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एक शिक्षिका के भरोसे चल रहा है कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, कैसे पढ़ेंगे बच्चे? - वैशाली

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शिक्षकों के साथ सुविधाओं की भी घोर कमी है. यहां हिंदी, साइंस, अंग्रेजी, मैथ, सामाजिक विज्ञान जैसे सब्जेक्ट्स के लिए शिक्षक नहीं हैं. इसके साथ ही एक टीचर के सहारे 70 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.

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कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शिक्षकों की घोर कमी
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Published : Jan 6, 2020, 9:21 AM IST

वैशाली: हाजीपुर प्रखंड के सुभई गांव स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शिक्षकों के साथ सुविधाओं की भी घोर कमी है. यहां एक आर्ट एंड क्राप्ट की शिक्षिका के सहारे 70 छात्राओं को तालीम दी जा रही है. यही नहीं स्कूल परिसर की बाउंड्री छोटी होने से यहां पढ़ने वाली छात्राओं को असुरक्षित महसूस होता है.

कई सब्जेक्ट्स के लिए नहीं हैं शिक्षक
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में हिंदी, साइंस, अंग्रेजी, मैथ, सामाजिक विज्ञान जैसे सब्जेक्ट्स के लिए शिक्षक नहीं हैं. जिससे यहां की छात्राएं इन सब्जेक्ट्स की पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं. आठवीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा स्वाति ने बताया कि आने वाली परीक्षा को लेकर हम सभी छात्राएं काफी डरी हुई हैं. छात्राओं ने मुख्यमंत्री और संबंधित शिक्षा विभाग के अधिकारी से इस समस्या को जल्द दूर करने की मांग की है.

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छात्राएं

छोटी बाउंड्री की वजह से असामाजिक तत्वों का डर
स्कूल की बिल्डिंग का मेंटेनेंस तक नहीं हुआ है. परिसर में लगे चापाकल खराब पड़े हुए हैं. वहीं स्कूल की बाउंड्री काफी छोटी होने से असामाजिक तत्वों का डर बना रहता है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत इस स्कूल को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 60 प्रतिशत और राज्य सरकार की तरफ से 40 प्रतिशत राशि दी जाती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अभी तक सिर्फ आश्वासन
स्कूल में आर्ट एंड क्राप्ट की शिक्षका माधुरी कुमारी ने बताया कि यहां वार्डन तक नहीं है. कई विषयों के शिक्षक पद महीनों से खाली हैं. उन्होंने बताया कि स्थिति का जायजा लेने डीएम उदिता सिंह भी आई थी, लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है.

वैशाली: हाजीपुर प्रखंड के सुभई गांव स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शिक्षकों के साथ सुविधाओं की भी घोर कमी है. यहां एक आर्ट एंड क्राप्ट की शिक्षिका के सहारे 70 छात्राओं को तालीम दी जा रही है. यही नहीं स्कूल परिसर की बाउंड्री छोटी होने से यहां पढ़ने वाली छात्राओं को असुरक्षित महसूस होता है.

कई सब्जेक्ट्स के लिए नहीं हैं शिक्षक
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में हिंदी, साइंस, अंग्रेजी, मैथ, सामाजिक विज्ञान जैसे सब्जेक्ट्स के लिए शिक्षक नहीं हैं. जिससे यहां की छात्राएं इन सब्जेक्ट्स की पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं. आठवीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा स्वाति ने बताया कि आने वाली परीक्षा को लेकर हम सभी छात्राएं काफी डरी हुई हैं. छात्राओं ने मुख्यमंत्री और संबंधित शिक्षा विभाग के अधिकारी से इस समस्या को जल्द दूर करने की मांग की है.

