वैशाली: बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर सदर अस्पताल में लापरवाही से मौत का एक और मामला सामने आया है. यहां प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा की मौत (Mother and child died in Hajipur Sadar Hospital) हो गई. इसके बाद लोगों ने जमकर हंगामा किया. लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. हंगामा की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया.
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पुलिस ने शांत कराया मामलाः गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के कुंवारी चौक निवासी मनीष कुमार की 25 वर्षीय पत्नी शीला देवी 9 माह की प्रेग्नेंट थी. उसे शुक्रवार की शाम सदर अस्पताल की डिलीवरी वार्ड में भर्ती कराया गया था. शनिवार की सुबह में महिला और उसके बच्चे की की मौत हो गई. मौत के बाद शव को अस्पताल कैंपस में रखकर लोगों ने जमकर बवाल काटा. मामला इतना बढ़ गया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से नगर थाना पुलिस को सूचना दी गई और मौके पर पहुंचकर पुलिस ने लोगों समझा-बुझाकर किसी तरह मामला शांत करवाया. वहीं अस्पताल प्रशासन ने मामले में जांच करने का आश्वासन दिया है.
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोपः मृतक महिला के परिजनों का आरोप है कि मरीज को पहले डिलेवरी रूम में नहीं ले गए. मरने के बाद स्लाइन चढ़ाया गया. डिलीवरी वार्ड में मरीज को ले जाने में हुई देरी के कारण जच्चा और बच्चा की मौत हुई है. आरोप है कि मौत के बाद मृतका को सूई लगाने लगे और पानी चढ़ाने लगे. इसके पहले कितनी बार भी कहा गया तो भी मरीज को लेबर वार्ड में लेकर नहीं गए. यही कारण है कि मरीज की मौत के बाद शव को अस्पताल कैंपस में रखकर लोगों ने जमकर बवाल काटा.
बार-बार कहने के बाद भी अस्पतालकर्मियों ने नहीं देखाः परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की शाम सदर अस्पताल की डिलीवरी वार्ड में भर्ती कराया गया था. लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की लापरवाही के कारण शनिवार की सुबह में महिला और उसके गर्भ के बच्चे दोनों की की मौत हो गई. परिजन ने बताया कि महिला दर्द से परेशान थी और उसका इलाज नहीं हो पा रहा था. महिला के परिजन बार-बार अस्पताल कर्मियों से गुहार लगा रहे थे कि उसे डिलीवरी रूम में भर्ती करवा दीजिए. लेकिन काफी देर से उनलोगों की बात सुनी गई. जब डिलीवरी रूम में बेड पर महिला को लिटाया गया तो चंद मिनटों के बाद ही उसकी मौत हो गई.
शुक्रवार की शाम मरीज को किया गया था भर्तीः महिला की परिजन कलवा देवी ने बताया कि शाम 7 बजे लेकर के आए थे. एक घंटे बाद 8 बजे भर्ती किया गया. अस्पताल कर्मियों को जब बुलाने जाते थे तो कहती थी कि जाओ जब दर्द होगा तब भर्ती करेंगे. जब अंतिम समय आ गया था, तब बच्चा होने वाले सीट पर ले जाया गया. तबतक मरीज की मौत हो गई. जब मरीज की मौत हो गई तब डॉक्टर देखने आए. मरीज की मौत होने के बाद ऑक्सीजन लगाया गया और पानी चढ़ाया.
" शुक्रवार को शाम सात बजे अस्पताल लेकर आए थे. आठ बजे उसे भर्ती किया गया. बार-बार बुलाने के बाद भी अस्पतालकर्मी नहीं आए. एकदम अंतिम समय में बेड पर जे जाया गया. तबतक मरीज की मौत हो गई. उसके बाद डॉक्टर देखने आए और ऑक्सीजन तथा पानी चढ़ाया" - कलवा देवी, परिजन
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