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JDU ने निकाली वैशाली में सम्राट अशोक की शौर्य यात्रा, बोले कुशवाहा- लेखक से 'पद्मश्री' वापसी तक करेंगे आंदोलन

जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) ने वैशाली में सम्राट अशोक की शौर्य यात्रा (Shaurya Yatra of Emperor Ashoka) की शुरुआत करते हुए जेडीयू कार्यकर्ताओं को शपथ भी दिलवाई. इस दौरान उन्होंने फिर दोहराया कि हमलोग तब तक आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे, जब तक कि विवादित बयान देने वाले लेखक दया प्रकाश सिन्हा से पद्मश्री वापस नहीं हो जाता है.

वैशाली में जेडीयू की यात्रा
वैशाली में जेडीयू की यात्रा
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Published : Jan 25, 2022, 4:06 PM IST

वैशाली: सम्राट अशोक और औरंगजेब की तुलना (Comparison Between Ashoka and Aurangzeb) करने वाले लेखक दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ प्रदर्शन (Protest Against Daya Prakash Sinha) का दौर जारी है. मंगलवार को जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) की अगुवाई में वैशाली में जेडीयू की ओर से सम्राट अशोक की शौर्य यात्रा (Shaurya Yatra of Emperor Ashoka) निकाली गई. यह यात्रा वैशाली से राजधानी पटना के कुम्हरार तक निकाली गई.

ये भी पढ़ें: सम्राट अशोक और औरंगजेब की तुलना पर सियासी घमासान, JDU की नाराजगी के बाद BJP ने लेखक पर दर्ज कराया FIR

इस यात्रा की शुरुआत करते हुए पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि विवादित टिप्पणी के विरोध में पुरस्कार वापसी और पुस्तक पर प्रतिबंध की मांग को लेकर वैशाली से कुम्हरार तक यात्रा निकाली गई है. उन्होंने कहा कि देश में अलग-अलग धाराओं के लोग रहते हैं. साजिश के तहत सम्राट अशोक को अपमानित करने का काम किया गया है. हमारे इतिहास में वास्तव में अशोक सम्राट महान हैं. उनको जो कलंकित करने की जो कोशिश की गई है, उसको नाकामयाब करेंगे.

सम्राट अशोक पर इस तरह की टिप्पणी करने वालों से पुरस्कार वापसी होना चाहिए. इस मामले में बीजेपी का भी हमें समर्थन प्राप्त है, फिर भी अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो आगे भी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी. हमारा ये आंदोलन आगे भी चलता रहेगा"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

ये भी पढ़ें: सम्राट अशोक पर BJP नेता के विवादित बयान पर बोले ललन सिंह- 'ऐसे व्यक्ति का वापस लें पद्मश्री

दरअसल, पद्मश्री से सम्मानित दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक पर विवादित बयान देते हुए उनकी तुलना क्रूर औरंगजेब से कर दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दया प्रकाश सिन्हा ने कहा था, 'सम्राट अशोक क्रूर, कामुक और बदसूरत थे. उन्होंने अशोक को भाई का हत्यारा बताकर उनकी तुलना क्रूर औरंगजेब से कर दी. उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक बेहद बदसूरत और कामुक थे. देश के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में सम्राट अशोक के उजले पक्ष को ही शामिल किया गया है, जबकि उनकी असलियत इससे अलग भी थी. श्रीलंका के तीन बौद्ध ग्रंथों का उन्होंने हवाला देकर ये बयान दिया था.'

आपको बताएं कि संजय जायसवाल ने दया प्रकाश के खिलाफ पटना के कोतवाली थाने में मामला भी दर्ज करवा दिया है, लेकिन इसके बावजूद बिहार में सम्राट अशोक पर की गई इस अमर्यादित टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. तमाम जगहों पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. फुले समता परिषद ने लेखक पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है. नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर लेखक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो देशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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वैशाली: सम्राट अशोक और औरंगजेब की तुलना (Comparison Between Ashoka and Aurangzeb) करने वाले लेखक दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ प्रदर्शन (Protest Against Daya Prakash Sinha) का दौर जारी है. मंगलवार को जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) की अगुवाई में वैशाली में जेडीयू की ओर से सम्राट अशोक की शौर्य यात्रा (Shaurya Yatra of Emperor Ashoka) निकाली गई. यह यात्रा वैशाली से राजधानी पटना के कुम्हरार तक निकाली गई.

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इस यात्रा की शुरुआत करते हुए पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि विवादित टिप्पणी के विरोध में पुरस्कार वापसी और पुस्तक पर प्रतिबंध की मांग को लेकर वैशाली से कुम्हरार तक यात्रा निकाली गई है. उन्होंने कहा कि देश में अलग-अलग धाराओं के लोग रहते हैं. साजिश के तहत सम्राट अशोक को अपमानित करने का काम किया गया है. हमारे इतिहास में वास्तव में अशोक सम्राट महान हैं. उनको जो कलंकित करने की जो कोशिश की गई है, उसको नाकामयाब करेंगे.

सम्राट अशोक पर इस तरह की टिप्पणी करने वालों से पुरस्कार वापसी होना चाहिए. इस मामले में बीजेपी का भी हमें समर्थन प्राप्त है, फिर भी अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो आगे भी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी. हमारा ये आंदोलन आगे भी चलता रहेगा"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

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दरअसल, पद्मश्री से सम्मानित दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक पर विवादित बयान देते हुए उनकी तुलना क्रूर औरंगजेब से कर दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दया प्रकाश सिन्हा ने कहा था, 'सम्राट अशोक क्रूर, कामुक और बदसूरत थे. उन्होंने अशोक को भाई का हत्यारा बताकर उनकी तुलना क्रूर औरंगजेब से कर दी. उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक बेहद बदसूरत और कामुक थे. देश के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में सम्राट अशोक के उजले पक्ष को ही शामिल किया गया है, जबकि उनकी असलियत इससे अलग भी थी. श्रीलंका के तीन बौद्ध ग्रंथों का उन्होंने हवाला देकर ये बयान दिया था.'

आपको बताएं कि संजय जायसवाल ने दया प्रकाश के खिलाफ पटना के कोतवाली थाने में मामला भी दर्ज करवा दिया है, लेकिन इसके बावजूद बिहार में सम्राट अशोक पर की गई इस अमर्यादित टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. तमाम जगहों पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. फुले समता परिषद ने लेखक पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है. नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर लेखक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो देशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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