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छात्राएं

छोटी बाउंड्री की वजह से असामाजिक तत्वों का डर
स्कूल की बिल्डिंग का मेंटेनेंस तक नहीं हुआ है. परिसर में लगे चापाकल खराब पड़े हुए हैं. वहीं स्कूल की बाउंड्री काफी छोटी होने से असामाजिक तत्वों का डर बना रहता है. सर्व शिक्षा अभियान के तहत इस स्कूल को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 60 प्रतिशत और राज्य सरकार की तरफ से 40 प्रतिशत राशि दी जाती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अभी तक सिर्फ आश्वासन
स्कूल में आर्ट एंड क्राप्ट की शिक्षका माधुरी कुमारी ने बताया कि यहां वार्डन तक नहीं है. कई विषयों के शिक्षक पद महीनों से खाली हैं. उन्होंने बताया कि स्थिति का जायजा लेने डीएम उदिता सिंह भी आई थी, लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है.

Intro:लोकेशन: वैशाली ।
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

: वैशाली जिले के हाजीपुर प्रखण्ड क्षेत्र के सुभई गांव स्थित सरकारी कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय एक आर्ट एवं क्राप्ट की शिक्षिका के सहारे 70 छात्राओं को तालीम दी जा रहीं हैं ।यहीं नहीं स्कूल परिसर की छोटी बाउंडरी इन्हें असुरक्षित प्रदान करती हैं।


Body:: केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा राशि से चलाये जा रहें जिले के हाजीपुर प्रखण्ड के सुभई गांव स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में मात्र एक शिक्षिका के सहारे यहां की 70 से ज्यादा छात्राओं को पढ़ाया जा रहा हैं। यहां पढ़ने वाली सभी छात्राओं को हिंदी, साइंस, अंग्रेजी, मैथ, सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों के लिये शिक्षिका उपलब्ध नहीं हैं।

यहा एक मात्र जो शिक्षिका हैं वह आर्ट एंड क्राप्ट की हैं। छात्राओं की मानें तो यहा विषय के शिक्षिका नहीं होने से वे कुछ विषय को छोड़कर कई विषयों में काफी कमजोर महसूस कर रहीं हैं।आठवीं क्लास में पढ़ने वाली स्वाति नामक छात्रा की मानें तो आने वाले परीक्षा को लेकर हम सभी छात्रा काफी डरे हुए हैं । उसने मीडिया के माध्यम से प्रदेश के शिक्षा मंत्री, मुख्यमंन्त्री और संबंधित शिक्षा विभाग के अधिकारी से समस्या को यथा शीघ्र दूर करने की अपनी मांग दुहरायी हैं।

Etv भारत द्वारा यहा पड़ताल करने पर पाया गया कि स्कूल की बिल्डिंग की मेंटेनेंस तक नहीं हुआ हैं। स्कूल परिसर में लगें चापाकल खराब पड़े हुए हैं। वहीं स्कूल के बाउंड्री काफी छोटा होने के चलते असामाजिक तत्वों का आने की काफी आशंका बनी रहती हैं।

सभी छात्राओं ने सरकार से बाउंडरी की हाइट को जल्द बढ़ाने के लिये आग्रह किया हैं।

यहां की स्थिति को देखने के लिये जिले के डीएम उदिता सिंह भी आई थी ।

केंद्र सरकार का 60% राज्य सरकार का 40% राशि से इस आवासीय स्कूल की खर्च चलती हैं । सर्व शिक्षा अभियान के तहत यह राशि इस स्कूल को मिलती हैं ।
स्कूल में आर्ट एंड क्राप्ट की शिक्षका माधुरी कुमारी ने Etv भारत को बताई की यहा वार्डन तक नहीं हैं। उसने आगें बताया कि हिंदी, साइंस सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों की शिक्षिका का पद बहुत महिनों से रिक्त पड़ा हुआ हैं ।पर इस बाबत अभी तक सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला हैं।


Conclusion:बहरहाल, इनकी समस्या यथावत बनी हुई हैं ।

स्टोरी PKG रेडी तो अपलोड स्टोरी ।

01.VO
OPEN PTC संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
बाइट: स्वाति छात्रा क्लास 8
बाइट: नेहा क्लास 8
बाईट्: धूपी
बाइट: माधुरी कुमारी शिक्षिका आर्ट एंड क्राप्ट कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल
02.VO
CLOSE PTC संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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