वैशालीः बिहार के वैशाली में शहीद के पिता की गिरफ्तारी से पुलिस की खूब किचकिच हुई. वैशाली के जंदाहा चक फतेह से गिरफ्तार शहीद जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह अभी अदालत से बेल मिलने के बाद अपने गांव लौटे हैं. उन्होंने वैशाली पुलिस की सच्चाई बताई कि कैसे उनके साथ गलत व्यवहार किया गया. उन्होंने जो पुलिस के बारे में बताया वह हैरान करने वाला है. ईटीवी भारत के संवाददाता से खास बातचीत उन्होंने पुलिस की करतूत का पर्दाफाश किया.
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आतंकवादी की तरह ले गई पुलिसः राज कपूर सिंह ने कहा कि जेल से बाहर आने की खुशी से ज्यादा पुलिस की गाली से दुखी हूं. आधी रात में आतंकवादी की तरह पुलिस गाली-गलौज करते और मारते पीटते ले गई. उन्होंने कहा कि वे दलान में सोए हुए थे. थाना प्रभारी के साथ पुलिस आई और पूछा कि आप कौन हैं. राज कपूर सिंह ने परिचय दिया तो पुलिस ने वारंट दिखाते हुए थाना चलने के लिए कहा. राज कपूर सिंह चलने के लिए तैयार भी हो गए लेकिन बिछावन से उठने में देर होने पर पुलिस मारपीट करने लगी. कहा गया कि बहुत रंगबाज बनते हो, इसके बाद गाली-गलौज भी की गई.
जंदाहा पुल तक मारते ले गई पुलिसः राज कपूर सिंह ने थाना प्रभारी को बुलाने की बात कही तो घसीटते हुए गाड़ी के पास ले गया. बोरे की तरह गाड़ी में धकेल दिया. जिससे गर्दन पर जख्म हो गया. घर वालों को सूचना तक नहीं देने दिया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस किस आरोप में गिरफ्तार कर रही है, इसके बारे में कोई अंदाजा नहीं था. गाड़ी में थानाध्यक्ष विश्वनाथ राम भी मौजूद थे, जिसके सामने पुलिस वालों ने मारते हुए जंदाहा पुल तक ले गया. उसके बाद थाने में ले जाकर हाजत में बंद कर दिया.
स्मारक को जेसीबी से तोड़ने की धमकीः परिजन जब सुबह में थाने मिलने के लिए गए तो नहीं मिलने दिया गया. उल्टे स्मारक को जेसीबी से तोड़ने की धमकी दी गई. राज कपूर ने कहा कि इसके पीछे क्या साजिश है ये तो सीओ और थाना प्रभारी समझेंगे. पीछे हरीनाथ राम की जमीन है, जिस पर रास्ते का कोई दिक्कत नहीं है. ट्रैक्टर जाने का रास्ता है. सरकारी नापी हुआ है, जिसमें 20 फीट सरकारी जमीन दखल किए हुए है. पहले से ही विवाद चल रहा था. सामाजिक स्तर पर भी फैसला हुआ लेकिन फैसला नहीं हुआ.
थाना प्रभारी को भगवान माफ नहीं करेगाः पुलिस ने जो व्यवहार किया वह बताने लायक नहीं है. जिसका बेटा बॉर्डर पर देश के लिए शहीद हो गया उसके पिता के साथ इस तरह की बात हुई है. एक बेटा शहीद हुआ एक फौज में है. बाकी दोनों बेटों को भी फौज में भेजने की तैयारी है. बावजूद इस तरीके का खेल हो रहा है. इसके लिए प्रशासन उचित कार्रवाई करें. थाना प्रभारी को हम माफ कर देंगे लेकिन ऊपर वाला माफ नहीं करेगा.
उच्च स्तरीय जांच की मांगः जय किशोर की बहाली 2018 में हुई थी. 15 जून 2020 को शहीद हुए थे. तेजस्वी यादव के प्रयास से स्मारक निर्माण का रास्ता साफ हुआ था. जय किशोर इसी स्कूल में पढ़े हैं और यह हाईस्कूल की संपत्ति है. इसलिए यह स्मारक बनाया गया. शनिवार की रात 11 बजे के करीब राज कपूर सिंह की गिरफ्तारी जंदाहा थाना पुलिस के द्वारा की गई थी. जिसके बाद से यह मामला तूल पकड़ा था. यहां तक कि विधानसभा में इस मुद्दा को उठाया गया था. उच्च स्तरीय जांच भी इस मामले की चल रही है.
"रात में पुलिस आतंकवादी की तरह हमें मारते पीटते ले गई. कारण पूछा तो और गाली गलौज और मारपीट की. परिजनों को सूचना तक नहीं देने दिया गया. जिस तरह से एक शहीद के पिता के ऐसा किया गया है. हम माफ कर देंगे लेकिन भगवान माफ नहीं करेगा. थानाध्यक्ष विश्वनाथ राम के द्वारा मारपीट की गई है. बोरे के तरह गाड़ी में लोड कर ले गया, जिससे गर्दन में जख्म हो गए हैं. प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग करते हैं. " -राज कपूर सिंह, शहीक के पिता