वैशाली: विवादों से नाता रखने वाले हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi in Vaishali) ने वैशाली में एक बार फिर अपने विवादित बयान को दोहराते हुए श्रीराम को मानने से साफ-साफ इंकार कर दिया. राहुल सांकृत्यायन, लोकमान्य तिलक और सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए अपनी बात पर जीतनराम मांझी डटे हुए हैं. जीतनराम मांझी ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट कहता है कि राम काल्पनिक है तो उनकी बात नहीं होती है, लेकिन मैं उसी बात को कहता हूं तो लोग विरोध करते हैं.
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बोचहां उपचुनाव परिणाम पर मांझी: वहीं, बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) में एनडीए की हार पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी जिस मकसद से चुनाव लड़े थे उसने उन्हें सफलता मिली है. नियम के अनुसार अमर पासवान को एनडीए से टिकट मिलना चाहिए था. एनडीए में कोर्डिनेशन की कमी दिखी और हम लोगों के मन की बात नहीं सुनी गई.
जीतनराम का विवादों से रहा नाता: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी लगातार विवादित बयान देकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं. यही कारण है कि कभी श्रीराम पर विवादित बयान देते हैं तो कभी एनडीए गठबंधन में शामिल होकर भी बिहार सरकार की जमकर आलोचना करते हैं. बोचहां उपचुनाव परिणाम को लेकर जिस तरीके से उन्होंने मुकेश सहनी को अपने मकसद में कामयाब बताया है, इससे एनडीए के अन्य नेता भी सोच में पड़ गए होंगे. मुजफ्फरपुर से लौटने के दौरान वैशाली के भगवानपुर रत्ती में कार्यकर्ताओं ने उनका फूल माला से स्वागत किया. इसके बाद जीतनराम मांझी लालगंज प्रखंड के पौरा मदन गांव पहुंचे, जहां एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए.
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