वैशाली: भारतीय सेना या अर्द्धसैनिक बल के जवान वतन की हिफाजत के लिए अपनी जान की बाजी लगा लेते हैं. जवानों के शहीद होने के बाद उनकी अंतिम विदाई भी बेहद खास होती है और उनकी राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि की जाती है. लेकिन वैशाली से शहीद जवान को सलामी देते समय बड़ी चूक सामने आई है.
अरुणाचल प्रदेश में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ करते हुए वैशाली के लाल सीआरपीएफ जवान राकेश कुमार शुक्ला शहीद हो गए. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव वैशाली जिला के रामपुरानी लाया गया, जहां उन्हें सीआरपीएफ के जवानों ने सलामी दी. हांलाकि शहीद जवान राकेश कुमार शुक्ला को सलामी देते समय अपमान की बात समाने आई है.
'जमीन पर रखकर किया गया अपमान'
हाजीपुर के कोनहारा घाट में जिला पुलिस के जवान द्वरा पार्थिव शरीर को सलामी दी गई. इस दौरान तिरंगे से लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर जमीन पर रखा गया था. जानकारों का कहना है कि शहीद के पार्थिव शरीर को जमीन पर रखकर उनका अपमान किया गया है. वहीं, लोगों का यह भी कहना है कि बिहार पुलिस के जवान ट्रिगर दबाते रह गए. लेकिन उनके बंदूक से गोलियां नहीं निकलीं.
इस पूरे मामले पर आपत्ति जताते हुए पूर्व सांसद स्वर्गीय रामविलास पासवान के सांसद प्रतिनिधि अवधेश सिंह ने बताया कि जो भी हुआ यह ठीक नहीं हुआ. इस तरीके से सम्मान देना कतई ठीक नहीं है. इसमें सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मांग की है कि अगर इसके लिए कोई कानून नहीं है, तो कानून बनाया जाना चाहिए.
'पार्थिव शरीर को नीचे रखकर सम्मान देना ठीक नहीं'
वहीं, 32 बिहार बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनमोहन ठाकुर ने कहा कि पार्थिव शरीर को नीचे रखकर सम्मान देना ठीक नहीं है. जिला प्रशासन से सुधार की बात कही है. उन्होंने कहा कि इन तमाम तस्वीरों को देख कर यह कहा जा सकता है कि क्या ऐसे ही हम शहीदों का सम्मान करेंगे?, जबकि प्रधानमंत्री मोदी लगातार हमारे जवानों का हौसला अफजाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है. साथ ही उन्होंने कहा कि तिरंगे से लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर जमीन पर रखकर जावान के साथ-साथ तिरंगे का भी अपमान किया गया है.