली उत्तराधिकारी भी चिराग पासवान ही हैं, लेकिन उनके असली राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं हूं.

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अपनी बात को मजबूती से रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राम विलास पासवान ने उसी दिन मुझे अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी मान लिया था, जब उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट अलौली से मुझे लड़ने के लिए कहा. पारस ने कहा कि पहले मैं अलौली में उनकी विरासत को संभाला और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी संसदीय सीट हाजीपुर को संभाला.

पारस ने चिराग पर एलजेपी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जिद की वजह से 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार हुई. आज पासवान जी इस दुनिया में नहीं हैं, तो वे किस बात का आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं. उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र जमुई में कार्य करना चाहिए. साथ ही कहा कि अगर चिराग हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं तो लड़ लें.

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि किसानों की उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है, इसके लिए सरकार कार्य कर रही है. प्रधानमंत्री का फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान है. इससे लोगों को रोजगार मिलता है. जल्द ही हाजीपुर और मुजफ्फरपुर के बीच एक फूस प्रोसेसिंग से जुड़ी यूनिवर्सिटी की स्थापना कराएंगे ताकि हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिल सके.

Last Updated : Aug 23, 2021, 9:06 PM IST
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